Jagran Special: बोकारो में बन रहा व्यावसायिक जहाज के लिए स्पेशल इस्पात, आत्मनिर्भर भारत को मिलेगी गति
बोकारो स्टील प्लांट में व्यावसायिक जहाज के लिए स्पेशल इस्पात का निर्माण किया जा रहा है। इससे आत्मनिर्भर भारत को गति मिलेगी। दरअसल पानी का जहाज बनाने के लिए अब तक विदेशों से स्टील मंगाया जा रहा था लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं होगी। इससे भारत आत्म-निर्भर बनने के साथ ही उन देशों को भी यह प्रोडक्ट सप्लाई करेगा जो उच्च शक्ति वाले पानी के जहाज का निर्माण करते हैं।
ये हैं खासियतें
एबीएस श्रेणी का इस्पात अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप होता है। यह सामान्य और उच्च शक्ति वाले पानी के जहाज के निर्माण में काम आता है।4-10 मिलीमीटर मोटाई तथा 1100-1800 मिलीमीटर चौड़ाई के हाट रोल्ड क्वायल से बनने वाले जहाज लंबे समय तक समुद्र में रहने के बाद भी खराब नहीं होते हैं और यह हल्के होने के बावजूद काफी मजबूत होते हैं। बीएसएल को एबीएस व आइआरएस ने इस वर्ष फरवरी में कार्य निर्माण की मान्यता प्रदान की।गोवा शिपयार्ड ने दिया कार्यादेश तो इस्पात विकसित करने की हुई पहल
बीएसएल को बीएस ग्रेड शीट्स व प्लेट्स के लिए मेसर्स गोवा शिपयार्ड लिमिटेड से कार्यादेश मिला है। सेल कार्पोरेट कार्यालय के निर्देश पर बीएसएल में पहल प्रारंभ हुई। अनुसंधान और नियंत्रण प्रयोगशाला (आरसीएल) विभाग ने आरडीसीआइएस, बोकारो केंद्र के साथ मिलकर मौजूदा सुविधाओं के साथ संयंत्र में उत्पादन के लिए परिस्थितियों का अध्ययन किया और एबीएस से प्रमाणीकरण के लिए प्रक्रिया शुरू की। कई दौर के अध्ययन एवं परीक्षण के बाद गुणवत्ता का स्तर प्राप्त कर लिया।भारत सरकार की ये कंपनियां हैं खरीदार
1. कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड 2. गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स 3. गोआ शिपयार्ड लिमिटेड 4. नौसेना डाकयार्ड 5. बाम्बे डाकयार्ड6. मझगांव डाक शिपबिल्डर्स लिमिटेड 7. हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेडयह भी पढ़ें-स्कूल-कॉलेज की छात्राओं की सेफ्टी को लेकर DGP सख्त, सभी SP-DSP को दे दिया नया निर्देश; प्रभारी की भी लगा दी ड्यूटी BJP में शामिल होते ही हेमंत से बदले की तैयारी, चंपई सोरेन का पूरा प्लान सेट; मरांडी को बुलाया गया दिल्लीसरकारी कंपनियां जो भी व्यावसायिक जहाज बनाएंगी, उसके स्टील की आपूर्ति के लिए बोकारो इस्पात ही एकमात्र विकल्प है। उसे ही इस मानक का इस्पात बनाने का प्रमाणपत्र मिला है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत यह एक बड़ी सफलता है। देश की नौसेना एवं अन्य सामरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए इस्पात बनता था। इस नए ग्रेड के निर्माण से सेल को नया बाजार मिला है। अब तक इस प्रकार का इस्पात दूसरे देशों से आयात होता था। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड से आदेश मिला है, भेजने की तैयारी चल रही है।- माणिकांत धान, संचार प्रमुख, बोकारो इस्पात संयंत्र