गजब टोपीबाज आदमी! ठेले पर फल बेचनेवाला निकला साइबर ठगों का सरगना, लोगोंं को ऐसे लगाता था चूना
Cyber Crime बोकारो पुलिस के हत्थे चढ़े 11 साइबर अपराधियों के गिरोह का सरगना ठेला पर फल बेचनेवाला दिलीप सिंह है। बिहार के बिहारशरीफ सब्जी मंडी में यह ठेला लगाता है। पुलिस के अनुसार दिलीप सिंह बोकारो के चास में एक किराए के आवास में मासिक वेतन पर गिरोह के सदस्यों को रखकर अवैध धंधा दो वर्षों से चलवा रहा था। पुलिस ने छापेमारी कर सभी को पकड़ा।
अरविंद, बोकारो। बोकारो पुलिस के हत्थे चढ़े 11 साइबर अपराधियों के गिरोह का सरगना ठेला पर फल बेचनेवाला दिलीप सिंह है। बिहार के बिहारशरीफ सब्जी मंडी में यह ठेला लगाता है।
पुलिस के अनुसार, दिलीप सिंह बोकारो के चास में एक किराए के आवास में मासिक वेतन पर गिरोह के सदस्यों को रखकर अवैध धंधा दो वर्षों से चलवा रहा था। पुलिस ने छापेमारी कर सभी को पकड़ा।शनिवार को सभी को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया था। छापेमारी के वक्त मौके से तीन ठग फरार हो गए थे। पुलिस उनकी तलाश में बिहारशरीफ जाएगी। पुलिस के हत्थे चढ़े 11 आरोपितों में एक दिनकर सिंह उर्फ प्रताप समेत ने बताया था कि वह आठवीं तक पढ़ने के बाद पढ़ाई छोड़ दी और खेती करने लगा।
ज्यादा पैसे कमाने के लालच में आया बोकारो
खेती में उपजाई गए फल व सब्जियों को लेकर वह बिहार शरीफ के बाजार में जाता था। इसी दौरान यहां फल मंडी में ठेला लगाने वाले दिलीप से पहचान हो गई। इसने बताया कि खेती से कमाई नहीं होगी। बीते वर्ष जुलाई माह में ज्यादा रुपया कमाने का लालच देकर उसे बोकारो ले आया।यहां चीरा चास के केके सिंह कालोनी में उसे लाया गया। यहां पहले से अन्य लोग मौजूद थे। उसे बताया कि वह लोग किराए पर कमरा लेकर साइबर ठगी का काम करते हैं। यहां पर दिलीप समेत अन्य की देखरेख में ही उसे साइबर अपराध का तरीका सिखाया गया, उसे आठ हजार रुपये प्रतिमाह व ठगे गए रुपयों में से दस प्रतिशत कमीशन मिलता था।
अन्य आरोपितों को भी दिलीप ही कम समय से अधिक रुपये कमाने का झांसा देकर साइबर अपराध के धंधे में बोकारो लाकर उतारा था।
गिरफ्तार आरोपितों ने पुलिस को बताया है कि उनलोगों को दिलीप मोबाइल नंबर उपलब्ध कराता था।
उपलब्ध कराए गए मोबाइल नंबरों पर वह लोग फोन करते थे।
कहते थे कि मैं हमदर्द आयुर्वेद संस्थान से बोल रहा हूं। हमारी कंपनी की ओर से आपके व आपके परिवार के लिए गुड न्यूज है। इसी गुड न्यूज को देने के लिए आपको कंपनी की ओर से फोन किया गया। हमारी कंपनी का दस वर्ष पूरा हुआ है।
इसी उपलक्ष्य में कंपनी ने एनुअल एडवरटीजमेंट फंक्शन किया गया था। इसी कार्यक्रम में कई मोबाइल नंबर को एक छोटे से बाक्स में डालकर पांच वर्ष की बच्ची से पर्ची निकलवाया गया। इसी पर्ची में आपका नंबर निकला और प्रथम पुरस्कार के आप विजेता हैं।
हमारी संस्था आपको दो लाख बीस हजार रुपये का एसबीआइ का बियरर चेक देगी। पूरा पता इसी के बाद ले लिया जाता था। इसके बाद पोस्ट आफिस से पत्र भेजा जाता था। अन्य आरोपितों ने पुलिस को बताया है कि पते पर एक स्क्रैच कूपन भी भेजा जाता था। स्कार्पियो और फार्च्यूनर इसको स्क्रैच करने पर लिखा निकलता था।
इसके बाद रुपये की टैक्स समेत अन्य खर्च के नाम पर मांग की जाती थी।
41 मोबाइल व 36 सिमकार्ड खेलेंगे राज
इनके पास से 41 पीस मोबाइल, एयरटेल व जिओ का 36 सिमकार्ड, चार बंडल लाटरी, तीन एटीएम कार्ड, दो रजिस्टर, 17 कापी, 18 मुहर समेत अन्य सामान बरामद हुआ था।
पुलिस ने मोबाइल व सिम को खंगालना शुरू कर दिया है। सभी की जांच के बाद इस बात का खुलासा होगा कि कितने आरोपित और इस गिरोह से जुड़े हुए हैं और कितने कि कहां-कहां इस गिरोह के सदस्यों ने ठगी की है।
कशियामा हुलासगंज जहानाबाद निवासी 21 वर्षीय अमन कुमार, थरवारा नियर मस्जिद बहादुरपुर दरभंगा निवासी 32 वर्षीय विक्रम मंडल, बडीमलामा सरमेरा नालंदा निवासी 21 वर्षीय चुन्नू कुमार, घरवारा पेपरमीन दरभंगा निवासी 45 वर्षीय सतीश मंडल, पादुमबिघा बैन नालंदा निवासी 28 वर्षीय पप्पू कुमार उर्फ रश्मि रंजन, बड़ीमलाला बेन नालंदा निवासी 39 वर्षीय दिनकर सिंह उर्फ प्रताप
कचरा भेड़िया बेन नालंदा निवासी 18 वर्षीय शिवम कुमार, पादुमबीघा बनारसी बीघा बेन नालंदा निवासी 33 वर्षीय नंदन कुमार, उर्फ राजू कुमार, राजाबीघा मंझोष मकदुमपुर जहानाबाद 19 वर्षीय राकेश कुमार उर्फ कारू, बड़ीमलाला सरमेरा नालंदा निवासी 19 वर्षीय सिद्धार्थ, बाकमा भदौर पटना बिहार निवासी 33 वर्षीय ब्रजेश कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार का शनिवार को जेल भेजा था।
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