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Doda Encounter: ऑपरेशन अस्सर में एक पाकिस्तानी आतंकी ढेर, सेना के कैप्टन दीपक सिंह बलिदान; वीडीजी भी घायल

15 अगस्त से पहले डोडा जिले के अस्सर में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच शुरू हुई मुठभेड़ में एक आतंकवादी ढेर हो गया है। इसके बाद ही इस आतंकी हमले में सेना की 48 राष्ट्रीय राइफल कैप्टन दीपक सिंह बलिदान हो गए हैं। वहीं एक वीडीजी भी गोली लगने से घायल हो गया है। सेना का सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है।

By amit mahi Edited By: Deepak Saxena Updated: Wed, 14 Aug 2024 09:28 PM (IST)
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ऑपरेशन अस्सर में बलिदान हुए कैप्टन दीपक सिंह।

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर। स्वतंत्रता दिवस से पहले सुरक्षा बलों ने पत्नीटॉप की पहाड़ियों के साथ लगती डोडा जिले के अस्सर की हिरनी धार के पास अकार के जंगलों में आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए एक आतंकवादी को मार गिराया है। इस ऑपरेशन में सेना की 48 राष्ट्रीय राइफल के कैप्टन दीपक सिंह बलिदान हो गए। इस मुठभेड़ में एक वीडीजी भी गोली लगने से घायल हुए हैं। सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से आतंकियों की एक एम-4 कार्बाइन और ऐके राइफल और खून से सने बैग पैक बरामद किए हैं।

बता दें कि सेना और पुलिस ने अकार के जंगलों में आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना के बाद मंगलवार शाम को शुरू सर्च ऑपरेशन शुरु किया। शाम को सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच संक्षिप्त मुठभेड़ हुई। इसके बाद से सुरक्षा बलों का खोज अभियान जाना था। सुबह कुछ ही देर के बाद सेना और सुरक्षा बलों के बीच एक बार फिर से मुठभेड़ शुरु हुई। इसके बाद सुरक्षा बलों को जंगल से एक एम-4 कार्बाईन राइफल, एक ऐके-47 राइफल व चार बैग पैक, एक कुल्हाड़ी व एक एम्युनिशन पाउच बरामद किए हैं।

सेना ने की एक आतंकी के मारे जाने की पुष्टि

इससे आतंकियों के घायल होने का अनुमान लगाया जाया रहा है, जिसमें से दो के सुरक्षा बलों के हाथों ढेर होने और बाकी दो के सेना के घेरे में फंसे होने की खबरें आ रही हैं। इसके विपरीत सेना ने एक आतंकवादी के मारे जाने की पुष्टि कर दी है। उसका शव भी बरामद कर लिया गया है। जम्मू के एडीजीपी जम्मू आनंद जैन ने बुधवार को डोडा के अस्सर में मुठभेड़ स्थल का दौराकर स्थिति का जायजा लिया।

वीडीजी गोली लगने से हुए घायल

इस मुठभेड़ में सेना को भी अपना कैप्टन खोना पड़ा है। इस मुठभेड़ में सेना की 48 राष्ट्रीय राईफल के कैप्टन दीपक सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। उनको इलाज के लिए सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां पर वह वीरगति को प्राप्त हुए। इस मुठभेड़ के दौरान वीडीजी प्यार सिंह पुत्र शिव लाल निवासी शिवगढ़ अस्सर भी गोली लगने से घायल हुआ है। उसे उपचार के लिए अस्सर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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घायल होने के बावजूद मोर्चा संभाले रहे कैप्टन दीपक

भारतीय सेना के कैप्टन दीपक सिंह ने आतंकियों के खात्में जारी अभियान में अग्रणी भूमिका निभाते हुए अपने सैनिकों का नेतृत्व किया। सूत्रों के अनुसार कैप्टन दीपक सिंह ने ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों की गोलियां लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बावजूद उन्होंने अपनी टीम का नेतृत्व जारी रखने के साथ खुद भी मोर्चा संभाले रखा। बताया जा रहा है कि कैप्टन सिंह ने रात में और सुबह के समय आतंकवादी समूह पर फायरिंग करना जारी रखा।

बलिदानी कैप्टन दीपक सिंह के पिता उत्तराखंड में रिटायर्ड इंस्पेक्टर

बलिदानी कैप्टन दीपक के पिता महेश सिंह उत्तराखंड पुलिस से सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर हैं। वे यहां पुलिस मुख्यालय में तैनात थे। पिता ने मार्च में वीआरएस लिया है। कैप्टन दीपक दो बहनों के इकलौते भाई हैं और भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। अभी तीन माह पूर्व कैप्टन दीपक छोटी बहन की शादी में दून आए थे। माता पिता केरल गए हैं। बेटे के बलिदान की खबर मिलते ही माता पिता वहां से चल दिए। वह आज देर रात दून पहुंच जाएंगे। बड़ी बहन ज्योति केरल रहती हैं। वे उसी के पास गए हैं।

सेना ने अपने बलिदानी कैप्टन को श्रद्धांजलि अर्पित की है। व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कैप्टन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा है कि 'व्हाइट नाइट कॉर्प्स के सभी रैंक कैप्टन दीपक सिंह की सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं'। हम शोक संतप्त परिवार के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं।

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