एक तरफ रोते हुए शादी के फेरे लेती रही बहन, दूसरी तरफ तैयार होती रही भाई की अर्थी; ये है पूरा मामला
नियति बहुत ही क्रूर होती है। यह हमारे सोचने के अनुरूप नहीं चलती। अब झारखंड के बोकारो जिले के शास्त्रीनगर गांव की घटना को ही लीजिए। ममता कुमारी ने सपने भी नहीं सोचा होगा कि जब उसकी शादी होगी तो उसके भाई के शव का इंतजार स्वजन कर रहे होंगे। शनिवार को एक तरफ ममता की शादी हुई तो दूसरी तरफ उसके भाई की अर्थी की तैयारी चल रही थी।
विशाल अग्रवाल, गोमिया। झारखंड के बोकारो जिले में गोमिया प्रखंड की चुट्टे पंचायत के शास्त्रीनगर गांव की ममता कुमारी ने सपने भी नहीं सोचा होगा कि जब उसकी शादी होगी, तब वह अपने भाई के शव का इंतजार कर रही होगी। शनिवार को एक तरफ ममता की शादी हुई, तो दूसरी तरफ उसके भाई की अर्थी की तैयारी चल रही थी।
दरअसल, शास्त्रीनगर गांव के संतोष सिंह की मौत शुक्रवार को मुंबई में हो गई। 12 जुलाई को उसकी बहन की शादी तय थी। इसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी थी।
संतोष भी कुछ दिनों में घर आनेवाला था। इसी बीच उसकी मौत की खबर पहुंची। इससे शादी का माहौल गम में बदल गया।
शव घर आने से पहले कराई गई शादी
शव घर आने से पहले ही आननफानन में शनिवार को ही संतोष की बहन की शादी करा दी गई। स्वजन ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। किसी तरह से शादी की तैयारी हुई।अगर शव घर आ गया, तो फिर विवाह अगले साल होली तक के लिए टल जाएगी। आर्थिक स्थिति को देखते हुए ऐसा संभव नहीं दिख रहा था। लड़का पक्ष से वार्ता करने के बाद शनिवार को शादी करा दी गई।
अकेल कमाऊ सदस्य था बेटा
मृत मजदूर की मां बिंदवा देवी ने कहा कि उसका पुत्र संतोष कुमार घर का एक मात्र कमाऊ सदस्य था। वह बहन की शादी के लिए पैसे जुटाने के लिए मुंबई के पुणे में सेटरिंग का काम करता था। कुछ दिनों से वह बीमार चल रहा था।
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