एसिड अटैक के बाद चेहरा झुलसा, आंखों की रोशनी तक गंवा दी, फिर भी नहीं मानी हार; जज्बा ऐसा कि खुद अमिताभ बच्चन हुए कायल
बोकारो की सोनाली मुखर्जी एक एसिड अटैक सर्वाइवर है। तेजाब हमले में न सिर्फ उनका पूरा चेहरा झुलस गया बल्कि उनकी आंखों की रोशनी भी चली गई। हालांकि इसके बाद सोनाली ने हार नहीं मानी और जिंदगी की हर चुनौती का डटकर सामना किया। मेगास्टार अमिताभ बच्चन भी उनका हौसला अफजाई कर चुके हैं। आज के समय में सोनाली अपने परिवार संग एक अच्छा जीवन बिता रही हैं।
जागरण संवाददाता, बोकारो। छपाक की उस रात ने बोकारो की सोनाली मुखर्जी के जीवन में अंधकार भर दिया। दुनिया का खूबसूरत नजारा देखने वाले नेत्र की ज्योति क्षीण हो गई। पूरा चेहरा तेजाब से झुलस गया। भले ही इससे इन्हें असहनीय पीड़ा हुई। एकबारगी इन्हें ऐसा लगा कि जीवन में अब सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन माता-पिता व स्वजनों ने इनका हौसला बढ़ाया।
सोनाली ने सुनाई संघर्ष की कहानी
जीवन में जीतने की जिद पैदा की। इनके सहयोग से इन्होंने चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया और अब अपने पति व बच्ची के साथ सुखमय जीवन व्यतीत कर रही हैं।
छपाक की उस रात ने ही इन्हें जीवन में चुनौतियों से सामना करना सीखा दिया। बोकारो की तेजाब पीड़िता सोनाली मुखर्जी को कला एकेडमी, गोवा में आठ से 13 जनवरी, 2024 तक इंटरनेशनल पर्पल फेस्ट में इन्होंने पर्पल एंबेसडर के रुप में भाग लेकर अपने संघर्ष की गाथा सुनाई।
तेजाब पीड़िताओं को सिखाई जीवन जीने की कला
साथ ही दुनिया भर के तेजाब पीड़ित को जीवन जीने की कला सिखाई। सोनाली मुखर्जी ने कहा कि इंटरनेशनल पर्पल फेस्ट, गोवा का शुभारंभ मुख्यमंत्री डाक्टर प्रमोद सावंत ने किया। कार्यक्रम में गोवा सरकार के मंत्री के अलावा वरीय अधिकारी व देश-दुनिया के प्रतिनिधि शामिल थे।
कहा कि तेजाब से पीड़ित कई लोग बुरी तरह टूट जाते हैं। इन्हें कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस घटना से मेरी नेत्र की ज्योति चली गई। मेरा पूरा चेहरा झुलस गया, लेकिन माता-पिता व स्वजनों के अलावा प्रबुद्ध लोगों ने हाथ आगे बढ़ाकर हर कदम पर सहयोग किया। महानायक अमिताभ बच्चन ने भी हौसला बढ़ाया। कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। जीवन में चुनौतियों का डटकर सामना करना चाहिए।
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