Maharaja Hari Singh Jayanti: सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के बीच निकाली गई बाइक रैली, युवाओं का उमड़ा जनसैलाब
Maharaja Hari Singh Jayanti 2023 महाराजा हरि सिंह के 129वें जन्मदिवस पर युवाओं ने बाइक रैली का आयोजन किया। रैली सुबह डीआर होटल कल्लर से शुरू हुई। महाराजा हरि सिंह राजपुताना और डोगरा समाज के जयघोष लगाते हुए कल्लर वीनस चौक मुख्य डाकघर सलाथिया चौक डीसी दफ्तर सुभाष चौक और जखैनी चौक होते हुए संसार पैलेस पहुंच कर संपन्न हुई।
By amit mahiEdited By: Himani SharmaUpdated: Sat, 23 Sep 2023 03:27 PM (IST)
ऊधमपुर, जागरण संवाददाता: महाराजा हरि सिंह के 129वें जन्मदिवस पर युवा राजपूत सभा ऊधमपुर की ओर से भव्य दोपहिया रैली निकाली गई। जिसमें राजपूत सहित डोगरा समाज व युवाओं ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। रैली का विभिन्न संगठनों की ओर से रैली का स्वागत किया और पानी और जूस वितरित किया।
जम्मू कश्मीर के अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह की 129वें जन्मदिवस को लेकर युवा राजपूत सभा की ओर से दोपहिया वाहन रैली निकाली गई। रैली सुबह डीआर होटल कल्लर से शुरू हुई। महाराजा हरि सिंह, राजपुताना और डोगरा समाज के जयघोष लगाते हुए कल्लर, वीनस चौक, मुख्य डाकघर, सलाथिया चौक, डीसी दफ्तर, सुभाष चौक और जखैनी चौक होते हुए संसार पैलेस पहुंच कर संपन्न हुई।
डोगर समुदाय ने लिया बढ़चढ़ कर भाग
रैली में बड़ी संख्या में राजपूत बिरादरी के अलावा डोगर समुदाय से युवाओं व अन्य ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। रैली के आयोजकों ने युवा राजपूत सभा को राजपूत बिरादरी नहीं बल्कि सारे डोगरा समाज का मिला समर्थन बताता है कि महाराजा हरि सिंह डोगरों के लिए क्या अहमियत रखते हैं। उन्होंने भविष्य में युवा राजपूत सभा और भी विशाल और भव्य रैली का आयोजन करेगी।यह भी पढ़ें: दुल्हन की तरह सज गया पूरा जम्मू-कश्मीर...धूमधाम से मनाई जाएगी राजा हरि सिंह की जयंती, भव्य रैली का होगा आयोजन
युवा राजपूत सभा की ओर से भी निकाली गई रैली
रैली में शामिल पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता एवं डोगरा क्रांति दल के मुख्य संरक्षक बलवंत सिंह मनकोटिया ने कहा कि युवा राजपूत सभा की ओर से रैली निकाली गई। जिसमें वह डोगरा क्रांति दल के युवाओं के साथ शामिल हुए हैं। मनकोटिया ने कहा कि आज जम्मू कश्मीर के लोग यदि भारतीय नागरिक हैं तो केवल महाराजा हरि की बदौलत।जम्मू-कश्मीर की जनता नहीं भूल सकती योगदान
जम्मू कश्मीर राज्य के भारत के साथ विलय के लिए महाराजा के योगदान को जम्मू कश्मीर की जनता नहीं भूला सकती। क्योंकि जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान के साथ विलय करने के लिए महाराजा पर भारी दबाव था। मगर महाराजा ने सबकुछ नजरंदाज कर अपनी दूरदर्शिता से जम्मू कश्मीर के लोगों के हित के लिए जम्मू कश्मीर का साथ भारत के साथ विलय किया।
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