दो दिन में करना होगा दो लाख टन कोयले का उत्पादन, सीसीएल बीएंडके एरिया लक्ष्य से चल रहा पीछे
सीसीएल बीएंडके कोयला उत्पादन लक्ष्य के करीब पहुंच गया है। सीसीएल मुख्यालय से बीएंडके एरिया को चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में 90 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य दिया गया था। लेकिन बीएंडके प्रबंधन की ओर से 70 लाख टन उत्पादन करने का कमिटमेंट किया गया। अगले दो दिनों यानी 31 मार्च तक शेष दो लाख टन उत्पादन का लक्ष्य पूरा करने के लिए जोर लगाया जा रहा है।
संसू, फुसरो (बेरमो)। कोयला उत्पादन लक्ष्य प्राप्त करने को लेकर सीसीएल बीएंडके प्रबंधन रेस है। सीसीएल मुख्यालय से बीएंडके एरिया को चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में 90 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य दिया गया था। लेकिन बीएंडके प्रबंधन की ओर से 70 लाख टन उत्पादन करने का कमिटमेंट किया गया। 28 मार्च तक एरिया 68 लाख टन कोयला उत्पादन कर चुका है। अगले दो दिनों यानी 31 मार्च तक शेष दो लाख टन उत्पादन का लक्ष्य पूरा करने के लिए जोर लगाया जा रहा है।
इस वजह से आई उत्पादकता में गिरावट
बता दें कि सीसीएल बीएंडके एरिया कारो, खासमहल की शिफ्टिंग की समस्या से जूझ रहा है। खासमहल व कारो परियोजना से सटे दरगाह मोहल्ला व बरवाबेड़ा एवं कारो बस्ती का पुनर्वास नहीं होने से खदान का विस्तार नहीं हो पा रहा है। जिससे प्रबंधन को कोयला उत्पादन में काफी जद्दोजहद का सामना करना पड़ रहा है। समय-समय पर स्थानीय विस्थापितों की ओर से अधिकार की मांग को लेकर खदान बंद कराए जाने पर भी उत्पादकता में गिरावट आई है।
किस परियोजना ने किया कितना उत्पादन
चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में सीसीएल बीएंडके की कारो परियोजना ने विकट परिस्थितियों के बीच 12 लाख 50 हजार टन कोयला उत्पादन किया। जबकि सीसीएल मुख्यालय से 23 लाख टन का लक्ष्य दिया गया था। वहीं ओबी 25 लाख टन के जगह पांच लाख टन निस्तारण किया गया।खासमहल परियोजना को सीसीएल मुख्यालय से चालू वित्तीय वर्ष में 65 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें अबतक 52 लाख 30 हजार टन उत्पादन किया गया। वहीं ओबी 80 लाख टन की जगह अबतक 62 लाख 12 हजार टन निस्तारण किया।
वहीं बोकारो कोलियरी को चालू वित्तीय वर्ष में कोयला उत्पादन का लक्ष्य तीन लाख टन दिया गया था, जिसके अनुरूप परियोजना तीन लाख 17 हजार टन उत्पादन कर लक्ष्य को हासिल किया। जबकि ओबी पांच लाख की जगह चार लाख टन निस्तारण किया। बारिश होने के कारण कोयला उत्पादन एवं संप्रेषण की गति में कुछ कमी आई है।
शिफ्टिंग व पर्यावरण क्लीयरेंस के कारण पड़ा असर
जीएम एसओ माइनिंग केडी प्रसाद ने कहा कि माइंस के विस्तार के लिए आसपास की आबादी की शिफ्टिंग नहीं हो पाना और पर्यावरण क्लीयरेंस नहीं मिलना लक्ष्य की अपेक्षा कोयला उत्पादन कम होने का कारण है। शिफ्टिंग करने और पर्यावरण क्लीयरेंस हासिल करने की दिशा में पहल की जा रही है।
कहा कि कारो परियोजना प्रभावित कारो बस्ती के विस्थापित को करगली गेट स्लैरी पौंड आरआर साइड में जल्द शिफ्टिंग कराई जाएगी। आरआर साइड में डेवलपमेंट का काम चालू कर दिया गया है। जल्द ही कारो बस्ती के रैयत विस्थापित को सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ पुनर्वासित किया जाएगा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।यह भी पढ़ें: BBMKU: असिस्टेंट प्रोफेर की बहाली के लिए कब होगा इंटरव्यू? 130 पदों के लिए निकली वैंकेसी के लिए आए इतने आवेदनयह भी पढ़ें: तो इस वजह से कम डाले गए थे वोट... 2019 के लोकसभा चुनाव में झारखंड की इन दो सीटों पर राष्ट्रीय औसत से कम हुआ था मतदानएरिया में कोयला उत्पादन की गति बढ़ाने के लिए सभी अधिकारी कामगार तन्मयता के साथ काम कर रहे हैं। जिसमें विस्थापित व यूनियन प्रतिनिधियों का भी सहयोग मिल रहा है। बेरमो कोयलांचल में सर्वाधिक कोकिंग कोल का भंडार है। यह देश की ऊर्जा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। वर्ष 24-25 में एरिया उम्मीद से अधिक उत्पादन करेगा- केरामा कृष्णा, जीएम सीसीएल बीएंडके।