Vegetable Prices Hike: सब्जियों के बढ़ते दामों ने बिगाड़ा रसोई का बजट, टमाटर और शिमला मिर्च 100 रुपये के पार
उधमपुर में महंगाई की मार से आम लोग परेशान हैं। टमाटर 100 रुपये प्रति किलो शिमला मिर्च 120 रुपये प्रति किलो और खीरा 80 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि लगातार बढ़ती कीमतें उनके व्यापार पर भी असर डाल रही हैं। ग्राहक कम मात्रा में सब्जियां खरीद रहे हैं। वहीं ग्राहकों का कहना है कि अब सब्जी खरीदना भी लक्जरी हो गया है।
जागरण संवाददाता, उधमपुर । उधमपुर में महंगाई की आंच ने टमाटर के साथ कुछ अन्य सब्जियों को इतना सुर्ख कर दिया है कि इनका जायका लेने पर जेब से धुआं निकलने लगा है।
घर-घर की रसोई में जायके का अहम हिस्सा टमाटर 100 रुपये प्रति किलोग्राम की ऊंचाई पर है। टमाटर के साथ शिमला मिर्च और खीरे का स्वाद लेने के लए भी जेब अधिक ढीली हो रही है।
शिमला मिर्च 120 रुपये किलो
टमाटर के दो दिन पहले भाव 120 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए थे। अब इसके दाम में कुछ गिरावट आई है, लेकिन अभी भी 100 रुपये पर ही टिका है। इसी तरह से शिमला मिर्च के भाव भी तेजी से ऊपर चढ़े हैं। एक सप्ताह पहले तक 60 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही शिमला मिर्च, अब 120 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है, मानो उसने भी महंगाई की दौड़ में हिस्सा ले लिया हो।खीरा जो कि आमतौर पर सस्ती सब्जी मानी जाती है, दो हफ्ते पहले के 30 रुपये प्रति किलोग्राम से 80 रुपये तक जा पहुंचा है। हालांकि, अन्य सब्जियों की कीमतें 50-60 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच स्थिर हैं। सब्जी विक्रेता अनिल शर्मा, बिट्टु, जोगेंद्र कुमार, पप्पू और शाम सिंह का कहना है कि लगातार बढ़ती कीमतें उनके व्यापार पर भी भारी असर डाल रही हैं। लोगों की खरीदारी घट गई है।यह भी पढ़ें- Vegetable Prices Hike: टमाटर ने सेब को भी पछाड़ा, सब्जियों की महंगाई से रसोई का बजट बिगड़ा
जल्द टमाटर की कीमतों में गिरावट की उम्मीद
ग्राहक मोलभाव करते हुए कम से कम मात्रा में सब्जियां खरीद रहे हैं। उतार-चढ़ाव के कारण टमाटर और शिमला मिर्च की बिक्री कम हो गई है। जो लोग एक किलो टमाटर लेते थे, वह आधा किलोग्राम या एक पाव ही ले रहे हैं। इसी तरह से शिमला मिर्च तो आम लोगों ने खरीदनी ही बंद कर दी है। होलसेल सब्जी मंडी एसोसिएशन ऊधमपुर के उपाध्यक्ष और टमाटर व सब्जी के आढ़ती अशोक कुमार ने बताया कि इस समय विवाह-शादी का सीजन जोरों पर है, जिससे टमाटर की मांग में बढ़ोतरी हुई है।
इसके अलावा स्थानीय टमाटर का आना बंद हो गया है। वर्तमान में महाराष्ट्र के नासिक और बेंगलुरु से टमाटर की आपूर्ति हो रही है। वहां से भी आपूर्ति में कमी है, जिसका कारण भारी वर्षा से टमाटर का खराब होना या उसका एक्सपोर्ट किया जाना हो सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि एक-दो हफ्तों में टमाटर की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है।उन्होंने बताया कि शिमला मिर्च, जो कि स्थानीय स्तर पर उगाई नहीं जा रही है, अब दूसरे राज्यों से मंगवाई जा रही है। दूसरे क्षेत्रों में भी उत्पादन में कमी से इसके दाम तेजी से बढ़े हैं। खीरा भी महंगा हो गया है और इस बढ़ोतरी का कारण भी बाहर से आपूर्ति और वर्षा के कारण उत्पादन पर प्रभाव माना जा रहा है।
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