हमें वतन बुला लो... सऊदी अरब में भारतीय मजदूरों का हाल बेहाल; गंदा पानी पीने को मजबूर, सरकार से लगाई मदद की गुहार
Indian laborers भारत से सऊदी अरब पैसे कमाने गए मजदूरों का हाल कंपनी ने काफी बुरा कर दिया है। सात महीना काम करने के बाद कंपनी की ओर से सिर्फ दो माह की मजदूरी का भुगतान किया गया है। मजदूरों ने इस बात को लेकर हड़ताल की तो कंपनी ने उन्हें बाहर निकालते हुए खाना-पीना भी बंद कर दिया।
संवाद सहयोगी, नावाडीह (बेरमो)। सऊदी अरब में फंसे झारखंड के 45 मजदूरों की हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है। छह दिसंबर से ही मजदूर सरकार से वतन वापसी कराने की गुहार लगा रहे हैं। रविवार को चौथी बार दर्द बयां करते हुए मजदूरों ने वीडियो जारी कर गुहार लगाई है।
मजदूरों ने बताया है कि खाना-पीना सब बंद हो जाने के कारण वे गंदा पानी पीने को मजबूर हैं, जिससे उनकी तबीयत खराब होने लगी है। उधर, मजदूरों की व्यथा सुनकर उनके स्वजन में चिंता बढ़ गई है। हालांकि अब तक यहां से कोई विशेष पहल होता नजर नहीं आया है।
सात माह काम कराकर दी सिर्फ दो माह की मजदूरी
प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सिकंदर अली को मजदूरों ने बताया कि वह सभी 11 मई 2023 को कामर्शियल टेक्नोलाजी के ट्रांसमिशन लाइन में काम करने के लिए कान्ट्रैक्ट पर सऊदी अरब गए थे, लेकिन सात महीना काम करने के बाद कंपनी की ओर से सिर्फ दो माह की मजदूरी का भुगतान किया गया है।मजदूरी की मांग को लेकर मजदूरों ने हड़ताल की तो कंपनी ने उन्हें बाहर निकालते हुए खाना-पीना भी बंद कर दिया। जिस किचन में वे लोग खाना बनाते थे, वहां पर भी ताला जड़ दिया गया है। हालांकि भारतीय दूतावास की ओर से तीन दिनों का खाना-पीना उपलब्ध कराया गया था, जो खत्म हो चुका है।
गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हुए मजदूर
अब वे भुखमरी के साथ गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं। सऊदी अरब में नावाडीह प्रखंड के पोखरिया के जगदीश महतो एवं गोनियाटो के रामचंद्र महतो भी फंसे हैं। इसके अलावा गिरीडीह, हजारीबाग जिला के भी 43 मजदूरों हैं। उनके स्वजनों ने केंद्र व राज्य सरकार से सकुशल वापसी को लेकर गुहार लगाई है।ये भी पढ़ें -गुरुजी के न आने का ठिकाना और न जाने का, भगवान भरोसे हो रही पढ़ाई; केके पाठक की वॉर्निंग भी बेअसर
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