Land Sinks In Jammu Kashmir: रामबन में धंसी जमीन, आपदा की चपेट में आए 50 आशियाने; लोगों में मचा हडकंप
Land Sinks in Jammu Kashmir जम्मू कश्मीर के रामबन में जमीन धंसने लगी। जमीन धंसने का कारण का पता लगाने के लिए जियोलाजिकल विशेषज्ञ को बुलाया जाएगा। प्रशासनिक आंकड़ों के मुताबिक 50 परिवार के 350 लोग इस आपदा से पीड़ित हैं। डीसी ने परनोत गांव का दौरा कर वहां पर पर स्थिति का जायजा लिया। इसके साथ ही उन्होंने प्रभावितों के साथ मुलाकात कर उनसे बातचीत की।
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर। Land Sinks in Jammu Kashmir: रामबन जिले के परनोत में जमीन धंसना एक प्राकृतिक आपदा है। इस आपदा की जद में वहां के 50 घर आए हैं, जिसमें से 30 बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जबकि 20 मकानों में हल्की दरारें आने से उनके भी क्षतिग्रस्त होने का खतरा बना हुआ है।
इनके अतिरिक्त 10 और घर पर खतरा मंडरा रहा है। शुक्रवार को परनोत गांव का जायजा लेने पहुंचे डीसी रामबन बसीर-उल-हक ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित लोगों का पुनर्वास और बिजली-सड़क को यथाशीघ्र बहाल करना प्रशासन की प्राथमिकता है।
50 परिवार आपदा से पीड़ित
जमीन धंसने का कारण का पता लगाने के लिए जियोलाजिकल विशेषज्ञ को बुलाया जाएगा। प्रशासनिक आंकड़ों के मुताबिक 50 परिवार के 350 लोग इस आपदा से पीड़ित हैं। डीसी रामबन बसीर-उल-हक ने शुक्रवार को रामबन जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित परनोत-ए पंचायत के परनोत गांव का दौरा किया। उनके साथ एडीसी, एसीडी व अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
#WATCH | Ramban, J&K: Due to the sinking of land for about 1 km at the Ramban-Gool road since last night, about 30 houses have been damaged in Pernote village, 6 Km from Ramban. pic.twitter.com/DEWjT4Vy9o
डीसी ने लिया जायजा
डीसी ने परनोत गांव का दौरा कर वहां पर पर स्थिति का जायजा लिया। इसके साथ ही उन्होंने प्रभावितों के साथ मुलाकात कर उनसे बातचीत की। उन्होंने लोगों को हरसंभव सहयोग और नियमों के मुताबिक उचित मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया। डीसी ने वीरवार को परनोत में जमीन धंसने को प्राकृतिक आपदा बताते हुए कहा कि इस आपदा से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करना पहली प्राथमिकता है। उनके लिए अस्थाई तौर पर उनकी रिहायश के लिए टेंटों या अन्य व्यवस्थाएं कर रहने का इंतजाम किया जाएगा।
पूरा इलाका अभी भी धंसा हुआ
इसके अलावा वहां सड़क और बिजली आपूर्ति बहाल करना भी प्रशासन की प्राथमिकता में है। करीब एक किलोमीटर का पूरा इलाका अभी भी धंस रहा है। ऐसे में फौरन सड़क निर्माण शुरू नहीं किया जा सकता, मगर लोगों के लिए जल्द ही वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराया जाएगा। जिला प्रशासन रेलवे प्रशासन से भी बात कर उसके सहयोग से भी लोगों को सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा। लोगों का जितना नुकसान हुआ है, उसका आकलन कर निर्धारित नियमों के मुताबिक उचित मुआवजा भी दिलाया जाएगा।
चौबीसों घंटे पीड़ितों की मदद तो तैनात रहेगी प्रशासन की टीम
बिजली आपूर्ति लाइनों के ट्रांसमिशन टावर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। चूंकि अभी जमीन धंसने का सिलसिला जारी है, इसलिए इसको ठीक करने में समय लगेगा। मगर प्रशासन का प्रयास होगा कि सड़क सपंर्क के साथ स्थानीय क्षेत्र में जल्द बिजली बहाल की जाए।
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जमीन धंसने के कारणों का पता जियोलाजी विभाग के विशेषज्ञ ही लगा सकते हैं। इसके लिए उनको भी जल्द बुलाया जाएगा। उन्होंने लोगों के किसी भी स्थिति में परेशान न होने तथा हड़बड़ी न करने की अपील की है। उन्होंने कहा आपात स्थिति में सबसे पहले जान बचाएं। ऐसी स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया आवश्यक होती है। इसलिए प्रशासन की ओर से चौबीसों घंटे टीम को तैनात किया जाएगा। यह टीम पूरे इलाके का जायजा लेने के साथ आवश्यक सुविधाएं जल्द बहाली करने से लेकर आपात स्थिति में त्वरित राहत व मदद कार्य संचालित करेगी।