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महिलाएं बनीं नायिका तो लोहिया ग्राम से दूर ठिठका कोरोना

नावाडीह प्रखंड के ऊपरघाट स्थित नारायणपुर पंचायत के लहिया ग्राम में कोरोना की दूसरी लहर का कोई असर नहीं हुआ। बचाव के प्रति स्थानीय ग्रामीणों में जागरूकता के चलते गांव में कोरोना दस्तक भी नहीं दे सका। यहां के सभी महिला-पुरुष घर से बाहर कदम रखते ही मास्क लगाते हैं।

By JagranEdited By: Updated: Sat, 22 May 2021 08:05 PM (IST)
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महिलाएं बनीं नायिका तो लोहिया ग्राम से दूर ठिठका कोरोना

संस, सुरही (बेरमो): नावाडीह प्रखंड के ऊपरघाट स्थित नारायणपुर पंचायत के लहिया ग्राम में कोरोना की दूसरी लहर का कोई असर नहीं हुआ। बचाव के प्रति स्थानीय ग्रामीणों में जागरूकता के चलते गांव में कोरोना दस्तक भी नहीं दे सका। यहां के सभी महिला-पुरुष घर से बाहर कदम रखते ही मास्क लगाते हैं। साथ ही शारीरिक दूरी का भी बेहद ख्याल रखते हैं। तीन हजार आबादी वाले इस गांव के लोगों को कोरोना से बचाने के लिए स्वयंसेविका सरिता कुमारी ने होली के पहले से निरंतर अभियान चलाकर बगैर मास्क पहने घर से बाहर न निकलने और शारीरिक दूरी रखने की महिलाओं को शपथ दिलाई। फलस्वरूप, गांव की महिलाओं की मास्क पहनने की आदत बन गई। वह परिवार के पुरुष सदस्यों को भी मास्क पहनने एवं शारीरिक दूरी बनाकर रहने को प्रेरित करने लगीं।

--महिलाएं जिस अभियान से जुड़ जातीं हैं, वह हो जाता सफल : गांव को कोरोना से बचाने के लिए स्वयं सेविका सरिता कुमारी की पहल इस कदर रंग लाई कि महिलाएं खुद तो मास्क लगाने लगीं ही, जब कोई पुरुष घर से बाहर निकलता है तो महिलाएं सबसे पहले वह मास्क पहने हैं या नहीं, पूछ व देखकर ही जाने देतीं। धीरे-धीरे यह प्रचलन पूरे गांव में फैल गया। नतीजतन, लगभग सभी लोग मास्क का उपयोग करने लगे। स्वयंसेविका सरिता का कहना है कि किसी भी अभियान को पूरी तरह सफल बनाने के लिए महिलाओं की भागीदारी आवश्यक है। महिलाएं जिस अभियान से जुड़ जाती हैं, वह सफल हो जाता है। इसलिए उन्होंने गांव में कोरोना के प्रवेश को रोकने के लिए सबसे पहले महिलाओं को जागरूक किया, जिसका परिणाम यह रहा कि पूरे गांव के लोग मास्क लगाने व एक-दूसरे से शारीरिक दूरी रखने के प्रति जागरूक व सजग हो गए। इस कारण कोरोना की दूसरी लहर इस गांव को अबतक छू भी नहीं सका।

--गांव लौटने पर प्रवासी मजदूरों को किया जाता होम क्वारंटाइन : नारायणपुर पंचायत के निवर्तमान मुखिया भेखलाल महतो ने बताया कि उनकी पंचायत का लहिया ग्राम इस मायने में नजीर बन गया है। क्योंकि यहां अबतक कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं हुआ। यह बचाव के प्रति ग्रामीणों की जागरूकता व सजगता से संभव हो पाया। लहिया ग्राम के कई लोग अन्य प्रदेश में जाकर जीविकोपार्जन करते हैं। उनमें अधिकतर लोग होली एवं रामनवमी के पहले ही लौट चुके हैं। अब गांव में ही धान की खेती करने की तैयारी में लगे हुए हैं। अन्य प्रदेश से गांव लौटने पर प्रवासी मजदूरों को उनके घर में ही एक सप्ताह तक क्वारंटाइन करने के बाद ही बाहर घूमने-फिरने की इजाजत दी जाती है । वहीं, बीते 22 अप्रैल से जारी आंशिक लॉकडाउन की शुरुआत होने के बाद से ही यहां के सभी लोग अन्य जगह बेवजह आवाजाही करने से बच रहे हैं। यही कारण है कि यह गांव अबतक कोरोना की चपेट से अछूता रहा है।