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Coal Smuggling का अब बदल गया तरीका, ट्रकों की जगह ऑटो में निकलता है कोयला; दिन में भी धड़ल्‍ले से हो रही तस्‍करी

Coal Smuggling बोकारो में खदानों से कोयला तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। इसका अवैध कारोबार और परिवहन धड़ल्ले से चल रहा है। हालांकि तस्‍करों ने तस्करी का तरीका थोड़ा बदल दिया है अब ट्रकों की जगह ऑटो में कोयला निकलता है। रात दो दूर अब दिन में भी कोयला तस्कर बेखौफ परिवहन करते नजर आ रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen Updated: Wed, 29 May 2024 02:17 PM (IST)
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जारंगडीह खदान का मुख्य गेट जहां से निकलते हैं चोरी के कोयला के हाइवा
मुकेश कुमार महतो, बेरमो। Coal Smuggling : कोयलांचल की खदानों से कोयला तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। इसका अवैध कारोबार और परिवहन धड़ल्ले से चल रहा है। तस्करों ने चोरी का तरीका और रास्ता थोड़ा अलग किया है। सीसीएल ढोरी, बीएंडके और कथारा की कई खदानों के आस-पास तस्करों का अड्डा जमता है और आधी रात सक्रिय हो जाते हैं।

तीन पहिया टैंपो या छोटा हाथी से हो रही कोयले की तस्‍करी

चुनावी मौसम में जहां चप्पे-चप्पे पर बैरिकेडिंग व गश्ती दल सक्रिय है, बावजूद चोरी थम नहीं रही। मुख्य सड़कों पर भी चोरी के कोयला से भरे वाहनों का आवागमन जारी है। रात दो दूर, अब दिन में भी कोयला तस्कर बेखौफ परिवहन करते नजर आ रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ माह में ट्रकों से चोरी के कोयला का अवैध तरीके से परिवहन के मामले थमे हैं लेकिन अब उसकी जगह तीन पहिया टैंपो या छोटा हाथी ने ले ली है।

यहां रोजाना रात नौ-दस बजे के बाद कोयला से लदे टैंपो सड़कों पर दौड़ते देखे जा सकते हैं। चोरी से सीसीएल को राजस्व का नुकसान हो रहा है, वहीं प्रशासन पर भी मिलीभगत के आरोप लगते रहे हैं।

तस्करों ने बदला तरीका, ट्रकों की जगह अब टैंपो ने ली

दो माह पहले कोयला तस्करी को लेकर डीएसपी के नेतृत्व में कुछ जगहों पर छापेमारी करते हुए भारी मात्रा में कोयला व वाहन को जब्त किया गया था।

धंधेबाजों पर मामला भी दर्ज किया गया था। सूत्रों के अनुसार ट्रकों व भारी वाहनों के पकड़े जाने के डर से अब तस्करों ने टैंपो और छोटे हाथी के माध्यम से अवैध परिवहन करना शुरू कर दिया है।

लोगों को शक न हो, टैंपो में कोयला की बोरियां भरकर उसके ऊपर कपड़ा या अन्य चीजों से ढक दिया जाता है। सूत्रों के अनुसार रोजाना रात नौ-दस बजे के बाद बेरमो-फुसरो मुख्य मार्ग के साथ बेरमो-कथारा-ऊपरघाट, गोमिया आदि की सड़कों पर सौ से अधिक टैंपो से चोरी का कोयला निर्धारित स्थलों पर पहुंचाया जा रहा है।

जंगलों में करते स्टाॅक, फिर वाहनों में भर निर्धारित जगह पहुंचाते

सूत्रों के अनुसार कोयलांचल में खदानों के आस-पास के जंगलों में चोरी का कोयला स्टाक कर रखा जाता है। स्टाॅक ज्यादा हो जाने के बाद देर रात को ट्रक या भारी वाहनों में उसे लादकर चोरी छिपे ग्रामीण मार्गों से होते हुए विभिन्न थानों को पार करते हुए डुमरी जीटी रोड तक पहुंचाया जाता है। जिसके बाद वाहनों को बिहार या उत्तर प्रदेश की सीमा तक भेज दिया जाता है।

