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Jagran Special: बोकारो में बन रहा व्यावसायिक जहाज के लिए स्पेशल इस्पात, आत्मनिर्भर भारत को मिलेगी गति

बोकारो स्टील प्लांट में व्यावसायिक जहाज के लिए स्पेशल इस्पात का निर्माण किया जा रहा है। इससे आत्मनिर्भर भारत को गति मिलेगी। दरअसल पानी का जहाज बनाने के लिए अब तक विदेशों से स्टील मंगाया जा रहा था लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं होगी। इससे भारत आत्म-निर्भर बनने के साथ ही उन देशों को भी यह प्रोडक्ट सप्लाई करेगा जो उच्च शक्ति वाले पानी के जहाज का निर्माण करते हैं।

By Birendra Kumar Pandey Edited By: Mukul Kumar Updated: Tue, 27 Aug 2024 08:03 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
बीके पाण्डेय, बोकारो। आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देते हुए बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) अब व्यावसायिक जहाज के लिए विशेष इस्पात का उत्पादन कर रहा है। अब तक देश में पानी का जहाज बनाने के लिए विदेश से स्टील मंगाया जाता रहा है।

स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में ऐसा इस्पात बनाने वाली बीएसएल पहली इकाई है। फरवरी, 2024 में इसे अमेरिकन ब्यूरो आफ शिपिंग (एबीएस) और इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (आईआरएस) से 'सामान्य और उच्च शक्ति वाले जहाज निर्माण के लिए उपयुक्त गुणवत्ता वाले स्टील' का प्रमाणन प्राप्त हो चुका है।

यह संयंत्र अब तक नौसेना के उपयोग के लिए जहाज बनाने वाली भारत सरकार की कंपनियों को विशेष प्रकार का इस्पात आपूर्ति करता रहा है। यहां युद्धपोत के लिए डीएमआर-249 ग्रेड के इस्पात का उत्पादन होता रहा है।

व्यावसायिक जहाज के लिए एबीएस ग्रेड शीट्स व प्लेट्स की आवश्यकता होती है, जिसका उत्पादन सेल में नहीं होता था। अमेरिकन मानक ब्यूरो की मान्यता मिलने के बाद इस पर काम आरंभ हुआ।

अब अपना देश तो आत्मनिर्भर होगा ही, उन देशों को भी इस श्रेणी के इस्पात का निर्यात कर सकेगा जो सामान्य और उच्च शक्ति वाले पानी के जहाज का निर्माण करते हैं।

बीएसएल लंबे समय से पनडुब्बियों, फ्रिगेट्स, डाइविंग सपोर्ट वेसल (डीएसवी) आदि नौसैनिक युद्ध उपकरणों के लिए स्टील की आपूर्ति करता रहा है। नए प्रमाणीकरण के बाद बीएसएल से वाणिज्यिक जहाजों के लिए स्टील की आपूर्ति भी की जा सकेगी।

ये हैं खासियतें

एबीएस श्रेणी का इस्पात अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप होता है। यह सामान्य और उच्च शक्ति वाले पानी के जहाज के निर्माण में काम आता है।

4-10 मिलीमीटर मोटाई तथा 1100-1800 मिलीमीटर चौड़ाई के हाट रोल्ड क्वायल से बनने वाले जहाज लंबे समय तक समुद्र में रहने के बाद भी खराब नहीं होते हैं और यह हल्के होने के बावजूद काफी मजबूत होते हैं। बीएसएल को एबीएस व आइआरएस ने इस वर्ष फरवरी में कार्य निर्माण की मान्यता प्रदान की।

गोवा शिपयार्ड ने दिया कार्यादेश तो इस्पात विकसित करने की हुई पहल

बीएसएल को बीएस ग्रेड शीट्स व प्लेट्स के लिए मेसर्स गोवा शिपयार्ड लिमिटेड से कार्यादेश मिला है। सेल कार्पोरेट कार्यालय के निर्देश पर बीएसएल में पहल प्रारंभ हुई। 

अनुसंधान और नियंत्रण प्रयोगशाला (आरसीएल) विभाग ने आरडीसीआइएस, बोकारो केंद्र के साथ मिलकर मौजूदा सुविधाओं के साथ संयंत्र में उत्पादन के लिए परिस्थितियों का अध्ययन किया और एबीएस से प्रमाणीकरण के लिए प्रक्रिया शुरू की। कई दौर के अध्ययन एवं परीक्षण के बाद गुणवत्ता का स्तर प्राप्त कर लिया।

भारत सरकार की ये कंपनियां हैं खरीदार

1. कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड

2. गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स

3. गोआ शिपयार्ड लिमिटेड

4. नौसेना डाकयार्ड

5. बाम्बे डाकयार्ड

6. मझगांव डाक शिपबिल्डर्स लिमिटेड

7. हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड

सरकारी कंपनियां जो भी व्यावसायिक जहाज बनाएंगी, उसके स्टील की आपूर्ति के लिए बोकारो इस्पात ही एकमात्र विकल्प है। उसे ही इस मानक का इस्पात बनाने का प्रमाणपत्र मिला है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत यह एक बड़ी सफलता है। देश की नौसेना एवं अन्य सामरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए इस्पात बनता था। इस नए ग्रेड के निर्माण से सेल को नया बाजार मिला है। अब तक इस प्रकार का इस्पात दूसरे देशों से आयात होता था। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड से आदेश मिला है, भेजने की तैयारी चल रही है।- माणिकांत धान, संचार प्रमुख, बोकारो इस्पात संयंत्र

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