पितरों को मोक्ष दिलाने गया जी धाम गई महिला का हुआ स्वर्गवास, पति भी हुआ लापता; परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
गया में पिंडदान करने का बहुत महत्व है। कहा जाता है कि पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म तर्पण व पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसी सिलसिले में बेरमो से गया जी धाम गए एक दंपति का कुछ ऐसा हुआ जिससे लोग हैरान हैं। इसमें महिला मौत हो गई है जबकि उनके पति लापता हैं। उनकी तलाश जारी है।
संवाद सहयोगी, भंडारीदह (बेरमो)। समूचे गांव में सन्नाटा पसरा है। स्वजनों के साथ गांववाले भी स्तब्ध हैं, चिंतित हैं। स्वजनों के आंखों में आंसू है। घर में मातम है दो अभिभावकों के खोने का। एक की मौत व दूसरे के लापता होने की खबर से।
मां की हुई मौत, पिता हुए लापता
दरअसल, उत्पाद मंत्री बेबी देवी के गांव अलारगो से लखन महतो व उनकी पत्नी सबिया देवी अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर गया जी धाम गए थे।
जहां पिंडदान के दौरान लखन महतो की पत्नी सबिया देवी का हृदयाघात से निधन हो गया। विडंबना देखिए कि जब तक पत्नी की मौत की जानकारी लखन महतो को दी जाती, उससे पहले वह लापता हो गया।
काफी खोजबीन के बाद जब वह नहीं मिले, तो साथ गए आसपास के ग्रामीणों ने उनकी पत्नी का दाह संस्कार वहीं कर दिया।
30 सितंबर को गया धाम की यात्रा पर निकले थे दोनों
जिस बस की यात्रा कर दोनों पति-पत्नी गया धाम पहुंचे थे, वह वापस लौट आई।
मृतक सबिया देवी का पुत्र प्रकाश महतो नम आंखों से कहते हैं कि मेरे माता-पिता गए थे पितरों का पिंडदान व श्राद्धकर्म करने, यहां अब हम मां का श्राद्धकर्म कर रहे हैं। मां को तो खोया ही, पिता का भी कोई अता-पता नहीं है।
बोकारो जिले के चंद्रपुरा प्रखंड के अलारगो गांव स्थित सिमराकुल्ही टोला निवासी लखन महतो व उनकी पत्नी सबिया देवी आसपास के अन्य ग्रामीण दंपतियों के साथ गत 30 सितंबर को बस यात्रा से गया धाम को निकले थे।
पिंडदान करते वक्त पड़ा दिल का दौरा
गत एक अक्टूबर को दोनों ने मिलकर पितरों के मोक्ष को लेकर फल्गु, सीताकुंड, विष्णुपद में पिंडदान, तर्पण व श्राद्धकर्म साथ किया। गयासुर मंदिर की सीढ़ियों में लखन महतो को थकावट हुई, तो उसे पत्नी ने वहीं बैठने को कहा।
पत्नी का पिंडदान विधि के दौरान ही दिल का दौरा पड़ा और वह गिर पड़ी। उसे मगध मेडिकल काॅलेज ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने महिला को मृत घोषित कर दिया।
इस बीच सीढ़ियों पर बैठा पति वहां से लापता हो गया। ग्रामीण दंपतियों ने काफी खोजबीन की, जब नहीं मिले तो दो अक्टूबर को गया में ही उसका दाह संस्कार कर दिया।
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पुलिस छावनी में रात आठ बजे पहुंचा था लखन
पितृपक्ष मेले की पुलिस छावनी में लापता लखन महतो उसी दिन रात आठ बजे पहुंचा था। लखन महतो की पुत्री बसंती देवी, मीणा देवी व यशोदा देवी ने बताया कि खोजबीन के दौरान यह पता चला कि पुलिस छावनी में पहुंचकर पिता ने गुम होने की जानकारी पुलिस वालों को बताया था। जिसके बाद एनाउंसमेंट भी किया गया। उसे भूख लगी थी तो पुलिसवालों ने उसे भोजन भी दिया था। मगर भोजन करने के बाद वह फिर से भटक गया।
गया में अब भी खोजबीन कर रहे युवक
गांव के सबिया देवी के निधन व उनके पति लखन महतो के गुम होने की खबर मिलते ही मंत्री पुत्र अखिलेश महतो कुछ ग्रामीण युवकों को साथ लेकर गया पहुंचे।
वहां के पुलिस पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर खोजबीन कराई। गांव के ही तुलसी महतो, घनश्याम महतो, दीपक महतो व बिनोद महतो गयाधाम के पितृपक्ष मेले व बस स्टाप, रेलवे स्टेशन, विभिन्न सड़क मार्गों में खोजबीन कर रहे हैं।
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