पितरों को मोक्ष दिलाने गया जी धाम गई महिला का हुआ स्वर्गवास, पति भी हुआ लापता; परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
गया में पिंडदान करने का बहुत महत्व है। कहा जाता है कि पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म तर्पण व पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसी सिलसिले में बेरमो से गया जी धाम गए एक दंपति का कुछ ऐसा हुआ जिससे लोग हैरान हैं। इसमें महिला मौत हो गई है जबकि उनके पति लापता हैं। उनकी तलाश जारी है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 04 Oct 2023 02:11 PM (IST)
संवाद सहयोगी, भंडारीदह (बेरमो)। समूचे गांव में सन्नाटा पसरा है। स्वजनों के साथ गांववाले भी स्तब्ध हैं, चिंतित हैं। स्वजनों के आंखों में आंसू है। घर में मातम है दो अभिभावकों के खोने का। एक की मौत व दूसरे के लापता होने की खबर से।
मां की हुई मौत, पिता हुए लापता
दरअसल, उत्पाद मंत्री बेबी देवी के गांव अलारगो से लखन महतो व उनकी पत्नी सबिया देवी अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर गया जी धाम गए थे।
जहां पिंडदान के दौरान लखन महतो की पत्नी सबिया देवी का हृदयाघात से निधन हो गया। विडंबना देखिए कि जब तक पत्नी की मौत की जानकारी लखन महतो को दी जाती, उससे पहले वह लापता हो गया।
काफी खोजबीन के बाद जब वह नहीं मिले, तो साथ गए आसपास के ग्रामीणों ने उनकी पत्नी का दाह संस्कार वहीं कर दिया।
30 सितंबर को गया धाम की यात्रा पर निकले थे दोनों
जिस बस की यात्रा कर दोनों पति-पत्नी गया धाम पहुंचे थे, वह वापस लौट आई।मृतक सबिया देवी का पुत्र प्रकाश महतो नम आंखों से कहते हैं कि मेरे माता-पिता गए थे पितरों का पिंडदान व श्राद्धकर्म करने, यहां अब हम मां का श्राद्धकर्म कर रहे हैं। मां को तो खोया ही, पिता का भी कोई अता-पता नहीं है।
बोकारो जिले के चंद्रपुरा प्रखंड के अलारगो गांव स्थित सिमराकुल्ही टोला निवासी लखन महतो व उनकी पत्नी सबिया देवी आसपास के अन्य ग्रामीण दंपतियों के साथ गत 30 सितंबर को बस यात्रा से गया धाम को निकले थे।
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