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Gomia vidhan sabha Chunav Result: गोमिया में जयराम की पार्टी कर सकती 'खेला', क्या लंबोदर महतो बचा पाएंगे किला?

Gomia election Result बोकारो जिले की महत्वपूर्ण सीट गोमिया में एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है। यहां 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं जिनमें एक महिला और दो अल्पसंख्यक प्रत्याशी शामिल हैं। यहां मुकाबला दिलचस्प बताया जा रहा है। यहां इस बार वर्तमान विधायक लंबोदर महतो पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद और जेएलकेएम की पूजा महतो के बीच तगड़ा मुकाबला होने की संभावना है।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Fri, 22 Nov 2024 04:15 PM (IST)
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क्या लंबोदर महतो बचा पाएंगे किला? फ़ोटो- जागरण
डिजिटल डेस्क, बोकारो। बोकारो जिले की महत्वपूर्ण सीट में से एक गाेमिया जहां एनडीए व महागठबंधन की अग्नि परीक्षा है। यहां 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। विधानसभा में छोटन राम, योगेंद्र प्रसाद, लंबोदर महतो, पूजा कुमारी, मनोज कुमार महतो, इफ्तेखार महमूद, मो. इसराफिल, चितरंजन साव, प्रकाश लाल सिंह, मदन कुमार साव, राकेश करमाली तथा संतोष कुमार नायक चुनाव मैदान में हैं। एक महिला तथा दो अल्पसंख्यक प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। यहां आधा क्षेत्र उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र है।

मुकाबला त्रिकोणिय

गोमिया विधानसभा चुनाव की नैया पार होने के लिए प्रमुख दल और उम्मीदवार चुनावी रणनीति बना रहे हैं। इस बार वर्तमान विधायक लंबोदर महतो, पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद और जेएलकेएम की पूजा महतो के बीच तगड़ा मुकाबला होने की संभावना है। जयराम महतो की पार्टी के मैदान में आने से चुनावी समीकरण बदल गया है।

लंबोदर महतो नौकरी छोड़ राजनीति में आए, जीत हासिल की

वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में डॉक्टर लंबोदर महतो ने करीब 11 हजार वोटों के अंतर से अपने निकटतम जेएमएम की प्रत्याशी बबिता देवी को हराकर गोमिया के विधायक बने थे। लंबोदर ने राज्य प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा था। जबकि बबीता देवी झामुमो के कद्दावर नेता योगेंद्र प्रसाद की पत्नी है।

गोमिया सीट पर इन दोनों के बीच कांटे की टक्कर होती है। लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव 2024 में जयराम महतो की पार्टी से पूजा महतो की दखल के बाद मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है।

जेएलकेएम के दखल से बदल गया है राजनीतिक समीकरण

इस बार के विधानसभा चुनाव में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के हस्तक्षेप से राजनीतिक समीकरण में बड़ा बदलाव देखने को मिल रही है। जयराम महतो गोमिया सीट से पूजा महतो को प्रत्याशी बनाने के बाद यह सीट काफी हांट हो गई है।

पार्टी की प्रत्याशी पूजा डोर टू डोर जनसंपर्क अभियान चलाकर लोगों का समर्थन मांग रही है,कुरमी वोटरों में पूजा महतो में जबरदस्त उत्साह दिख रही है।

2014 में जीत हासिल करने के बाद योगेंद्र प्रसाद की सदस्यता गई

2014 में झामुमो के योगेंद्र प्रसाद ने भाजपा और माधवलाल महतो के वर्चस्व तोड़ते हुए इस सीट पर कब्जा जमाया। हालांकि कोयला केस के मामले में उनकी सदस्यता चली गई, जिसके कारण 2018 में उपचुनाव हुआ।

वैसे उपचुनाव में उनकी पत्नी बबीता देवी ने ही जीत दर्ज की और गोमिया की पहली महिला विधायक बनीं। आजसू के डॉ लंबोदर महतो मात्र 1,344 वोट से पराजित हुए।

2019 के विधानसभा चुनाव में आजसू से डॉ लंबोदर महतो को 71859 और झामुमो की बबीता देवी को 60922 मत मिले। लंबोदर महतो 10,937 वोट से बबीता देवी को हराकर गोमिया के विधायक बने।

लंबोदर महतो ने 2019 में सारे राजनीतिक समीकरणों को ध्वस्त कर जीत हासिल की

वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सरकारी नौकरी छोड़ कर राजनीति में आए डॉ. लंबोदर महतो ने गोमिया में सारे राजनीतिक समीकरणों को ध्वस्त कर जीत हासिल की। डॉ. लंबोदर महतो ने आजसू पार्टी उम्मीदवार के रूप में जेएमएम की बबीता देवी को पराजित किया।

इतिहास

गोमिया विधानसभा पहले आम विधानसभा चुनाव 1952 में ही अस्तित्व में आया। लेकिन 1957 से 1972 तक गोमिया क्षेत्र का नाम बदल गया। 1977 में एक बार फिर गोमिया विधानसभा सीट का गठन किया गया। जिसके बाद से 2019 तक के चुनाव में चार-चार छत्रु राम महतो और माधवलाल सिंह ने जीत हासिल की।

वहीं दो बार कांग्रेस, एक-एक बार जेएमएम, कांग्रेस, आजसू पार्टी और जनता पार्टी को जीत मिली। तीन बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में माधवलाल ने जीत हासिल की।

गोमिया विधानसभा का राजनीतिक इतिहास

गोमिया विधानसभा क्षेत्र का गठन 1977 में हुआ था। इससे पहले यह क्षेत्र मांडू विधानसभा के अंतर्गत आता था। गोमिया से पहली बार जनता पार्टी के छत्रु राम महतो ने 1977 में जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने 1980, 1995 और 2005 में भाजपा से विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया। वहीं 1985, 1990 और 2000 में निर्दलीय तथा 2009 में कांग्रेस से माधव लाल सिंह इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे।

वर्ष उम्मीदवार का नाम पार्टी

  • 1952 : अब्दुल कयूम अंसारी कांग्रेस
  • 1977 : छत्रु राम महतो जनता पार्टी
  • 1980 : छत्रु राम महतो भाजपा
  • 1985 : माधवलाल सिंह निर्दलीय
  • 1990 : माधवलाल सिंह निर्दलीय
  • 1995 : छत्रु राम महतो भाजपा
  • 2000 : माधवलाल सिंह निर्दलीय
  • 2005 : छत्रु राम महतो भाजपा
  • 2009 : माधवलाल सिंह कांग्रेस
  • 2014 : योगेंद्र प्रसाद जेएमएम
  • 2018 : बबीता देवी जेएमएम
  • 2019 : लंबोदर महतो आजसू पार्टी
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