J&K Election: प्रधानमंत्री के रोड शो के बाद कटड़ा में छा गया कृष्णा, Narendra Modi App पर आई तस्वीर
कटड़ा के कृष्णा दुबे अचानक चर्चा में आ गए हैं। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कटड़ा रोड शो के दौरान कृष्णा की तस्वीर नरेंद्र मोदी एप पर आ गई। इसके बाद से ही उन्हें लगातार फोन आ रहे हैं। कृष्णा ने बताया कि उनका सपना था कि वह पीएम मोदी को अपनी जन्मस्थली कटड़ा में देखें। 26 मार्च 2014 को कृष्णा पहली बार पीएम मोदी से मिले थे।
संवाद सहयोगी, कटड़ा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीरवार को कटड़ा में रोड शो किया था। उसके बाद से यहां का एक स्थानीय युवा अचानक बेहद प्रसिद्धी पा गया है। नरेन्द्र मोदी एप में कटड़ा के वार्ड तीन की कृष्णा गली के रहने वाले कृष्णा दुबे पुत्र संजय कुमार का चित्र आया है। इसके बाद से उसे लगातार उसके दोस्तों, रिश्तेदारों व अन्य परिचितों के फोन आ रहे हैं। स्थानीय लोग भी अब उसे जानने लगे हैं।
कृष्णा का सपना हुआ पूरा
कृष्णा दुबे ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उसका सपना था कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी जन्मस्थली कटड़ा में देखे, जो दस साल बाद अब जाकर पूरा हुआ है। 26 मार्च 2014 को मां वैष्णो देवी के दरबार में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात हुई थी तो वह महज आठ वर्ष का था।
वैष्णो देवी के दरबार में पीएम मोदी से मिला था कृष्णा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक खुद प्रत्याशी थे और जीत के लिए मां वैष्णो देवी का आशीर्वाद लेने आए थे। कृष्णा ने बताया कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की आस लेकर दस वर्ष पूर्व उनसे हुई मुलाकात का चित्र हाथ में पकड़े कटड़ा में उनके रोड शो के समय सड़क किनारे खड़ा था, ताकि प्रधानमंत्री की उस पर नजर पड़े। आखिरकार उसका सपना पूरा हो गया और अब वह अचानक प्रसिद्ध हो गया है।यह भी पढ़ें- J&K Terror Attack: किश्तवाड़ के जंगल में घिरे दो से तीन आतंकी, बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी
...जब प्रधानमंत्री ने स्नेह से कृष्णा के पकड़े थे कान
इस समय कृष्णा जम्मू विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन कर रहा है और सेना में शामिल होने के लिए प्रयास कर रहा है। कृष्णा के पिता संजय कुमार ने बताया कि वह बचपन से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रभावित था। यही वजह है जब दस साल पूर्व 26 मार्च 2014 को प्रधानमंत्री भवन आए तो उसकी जिद पर वर्षा के बीच उसे लेकर वे वहां पहुंचे थे। आखिरकार उसकी प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई। उन्होंने उसे आशीर्वाद दिया और स्नेह से उसके दोनों कानों को पकड़ा था, जिसका चित्र अब भी कृष्णा संभालकर रखे हुए है।यह भी पढ़ें- ये चार जिले तय करेंगे कांग्रेस का भविष्य, 10 साल पहले नहीं खुला था खाता; टिकट वितरण की नाराजगी बनी सिरदर्द
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