Ritika Tirkey: कौन हैं रितिका तिर्की? जो सरपट दौड़ा रहीं वंदे भारत एक्सप्रेस, बटोर रहीं सुर्खियां
Ritika Tirkey the First Female Loco Pilot to Operate Vande Bharat Express जानिए रितिका तिर्की की कहानी जो जमशेदपुर की रहने वाली हैं और टाटानगर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने वाली पहली आदिवासी महिला लोको पायलट बनी हैं। रितिका ने सफलतापूर्वक टाटानगर से पटना तक ट्रेन चलाई और वापस लाई। यह उनके लिए एक बड़ा अवसर है और वह इसे पूरी मेहनत और जिम्मेदारी के साथ निभा रही हैं।
जागरण संवाददाता, बोकारो। जमशेदपुर के बहरगोड़ा की रहने वाली सहायक लोको पायलट रितिका तिर्की टाटानगर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन 15 सितंबर को किया। रितिका सफलता पूर्वक टाटानगर से पटना तक गई और वापस ट्रेन लेकर आई।
सामान्य तौर टाटानगर से मेमू पैसेंजर व कभी कभार मालगाड़ी तक लेकर जाती हैं। पहली बार उन्हें जब यह मौका दिया गया तो उनके खुशी का ठीकाना नहीं रहा।रितका का कहना है कि यह मौका देने के लिए अपने रेलवे के अधिकारियों व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रेल मंत्री के प्रति आभार प्रकट करती हूं कि महिलाओं पर बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है।
रितिका का मानना है कि यह उनके लिए एक बड़ा अवसर है और वह इसे पूरी मेहनत और जिम्मेदारी के साथ निभाएंगी।बोकारो के क्षेत्रीय रेल प्रबंधक विनित कुमार का कहना है कि रेलवे में महिला-पुरुष समान है। रेलवे की नीतियों का परिणाम है कि आज महिलाएं भी वंदे भारत जैसी तेज़ रफ्तार ट्रेनों की पायलट बन रही हैं। रितिका के साथ ट्रेन के प्रमुख लोको पायलट एसएस मुंडा उनके काम की सराहना करते हैं।
महिला फ्रेंडली है वंदेभारत ट्रेन
दूसरे रेलवे इंजन के मुकाबले वंदेभारत का संचालन महिला पायलट के लिए अनुकुल है। वंदे भारत ट्रेन की सुविधाएं अन्य ट्रेनों से बेहतर है। पायलट केबिन पूरी तरह से वातानुकूलित है और इसमें शौचालय की भी अच्छी व्यवस्था है।रितिका का कहना है कि खास कर नये जमाने की सेमी स्पीड ट्रेन को चलाने का अनुभव ही अलग है। खासकर महिला व वृद्ध यात्रियों के लिए तो यह ट्रेन वरदान हैं। निर्धारित समय में सुरक्षित ट्रेन का सफर मिल रहा है।
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