Kishtwarh: जिले 100 हिम तेंदुओं के होने का अनुमान, वन्यजीव संरक्षण विभाग इनके संरक्षण के प्रयास
जिला किश्तवाड़ देश में हिम तेंदुओं के लिए एक प्रमुख निवास स्थान के रूप में उभरा है। सर्वेक्षण में पहाड़ी क्षेत्रों में 20 हिम तेंदुओं के होने का पता चला है। सर्वेक्षण जारी है। किश्तवाड़ जिले में करीब 100 हिम तेंदुओं के होने का अनुमान जताया जा रहा है। वन्यजीव संरक्षण विभाग इनके संरक्षण के प्रयास कर रहा है। हिम तेंदुए देश के विभिन्न क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ । जिला किश्तवाड़ देश में हिम तेंदुओं के लिए एक प्रमुख निवास स्थान के रूप में उभरा है। सर्वेक्षण में पहाड़ी क्षेत्रों में 20 हिम तेंदुओं के होने का पता चला है। सर्वेक्षण जारी है। किश्तवाड़ जिले में करीब 100 हिम तेंदुओं के होने का अनुमान जताया जा रहा है। वन्यजीव संरक्षण विभाग इनके संरक्षण के प्रयास कर रहा है। हिम तेंदुए देश के विभिन्न क्षेत्रों में पाए जाते हैं। लद्दाख के बाद किश्तवाड़ में इनकी संख्या सबसे अधिक है। इन हिम तेंदुओं के दिखने से पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
पर्वतीय एवं पर्यावरण संस्थान, जम्मू विश्वविद्यालय के प्रभारी डॉ. नीरज शर्मा के मार्गदर्शन में वन्यजीव संरक्षण विभाग के सहयोग से एनडीएफ जम्मू डा. पंकज चंदन और एनसीएफ मैसूर डा. मुनीब सहित संरक्षणवादियों व शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक व्यापक सर्वेक्षण किया। संकटग्रस्त प्रजाति के रूप में वर्गीकृत हिम तेंदुए 12 देशों में फैले हिमालय पर्वत श्रृंखला सहित पूरे मध्य एशिया में पर्वतीय आवासों में शरण पाते हैं। ये हिम तेंदुए मुख्य रूप से आइबेक्स, ब्लू शीप, मर्मोट्स और लैगोमार्फ का शिकार करते हैं।