चक्का जाम हड़ताल का रहा व्यापक असर, लोग हुए परेशान
जागरण संवाददाता ऊधमपुर ऑल जम्मू कश्मीर ट्रांसपोर्ट यूनियन की राज्यव्यापी चक्का जाम हड़ताल
By JagranEdited By: Updated: Thu, 07 Jan 2021 06:46 AM (IST)
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : ऑल जम्मू कश्मीर ट्रांसपोर्ट यूनियन की राज्यव्यापी चक्का जाम हड़ताल के आह्वान का ऊधमपुर जिले के ट्रांसोपोर्टरों ने भी समर्थन किया। जिसके चलते इस हड़ताल का असर पूरे जिले में देखने को मिला। यात्री वाहनों की हड़ताल के कारण लोगों को एक से दूसरी जगह आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। चक्का जाम हड़ताल के चलते बुधवार को सुबह से ही मिनीबसों, वीडियो कोच व अन्य बसों और यात्री वाहनों के पहिये थमे रहे।
यात्री वाहनों के न चलाने से जिले में रफ्तार थम सी गई। सरकारी दफ्तरों के कर्मचारियों से लेकर कामकाज करने वालों को दूसरे लोगों से लिफ्ट लेकर या पैदल ही अपने काम-धंधे व नौकरियों पर पहुंचना पड़ा और लौटना पड़ा। ऊधमपुर जिले में मेटाडोर, ऑटो, टैक्सी और बसों को मिलाकर डेढ़ हजार के करीब यात्री वाहन हैं। दोपहर तक चक्का जाम हड़ताल जबरदस्त रही, मगर इसके बाद बीच-बीच में ऑटो रिक्शा चलने शुरू हो गए। इससे हाईवे बंद होने की वजह से फंसे यात्रियों को ऊधमपुर तक पहुंचने में थोड़ी सुविधा हुई। हालांकि इन ऑटो रिक्शा वालों ने भी यात्रियों से मनमाने दाम वसूले। मगर परेशान यात्रियों ने गंतव्यों तक पहुंचने के लिए कोई ज्यादा मोलभाव या शिकायत नहीं की। यात्री वाहन न चलने की वजह से बुधवार को इलाके में सब्जी, फल, दूध व अन्य रोजमर्रा के सामान की आपूर्ति भी प्रभावित हुई। हड़ताल के दौरान ट्रांसपोर्ट यूनियन की ऊधमपुर जिला इकाई के चेयरमैन रशपाल सिंह के नेतृत्व में बुधवार को यात्री वाहन चालकों, सहचालकों और ट्रांसपोर्टरों ने हिस्सा लेकर रोष प्रदर्शन किया। इस अवसर पर रशपाल सिंह ने कहा कि बीते 26 दिसबंर को भी ट्रांसपोर्टरों ने तेल और टैक्स सहित हर चीज के दाम बढ़ने से हो रही परेशानी की तरफ सरकार का ध्यान ले जाने के लिए एक दिवसीय चक्का जाम हड़ताल की थी। मगर इसके बाद से आज तक किसी ने कोई सुध नहीं ली, जिसके चलते एक बार फिर से ट्रांसपोर्टरों ने पूरे राज्य में चक्का जाम हड़ताल की है। उन्होंने सरकार से वाहन पर लगाए गए अतिरिक्त टैक्स कम करने, टोल टैक्स कम करने, तेल के दाम कम करने की मांग की। उन्होंने कहा कि एक बस को ऊधमपुर से जम्मू जाने के लिए प्रति फेरा 940 रुपये चुकाने पड़ते हैं। यदि एक बस दिन में पांच फेरे लगाती है तो उसे साढ़े चार हजार रुपये टोल टैक्स ही भरना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आज की हड़ताल के लिए केंद्रशासित प्रदेश का प्रशासन जिम्मेदार है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को जल्द मंजूर न किया गया तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
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