बोकारो के सदर अस्पताल में ऑक्सीजन के अभाव में मरीज की मौत, सीएस बोले- 24 घंटे में मांगी गई है रिपोर्ट
बोकारो सदर अस्पताल की चिकित्सकीय व्यवस्था में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है। आए दिन डाॅक्टरों व कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से मरीजों को इलाज में भारी परेशानी हो रही है। इसी लापरवाही से मरीजों की जान तक जा रही है।
By Deo Kant TiwariEdited By: Deepak Kumar PandeyUpdated: Thu, 10 Nov 2022 10:53 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बोकारो: बोकारो सदर अस्पताल की चिकित्सकीय व्यवस्था में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है। आए दिन डाॅक्टरों व कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से मरीजों को इलाज में भारी परेशानी हो रही है। इसी लापरवाही से मरीजों की जान तक जा रही है। गुरुवार की सुबह अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं मिलने से बालीडीह निवासी 43 वर्षीय मिथिलेश रजवार की मौत हो गई।
मौत की खबर मिलते ही मृतक की पहचान के लोग अस्पताल पहुंचे और इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। हंगामे की जानकारी मिलने के बाद सिविल सर्जन डाॅ. अभय भूषण प्रसाद अस्पताल पहुंचे और स्वजनों से घटना की जानकारी लेने के बाद उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।
दूसरा गंभीर मरीज आया तो उसे लगा दिया ऑक्सीजन, पहले ने तोड़ा दम
स्वजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण उनके मरीज ने दम तोड़ दिया। स्वजनों ने बताया कि मिथिलेश की अचानक तबीयत बिगड़ने पर बुधवार की शाम उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल के कर्मियों ने उसे ऑक्सीजन लगा दिया, लेकिन उसी दौरान एक और सीरियस मरीज सदर अस्पताल में आया। तब अस्पताल के कर्मियों ने मिथिलेश को लगे ऑक्सीजन पाइप को हटाकर उस दूसरे मरीज को लगा दिया। इसके बाद मिथिलेश की हालत गंभीर होने लगी। ऐसे में स्वास्थ्य कर्मी व्हील चेयर पर बैठाकर उसे आइसीयू ले जाने लगे। इसी क्रम में वह व्हील चेयर से नीचे गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई।
मिथिलेश की पत्नी विद्या देवी ने पति की हत्या का आरोप स्वास्थ्य कर्मियों पर लगाया है। मिथिलेश दैनिक मजदूरी करता था। वह घर में कमाने वाला अकेला सदस्य था। उसकी मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
इधर, जिले के सिविल सर्जन डॉक्टर अभय भूषण प्रसाद ने कहा कि मिथिलेश को सांस संबंधी बीमारी थी। उसकी मौत इलाज के दौरान सदर अस्पताल में हो गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए चिकित्सकों की दो सदस्यीय जांच टीम गठित की गई है। जांच टीम को 24 घंटे में अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। मामला गंभीर है। दोषी होने पर कार्रवाई होगी।
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