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bokaro news सात किमी खड़ी चढ़ाई चढ़ लुगू बाबा के दर्शन-पूजन को पहुंचे श्रद्धालु

लुगूबुरु घंटाबाड़ी धोरोमगढ़ में दो दिवसीय महोत्सव आरंभ। दो लाख संथाली श्रद्धालु जुटेआज आएंगे सीएम। बंगाल ओडिशा छत्तीसगढ़ असम सहित नेपाल व भूटान से भी पहुंचे भक्त। उनके रहने और खाने की सबसे बड़ी समस्या है। माना जाता है कि यहां लुगू बाबा ने सामाजिक संरचना हेतु चर्चा की थी।

By Jagran NewsEdited By: Gautam OjhaUpdated: Mon, 07 Nov 2022 09:18 PM (IST)
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लुगूबुरु घंटाबाड़ी धोरोमगढ़ पूजा अर्चना करते संताली श्रद्धालु। जागरण
जागरण टीम, बेरमो/लपनिया : संथालियों के प्रमुख धर्मस्थल लुगूबुरु घंटाबाड़ी धोरोमगढ़ में सोमवार को लुगू बाबा के पूजन-दर्शन को करीब दो लाख श्रद्धालु पहुंच गए हैं। संथालियों के इस महान तीर्थस्थल पर पूजन महोत्सव आरंभ हो गया है। दो दिवसीय 22वां अंतरराष्ट्रीय संथाल सरना धर्म महासम्मेलन मंगलवार को होगा।

बेरमो अनुमंडल अंतर्गत गोमिया प्रखंड के ललपनिया स्थित इस पवित्र स्थल पर झारखंड, ओडिशा, बंगाल, छत्तीसगढ़, असम सहित नेपाल और भूटान से भक्तों का दल पहुंच रहा है। इसमें शामिल महिला-पुरुष व वृद्ध-वृद्धाओं ने छरछरिया झरना में स्नान कर सात किलोमीटर ऊंची खड़ी चढ़ाई चढ़कर लुगू पहाड़ पर अपने आराध्य देव लुगू बाबा व लुगू आयो की पूजा-अर्चना की। सभी श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर मंगलवार को लुगू पहाड़ से नीचे उतरेंगे और लुगूबुरु घंटाबाड़ी धोरोमगढ़ परिसर में आयोजित सरना धर्म महासम्मेलन में भाग लेंगे। इस राजकीय महोत्सव में मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल होंगे।

पारपंरिक वस्त्रों व संथाली साहित्य की दुकानों में भीड़ 

धर्म महासम्मेलन के दौरान मेले का आयोजन होगा। इसमें सैकड़ों अस्थायी दुकानें सजाई गई हैं। पारंपरिक वस्त्र, वाद्य यंत्र, संथाली साहित्य से जुड़ीं किताबें आदि की दुकानों पर भीड़ उमड़ी। मंगलवार को मुख्यमंत्री दोरबारी चट्टान स्थित लुगूबुरु घंटाबाड़ी धोरोमगढ़ एवं पुनाय थान में पूजा-अर्चना करने के बाद दीप जलाकर धर्म महासम्मेलन का शुभारंभ करेंगे।

पुनाय थान मंदिर में सात देवी-देवताओं की पूजा

लुगूबुरु घंटाबाड़ी धोरोमगढ़ के दोरबारी चट्टान स्थित पुनाय थान (मंदिर) में सात देवी-देवताओं की पूजा होती है। सबसे पहले पाहन यहां मारंग बुरु की पूजा कराते हैं। उसके बाद लुगूबुरु, लुगू आयो, घंटाबाड़ी गो बाबा, कुड़ीकोन बुरु, कपसा बाबा व बीरा गोसाईं की पूजा की जाती है।

2001 में लुगूबुरु घंटाबाड़ी धोरामगढ़ की स्थापना 

इस धर्मस्थल की स्थापना वर्ष 2001 में की गई। उसके बाद धोरोमगढ़ समिति के अध्यक्ष बबुली सोरेन व सचिव लोबिन मुर्मू ने अपने सहयोगियों के साथ झारखंड के विभिन्न जिलों में जाकर उसका प्रचार-प्रसार किया। परिणामस्वरूप संथालियों के लिए यह विश्व प्रसिद्ध धर्मस्थल के रूप में विख्यात हो गया। वर्ष 2018 में राज्य सरकार ने यहां कार्तिक पूर्णिमा में होने वाले सरना धर्म महासम्मेलन को राजकीय महोत्सव का दर्जा दिया।

लुगूबुरु घंटाबाड़ी धोरोमगढ़ के अध्यक्ष बबुली सोरेन ने कहा कि लुगूबुरु घंटाबाड़ी धोरोमगढ़ में आयोजित दो दिवसीय धर्म महासम्मेलन में सोमवार तक दो लाख से अधिक श्रद्धालु देश-विदेश से पहुंच चुके हैं। बांग्लादेश व मिजोरम से भी श्रद्धालुओं का जत्था यहां पहुंचने वाला है।

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