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सच के साथी सीनियर्स : बोकारो के लोगों को वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के तरीकों के साथ ही फैक्ट चेकिंग का दिया प्रशिक्षण

विश्‍वास न्‍यूज द्वारा आयोजित वेबिनार में झारखंड के बोकारो के लोगों को वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के तरीकों और फैक्ट चेकिंग की बेसिक जानकारी दी गई। एक्सपर्ट ने बताया कि किसी भी फिशिंग लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। आधिकारिक वेबसाइट या कंपनी/सरकारी विभाग के सोशल मीडिया हैंडल्स पर जाकर चेक करें। एक्सपर्ट ने डीपफेक वीडियो को पहचानने के तरीके बताए।

By Jagran News Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Mon, 11 Nov 2024 08:34 PM (IST)
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सच के साथी कार्यक्रम में कई मुद्दों पर हुई चर्चा (जागरण)
डिजिटल डेस्क, बोकारो। Bokaro News: जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग विश्‍वास न्‍यूज की तरफ से 11 नवंबर को झारखंड के बोकारो के लोगों के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया। मीडिया साक्षरता अभियान 'सच के साथी-सीनियर्स' के तहत आयोजित ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम में एक्सपर्ट ने लोगों को वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के तरीकों के साथ ही फैक्ट चेकिंग की बेसिक जानकारी दी।

फाइनेंशियल फ्रॉड से सतर्क रहने के बारे में दी गई जानकारी

डिप्टी एडिटर एवं फैक्ट चेकर देविका मेहता ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि आजकल जब मोबाइल जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है, तो फाइनेंशियल फ्रॉड के मामले बढ़ गए हैं। उन्होंने आरबीआई के आंकड़ों के जरिए साइबर अपराध की गंभीरता को समझाया और कहा कि सतर्क रहकर इस तरह के अपराधों से बचा जा सकता है। किसी भी फिशिंग लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए।

इस तरह के मैसेज की जांच के लिए आधिकारिक वेबसाइट या कंपनी या सरकारी विभाग के सोशल मीडिया हैंडल्स पर जाकर चेक करें। इसके साथ ही उन्होंने डीपफेक वीडियो को पहचानने के तरीकों के साथ ही एआई के फायदे और नुकसान बताए।

भ्रामक पोस्ट के बारे में जांच करना सिखाया

कार्यक्रम में सीनियर सब एडिटर एवं फैक्ट चेकर ज्योति कुमारी ने प्रतिभागियों को रोचक उदाहरणों के माध्यम से फेक या भ्रामक पोस्ट की जांच करना सिखाया। उन्होंने कहा कि किसी भी संदिग्ध तस्वीर का सोर्स पता करने के लिए उसे गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। इससे उससे संबंधित रिपोर्ट या जानकारी सामने आ जाती है।

इसके सहारे तस्वीर के संबंध में सही जानकारी पता की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव के दौरान अक्सर संदिग्ध संदेशों की संख्या बढ़ जाती है। इन्हें एकदम से फॉरवर्ड नहीं करना चाहिए। पहले इन्हें ध्यान से देखें और फिर चेक करें। ठीक से जांच-पड़ताल करने के बाद ही ऐसे मैसेज को फॉरवर्ड करें। इस तरह वो जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभा सकते हैं।

12 नवंबर को नासिक के लिए होगा वेबिनार

महाराष्ट्र के नासिक के लोगों के लिए 12 नवंबर को वेबिनार का आयोजन किया जाएगा। झारखंड और महाराष्ट्र से पहले यह कार्यक्रम राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार में भी आयोजित किया जा चुका है। विश्‍वास न्‍यूज अपने मीडिया लिटरेसी अभियान के तहत 15 राज्यों के 50 शहरों में वरिष्ठ और अन्य नागरिकों को फर्जी व भ्रामक पोस्ट को पहचानने के तरीकों के बारे में प्रशिक्षण दे रही है।

गूगल न्यूज इनीशिएटिव की पहल पर MICA के सहयोग से विश्वास न्यूज के इस अभियान का उद्देश्य समाज को भ्रामक सूचनाओं से निपटने के लिए तैयार करने के साथ उन्हें फैक्ट चेक की बुनियादी जानकारी से रूबरू कराना है।

'सच के साथी-सीनियर्स' अभियान के बारे में

'सच के साथी-सीनियर्स' विश्वास न्यूज का जागरूकता के लिए प्रशिक्षण और मीडिया साक्षरता अभियान है। विश्वास न्यूज जागरण समूह की फैक्ट चेकिंग टीम है, जो अब तक करीब छह करोड़ से अधिक नागरिकों को जागरूकता अभियान से जोड़ चुकी है। विश्वास न्यूज टीम इंटरनेशनल फैक्ट चेकिंग नेटवर्क (आईएफसीएन) और गूगल न्यूज इनीशिएटिव के साथ फैक्ट चेकिंग और मीडिया लिटरेसी पर 2018 से काम कर रही है।

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