इस काम में कोयला चोरों का पूरा रैकेट जुड़ा होता है जो गांव से लेकर जीटी रोड तक फैले रहते हैं और पल पल की जानकारी तस्करों को देते हैं। सूत्रों के अनुसार टैंपो कई थाना क्षेत्र से होकर मुख्य मार्गों से भी गुजरते हैं लेकिन साठ गांठ के कारण कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। जिससे कोयला चोरी का धंधा थमने के बजाय बढ़ता जा रहा है।

कोल फैक्ट्री, चिमनियों व डीपो में की जाती है सप्लाई 

सूत्रों के अनुसार चोरी का कोयला इन दिनों कोयलांचल में स्थित कोल फैक्ट्रियों, चिमनियों और डीपो में खपाया जा रहा है।

फैक्ट्री संचालक बाजार मूल्य से काफी कम में चोरी का कोयला तस्करों से टैंपो व बाइकों के माध्यम से फैक्ट्रियों में स्टाक करवाते हैं। फैक्ट्री में इसे पोड़ा यानी आधा जलाकर बाहर भेजा जाता है।

लेकिन कई बार फैक्ट्री संचालक भी रात में मौके का फायदा उठाते हुए कच्चा कोयला को ही बड़े वाहनों में लादकर भारी कीमत पर प्रदेश से बाहर पहुंचाने का काम करते हैं जिससे उन्हें दोगुना फायदा हो जाता है।

ये वाहन बोकारो थर्मल, बेरमो, नावाडीह, मकोली ओपी, पेंक नारायणपुर, पेटरवार, गोमिया आदि थाना क्षेत्रों से होकर गुजरते हैं।

कथारा : जारंगडीह खदान में सुरक्षा बलों पर भारी कोयला तस्कर

सीसीएल कथारा क्षेत्र की जारंगडीह परियोजना की खुली खदान से भी देर रात अवैध तरीके से रोजाना कोयला निकाला जा रहा है। यहां कोयला चोरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि सुरक्षाकर्मियों पर ही कई बार हमला कर चुके हैं।

दो माह पहले कोयला चोरी रोकने आए दो महिला जवानों सहित चार जवानों पर हमला कर तस्करों ने गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इतना ही नहीं, जवानों की बाइक को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था।

जारंगडीह क्षेत्र में कोयला चोरी की चर्चा चप्पे चप्पे पर चलती है। हालांकि इसे रोकने के लिए सीसीएल प्रबंधन की ओर से कोई कारगर उपाय नहीं किया जाता है। सूत्रों के अनुसार यहां से देर रात भारी वाहनों से भी चोरी कर कोयला ले जाया जाता है।

यह धंधा देर रात्रि आउटसोर्सिंग का होने वाली ओबी निस्तारण के रास्ते आसानी से किया जाता है। कुछ दिन पहले चोरी का मामला सामने आने पर प्रबंधन ने सख्ती बरती लेकिन कुछ दिन बाद दोबारा चोरी शुरू हो गई।

खान प्रबंधक बालगोविन्द नायक ने मामले को लेकर कहा कि कोयला के अवैध धंधा की सूचना मिली है। प्रबंधन इसे लेकर पहल कर रहा है।

तस्करी की सूचना देने वालों को मिलेगा इनाम, पर देगा कौन

अधिकारियों के अनुसार कोयला चोरी को लेकर अगर कोई सूचना देता है और तस्करों को पकड़वाता है तो प्रबंधन की ओर से उसे इनाम दिया जाएगा। लेकिन सवाल यह है कि तस्कर जब सुरक्षा जवानों पर हमला कर सकते हैं तो तस्करी की सूचना देने वालों की सुरक्षा की क्या गारंटी है। जिस कारण लोग खुले आम कोयला तस्करी को देखकर भी चुप्पी साधे रहते हैं।

जारंगडीह खदान से हाइवा डंपर द्वारा कोयला चोरी की जानकारी मिली है। इसे लेकर बोकारो थर्मल थाना की पुलिस गंभीर है। चोरी को लेकर एक टीम गठित की गई है। जल्द धंधेबाजों को पकड़कर कार्रवाई की जाएगी- शैलेन्द्र कुमार सिंह, पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी बोकारो थर्मल

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