सीटीओ के अभाव का दंश झेल रही कथारा कोलियरी
2019 के जुलाई से ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) से सीटीओ नहीं मिलने के कारण उत्पादन ठप है।
कथारा (बेरमो) : सीसीएल कथारा प्रक्षेत्र की कथारा कोलियरी सीटीओ (कंसर्ट ऑफ ऑपरेट) के अभाव का दंश झेल रही है। 2019 के जुलाई से ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) से सीटीओ नहीं मिलने के कारण उत्पादन ठप है। सीटीओ की प्राप्ति के लिए सीसीएल प्रबंधन काफी प्रयासरत है, लेकिन अबतक नहीं मिल पाया है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले माह सितंबर-2020 तक इस कोलियरी को सीटीओ मिल जाएगा तो कोयले का उत्पादन सुचारु हो जाएगा।
कथारा कोलियरी को सीटीओ नहीं मिलने का सीधा असर कथारा कोलवाशरी पर पड़ा है। कथारा वाशरी को कथारा कोलियरी से पर्याप्त कोयला मिल जाता था लेकिन कथारा कोलियरी बंद रहने के कारण वर्तमान समय में अन्य परियोजनाओं से कथारा वाशरी में कोयला लाया जा रहा है। सीटीओ नहीं मिलने के कारण सीसीएल को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। इस कोलियरी के सैकड़ों मजदूरों को बिना कार्य किए ही प्रत्येक माह वेतन भुगतान करना पड़ रहा है। फिलहाल कथारा कोलियरी में सिर्फ ओबी यानी ओवर बर्डन निकालने का कार्य आउटसोर्सिग कंपनी करा रही है। कथारा कोलियरी को एनजीटी से सीटीओ दिलाने के लिए स्थानीय सीसीएल प्रबंधन के साथ ही वरीय अधिकारी भी प्रयासरत हैं। जल्द ही कथारा कोलियरी को सीटीओ मिल जाने की उम्मीद है। सीटीओ मिलते ही कथारा कोलियरी से कोयले का उत्पादन सुचारु हो जाएगा। - नवलकिशोर दुबे, पीओ, कथारा कोलियरी