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Jharkhand News: दुर्गा पूजा के बीच सेलकर्मियों की हो गई बल्ले-बल्ले, मिलेगा 26,500 रुपये बोनस

Jharkhand News In Hindi स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएआईएल) ने अपने कर्मचारियों के लिए बोनस की घोषणा की है। इसके अनुसार संयंत्रकर्मियों को 26500 रुपये और प्रशिक्षुओं को 21200 रुपये दिए जाएंगे। यह राशि दुर्गापूजा से पहले कर्मियों के खाते में भेज दी जाएगी। हालांकि यूनियन नेताओं ने इस निर्णय को मनमानी बताया है और हड़ताल की चेतावनी दी है।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Thu, 03 Oct 2024 10:09 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

जागरण संवाददाता, बोकारो। सेल कामगारों के बोनस पर एक अक्टूबर को नई दिल्ली में प्रबंधन व एनजेसीएस नेताओं की वार्ता विफल होने के बाद प्रबंधन ने निर्णय किया है कि संयंत्रकर्मियों को इस मद में 26,500 रुपये तथा प्रशिक्षुओं को 21,200 रुपये देगा। यह राशि दुर्गापूजा से पहले कर्मियों के खाते में भेज दी जाएगी।

गुरुवार को सेल कॉरपोरेट ऑफिस से आदेश जारी कर दिया गया है। इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट की तरफ से सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है। बोकारो एवं अन्य स्टील प्लांट की ओर से शुक्रवार की सुबह आदेश जारी होने की संभावना है।

हालांकि, सेल प्रबंधन के आला अधिकारी एनजेसीएस के वरीय नेताओं से लगातार संपर्क कर रहे है। गत वर्ष भी समझौता नहीं होने की स्थिति में प्रबंधन ने 23 हजार रुपये का भुगतान कर दिया था।

यूनियन नेताओं ने कहा, प्रबंधन कर रहा मनमानी

एनजेसीएस स्टेयरिंग कमेटी के समन्वयक सह सीटू के वरिष्ठ नेता ललित मोहन मिश्र ने साफ कहा कि बोनस के मसले पर प्रबंधन के साथ कोई समझौता नहीं किया है, ना ही समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुआ है। ऐसे में यदि संयंत्रकर्मियों के बैंक खाते में प्रबंधन अपनी ओर से बोनस राशि भेज रहा है तो यह मनमानी है।

पिछले साल भी प्रबंधन ने बोनस के समय ऐसा ही किया था। ऐसे में सेल में नवंबर के बजाय अक्टूबर में ही हड़ताल हो जाएगी जो 30 जून, 2021 की ऐतिहासिक हड़ताल से भी घातक परिणाम देने वाली होगी। प्रबंधन ने बोनस मद में 26,500 रुपये का प्रस्ताव दिया, जबकि हम 52 हजार रुपये की मांग कर रहे है।

इस मुद्दे पर प्रबंधन यदि अगली बैठक बुलाता है तो हम जरूर जाएंगे, लेकिन कर्मचारियों की मेहनत व कंपनी का लाभ देखते हुए 40,500 रुपये से कम बोनस पर समझौता नहीं होगा।

वहीं, इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजीवा रेड्डी ने कहा कि सेल में हड़ताल ही अब एकमात्र विकल्प रह गया है। प्रबंधन यदि कामगारों के बैंक खाते में राशि भेज भी देता है तो हमारा निर्णय नहीं बदलेगा। एनजेसीएस की पांचों यूनियन की ताकत कर्मचारियों को उनका हक दिलाकर रहेगी।

अधिकारियों के पीआरपी व बकाए पर्क्स पर लगा ग्रहण

कंपनी के पूर्व अधिकारियों का 11 माह का बकाया पर्क्स तथा सेवारत अफसरों के पीआरपी भुगतान पर पेंच फंस गया है। सेल प्रबंधन कंपनी की वित्तीय स्थिति का हवाला देकर ज्यादा बोनस देने को तैयार नहीं है।

ऐसे में बगैर बोनस समझौता अधिकारियों को पीआरपी व पर्क्स दिया जाना आग में घी का काम करेगा। हालांकि माना जा रहा है कि कर्मचारियों को भुगतान के बाद अधिकारियों को लेकर भी निर्णय होगा।

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