सद्भावना यात्रा निकाल सांप्रदायिक सौहार्द्र का दिया संदेश
जागरण संवाददाता ऊधमपुर रामनगर में कबीर जयंती के उपलक्ष में वीरवार को विशाल सद्भावना
By JagranEdited By: Updated: Fri, 17 Jun 2022 08:01 AM (IST)
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : रामनगर में कबीर जयंती के उपलक्ष में वीरवार को विशाल सद्भावना यात्रा निकाली गई। इसमें शामिल लोगों ने सांप्रदायिक सौहार्द्र और आपसी भाईचारे का संदेश दिया। वहीं, इस अवसर पर रामनगर के राजा राम सिंह स्टेडियम में विशाल सद्भावना सत्संग समारोह आयोजित किया गया।
सत्संग में मुख्य अतिथि के तौर पर जिला विकास परिषद अध्यक्ष लाल चंद ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न विचारधाराओं में बंटे होने के बावजूद हम एक माला के रंग-बिरंगे फूल हैं। सबके अंदर प्राणरूपी धागा एक ही है। हमें चाहिए कि देश के विकास में मिलजुल कर सहयोग करें और संत कबीर के उपदेशों को ग्रहण कर अपना कल्याण करें। समारोह की मुख्य वक्ता प्रख्यात मानवतावादी सतपाल महाराज की शिष्या महात्मा समता बाई के सारगर्भित आत्म कल्याणकारी प्रवचन सुनकर उपस्थित श्रद्धालु गदगद हो गए। उनके अलावा जोनल शिक्षा अधिकारी व प्रसिद्ध डोगरी कलाकर रोमालो राम, डीडीसी रामनगर-1 मूल राज, डीडीसी रामनगर-2 जट्टू राम, कबीर सभा ऊधमपुर के प्रधान राम लाल, कबीर सभा रामनगर के प्रधान टीका राम, एडवोकेट नरेश कुमार, प्रोफेसर सुनील भारद्वाज ने संबोधन में संत कबीर के जीवन और शिक्षा पर प्रकाश डाला और सभी को उनके बताए रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर नगर में एक सद्भावना यात्रा निकाली गई। मानव उत्थान सेवा समिति के मां राजराजेश्वरी आश्रम प्रभारी महात्मा समता बाई व महात्मा अनुरोध बाई की अगुआई में निकाली गई इस यात्रा को टाउन एरिया कमेटी की प्रधान बैंती देवी और परली धार की बीडीसी चेयरपर्सन नीलम देवी ने हरी झंडी दिखाकर कर रवाना किया। इस अवसर पर टाउन एरिया कमेटी के पूर्व प्रधान मखन लाल व कस्बे के कई गण्यमान्य लोग मौजूद थे। यात्रा में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और सभी को सांप्रदायिक सौहार्द्र, राष्ट्रीय एकता व अखंडता, सामाजिक सछ्वाव व आपसी भाईचारे को मजबूत बनाए रखने का संदेश दिया। यात्रा के बाद राजा राम सिंह स्टेडियम में सद्भावना सत्संग में महात्मा समता बाई ने कहा कि सन्त कबीर जी ने जीवन भर बाहर आडंबरों का विरोध कर अध्यात्म ज्ञान के प्रचार प्रसार द्वारा सामाजिक सद्भाव, आपसी भाईचारे से समाज को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। संत कबीर के बताए मार्ग को व्यावहारिक रूप में जान कर हम भी अपना उत्थान और कल्याण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्ण भक्ति से ही ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है। ईश्वर इधर-उधर या बाहर ढूंढने से प्राप्त नहीं होने वाले। वह तो हमारे भीतर ही विद्यमान हैं। व्यर्थ के पाखंड और आडंबरों से ईश्वर की प्राप्ति नहीं होने वाली। सच्चे ज्ञान से ही ईश्वर की प्राप्ति संभव है। हमें भी सच्चे सदगुरु की खोज कर उनसे आत्म ज्ञान प्राप्त कर अपने जीवन को सफल और सार्थक करना चाहिए। कार्यक्रम का समापन विशाल भंडारे के साथ हुई। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लेकर प्रसाद ग्रहण किया।
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