Reasi: दरिया में फंसे लोगों के राहत और बचाव कार्य की मॉक ड्रिल, बाढ़ से बचने के लिए चलाया गया जागरूकता अभियान
Jammu Kashmir News जम्मू कश्मीर के रियाशी में दरिया में फंसे लोगों के राहत और बचाव कार्य की मॉक ड्रिल की गई। इस मौके पर चिनाब दरिया में अचानक बाढ़ आने पर लोगों के फंसने जैसी परिस्थितियां उत्पन्न कर बचाव टीमों द्वारा राफ्ट की मदद से लोगों तक पहुंचने और फिर उन्हें सुरक्षित किनारे लाने की मॉक ड्रिल की गई। साथ ही लोगों को जागरूक किया गया।
By Rajesh DograEdited By: Himani SharmaUpdated: Fri, 22 Sep 2023 10:41 PM (IST)
रियासी, संवाद सहयोगी: रियासी के काशी पट्टा क्षेत्र में शुक्रवार को जिला प्रशासन सीआईएसएफ एसडीआरएफ और एनएचसी द्वारा संयुक्त तौर पर मॉक ड्रिल की गई। जिसमें अचानक बाढ़ की परिस्थिति में दरिया में फंसे लोगों के राहत एवं बचाव कार्य की तैयारियों को परखा गया।
इस मौके पर चिनाब दरिया में अचानक बाढ़ आने पर लोगों के फंसने जैसी परिस्थितियां उत्पन्न कर बचाव टीमों द्वारा राफ्ट की मदद से लोगों तक पहुंचने और फिर उन्हें सुरक्षित किनारे लाने के बाद मौके पर ही चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार और फिर एंबुलेंस से अस्पताल भेजने की मॉक ड्रिल की गई।
चिनाब दरिया में बढ़ जाता है जलस्तर
इस मौके पर सलाल पावर स्टेशन प्रमुख जे सी सरकार और एडीसी अब्दुल सत्तार ने बताया कि मानसून मौसम में सलाल डैम के ऊपरी क्षेत्रों में भारी बारिश के दौरान चिनाब दरिया में जलस्तर काफी बढ़ जाता है। जिस पर डैम के गेट खोलना पड़ते हैं। हालांकि अनाउंसमेंट के जरिए लोगों को इसकी पूर्व सूचना दी जाती है। लेकिन बादल फटने जैसी आपदा में अचानक से गेट खोले की परिस्थितियां पैदा हो जाने पर निचले इलाकों में अचानक से दरिया का जलस्तर बढ़ सकता है।यह भी पढ़ें: Jammu: नहीं थम रहा डेंगू का आतंक, तीन दिन में हुए 81 मामले दर्ज; जानें प्रदेश में कितना हुआ मरीजों का आंकड़ा
जागरूक करना भी मॉक ड्रिल का उद्देश्य
इस मॉक ड्रिल में उन तैयारी को परखा गया कि यदि आपात स्थिति में लोग दरिया में फंस जाते हैं तो कैसे राहत एवं बचाव कार्य कर उन्हें बचाया तथा दरिया किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर उन्हें राहत पहुंचाई जा सकती है।यह भी पढ़ें: मीरवाइज की नजरबंदी खत्म, बदले-बदले नजर आए हुर्रियत चेयरमैन; जामिया मस्जिद में कश्मीर के एकीकरण पर दिया जोरइस मॉक ड्रिल का उद्देश्य यह भी है कि यदि राहत एवं बचाव टीमों के आपसी तालमेल या कहीं अन्य कमियां पाई जाए तो उनमें सुधार लाया जा सके। इसके अलावा अचानक बाढ़ की परिस्थिति में लोगों को स्वयं तथा अपने माल मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए जागरूक करना भी मॉक ड्रिल का उद्देश्य है।
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