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अचानक लोड हो गई बंदूकें, चारों ओर से घेराबंदी... विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल पर जब मंडराया आतंकी खतरा!

चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च पुल और अंजी नदी पर स्थित भारत के पहले केबल-स्टे रेलवे पुल पर सुरक्षा तैयारियों का प्रदर्शन करते हुए पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने एक जबरदस्त मॉक ड्रिल की। इस अभ्यास में पुलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ किसी भी संभावित आतंकी हमले या आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने की क्षमता का परीक्षण किया गया।

By Rajesh Dogra Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 12 Nov 2024 08:50 PM (IST)
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विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल पर हुआ मॉक ड्रिल
संवाद सहयोगी, रियासी। रियासी जिले में चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च पुल और अंजी नदी पर स्थित भारत के पहले केबल-स्टे रेलवे पुल पर सुरक्षा तैयारियों का प्रदर्शन करते हुए पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने एक जबरदस्त मॉक ड्रिल की।

इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य दोनों पुलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ किसी भी संभावित आतंकी हमले या आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देना था।

मंगलवार को हुई इस मॉक ड्रिल में पुलिस, सेना, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी), सीआरपीएफ, आरपीएफ, जीआरपी, एसडीआरएफ, फायर और आपातकालीन सेवाएं तथा स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने भाग लिया। अभ्यास के दौरान कृत्रिम रूप से दुश्मन के हमले की स्थिति बनाई गई।

दुश्मन के घातक इरादों को भापा

इसमें दुश्मन के घातक इरादों से लेकर पुल की सुरक्षा में सेंध लगाने जैसे संभावित खतरों को परखने का प्रयास किया गया। सुरक्षा बलों ने पूरी सतर्कता के साथ न केवल दुश्मन के मंसूबों को भांपा, बल्कि उन्हें प्रभावी तरीके से नाकाम भी किया।

सुरक्षाकर्मियों ने मॉक ड्रिल के दौरान दिखाया कि किसी भी घातक परिस्थिति में उनकी टीमें कितनी प्रभावी ढंग और समन्वय से काम कर सकती हैं।

दुश्मन की ओर से पुलों पर हमला करने की कोशिश को पुल की रक्षा कर रहे सुरक्षा कर्मियों ने समय रहते रोकने का अभ्यास किया। इसके अलावा, पुल और उसके आस-पास छिपे आतंकियों को घेरने और उनको पकड़ने और मार गिराने के सभी संभावित उपायों का अभ्यास किया गया।

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सुरक्षा टीमों ने मॉक ड्रिल में आपसी तालमेल का बेहतरीन प्रदर्शन किया। टीमों ने जिस तरह से अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करते हुए दुश्मन के खिलाफ कार्रवाई की, उसने दर्शाया कि किसी भी आपात स्थिति में ये टीमें पूरी तरह से सक्षम और तैयार हैं।

मॉक ड्रिल में बंधकों को सुरक्षित छुड़ाने के अभ्यास के साथ ही घायल व्यक्तियों को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाने का भी अभ्यास किया गया। इसके अलावा, अगर गोलाबारी के दौरान आग लग जाए तो उसे काबू करने की तैयारी का भी परीक्षण किया गया।

सुरक्षाबलों से पार पाना मुश्किल

इस मॉक ड्रिल से पुलिस और सुरक्षा बलों ने संदेश दिया कि पुलों और अन्य सामरिक महत्व के स्थानों की सुरक्षा अभेद है। दुश्मन चाहे जितनी भी कोशिश कर ले, उसे हमारे सुरक्षा बलों से पार पाना मुश्किल है। सुरक्षाकर्मियों की सतर्कता और प्रतिबद्धता ने यह साबित कर दिया कि पुलों की सुरक्षा मजबूत और अटूट है।

मॉक ड्रिल के सफल आयोजन के बाद सुरक्षाबलों ने जनता को यह आश्वासन दिया कि देश के ये महत्वपूर्ण पुल और अन्य सामरिक स्थान पूरी तरह से सुरक्षित हैं, और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी है।

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