सऊदी में फंसे झारखंड के 45 मजदूरों को खाने के पड़े लाले, तीसरी बार वीडियो कॉल कर भारत सरकार से लगाई मदद की गुहार
सऊदी अरब में फंसे नावाडीह के अलावा झारखंड के 45 मजदूरों की हालत दिन पर दिन बदतर होती जा रही है। ये कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने के लिए गए थे। कंपनी ने उन्हें दो महीने की राशि का भुगतान किया और बाकी के भुगतान के लिए टालमटोल कर रही है। मजदूरों ने हड़ताल किया तो कंपनी ने इनका राशन बंद कर दिया।
संवाद सहयोगी, गोमिया/नावाडीह (बेरमो)। सऊदी अरब में फंसे नावाडीह के अलावा झारखंड के 45 मजदूरों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मजदूरों के खाने के लाले पड़ गए हैं। जिस कंपनी में सभी कार्यरत थे, कंपनी ने किचन का दरवाजा बंद कर दिया है। फंसे मजदूरों को भारतीय दूतावास की ओर से तीन दिनों के लिए खाना-पीना उपलब्ध कराया गया था, लेकिन अब वह समाप्त हो चुका है।
कॉन्ट्रैक्ट पर सऊदी अरब गए थे मजदूर
प्रवासी मजदूरों की मदद करने वाले समाजसेवी सिकंदर अली को पिछले छह दिसंबर को इन मजदूरों ने वीडियो काॅल कर अपनी परेशानी बताई थी। कहा था कि 11 मई, 2023 को सभी मजदूर कमर्शियल टेक्नोलाॅजी के ट्रांसमिशन लाइन में काम करने काॅन्ट्रैक्ट पर सऊदी अरब गए थे।
इसके एवज में बतौर कमीशन 55 हजार रुपये का भुगतान करना पड़ा था। काम के बदले लाइनमैन को 1500 रियाल, हेल्पर को 1100 रियाल के अलावा ओवरटाइम के लिए 750 रियाल और खाने-पीने के लिए अलग से 300 रियाल देने का आश्वासन मिला था, लेकिन सात महीना काम करने के बाद कंपनी की ओर से मात्र दो महीने की मजदूरी का भुगतान किया गया। शेष भुगतान के लिए कंपनी टालमटोल रवैया अपना रही है।
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कंपनी ने मजदूरों का खाना-पीना किया बंद
मजदूरों ने मजदूरी की मांग को लेकर हड़ताल कर दी, तो कंपनी ने खाना-पीना देना तक बंद कर दिया। सऊदी अरब में फंसे मजदूरों ने तीसरा वीडियो जारी कर सरकार से मदद की गुहार लगाई है। सिकंदर अली ने भारत एवं राज्य सरकार से मजदूरों की मदद करने की अपील की है।उन्होंने कहा कि रोजगार के अभाव में झारखंड में आए दिन कहीं न कहीं से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। लोग रोजी रोटी की तलाश में विदेश जाते हैं, वहां उनको यातनाएं झेलनी पड़ती हैं। पलायन रोकने के लिए रोजगार की व्यवस्था करने की जरूरत है।
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