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Ritika Tirkey: कौन हैं रितिका तिर्की? जो सरपट दौड़ा रहीं वंदे भारत एक्सप्रेस, बटोर रहीं सुर्खियां

Ritika Tirkey the First Female Loco Pilot to Operate Vande Bharat Express जानिए रितिका तिर्की की कहानी जो जमशेदपुर की रहने वाली हैं और टाटानगर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने वाली पहली आदिवासी महिला लोको पायलट बनी हैं। रितिका ने सफलतापूर्वक टाटानगर से पटना तक ट्रेन चलाई और वापस लाई। यह उनके लिए एक बड़ा अवसर है और वह इसे पूरी मेहनत और जिम्मेदारी के साथ निभा रही हैं।

By Birendra Kumar Pandey Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 20 Sep 2024 05:30 PM (IST)
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वंदे भारत ट्रेन चलती रितिका तिर्की‌। (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, बोकारो। जमशेदपुर के बहरगोड़ा की रहने वाली सहायक लोको पायलट रितिका तिर्की टाटानगर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन 15 सितंबर को किया। रितिका सफलता पूर्वक टाटानगर से पटना तक गई और वापस ट्रेन लेकर आई।

सामान्य तौर टाटानगर से मेमू पैसेंजर व कभी कभार मालगाड़ी तक लेकर जाती हैं। पहली बार उन्हें जब यह मौका दिया गया तो उनके खुशी का ठीकाना नहीं रहा।

रितका का कहना है कि यह मौका देने के लिए अपने रेलवे के अधिकारियों व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रेल मंत्री के प्रति आभार प्रकट करती हूं कि महिलाओं पर बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है।

रितिका का मानना है कि यह उनके लिए एक बड़ा अवसर है और वह इसे पूरी मेहनत और जिम्मेदारी के साथ निभाएंगी।

बोकारो के क्षेत्रीय रेल प्रबंधक विनित कुमार का कहना है कि रेलवे में महिला-पुरुष समान है। रेलवे की नीतियों का परिणाम है कि आज महिलाएं भी वंदे भारत जैसी तेज़ रफ्तार ट्रेनों की पायलट बन रही हैं। रितिका के साथ ट्रेन के प्रमुख लोको पायलट एसएस मुंडा उनके काम की सराहना करते हैं।

महिला फ्रेंडली है वंदेभारत ट्रेन

दूसरे रेलवे इंजन के मुकाबले वंदेभारत का संचालन महिला पायलट के लिए अनुकुल है। वंदे भारत ट्रेन की सुविधाएं अन्य ट्रेनों से बेहतर है। पायलट केबिन पूरी तरह से वातानुकूलित है और इसमें शौचालय की भी अच्छी व्यवस्था है।

रितिका का कहना है कि खास कर नये जमाने की सेमी स्पीड ट्रेन को चलाने का अनुभव ही अलग है। खासकर महिला व वृद्ध यात्रियों के लिए तो यह ट्रेन वरदान हैं। निर्धारित समय में सुरक्षित ट्रेन का सफर मिल रहा है।

गुमला की रहने वाली है रितिका

रितिका तिर्कि का गांव गुमला में हैं। उनका पूरा परिवार रांची में रहता है। उनके परिवार में उनके माता-पिता और उनके चार भाई-बहन हैं। रितिका ने अपनी स्कूली शिक्षा रांची से पूरी की। उन्होंने रांची के बीआईटी मेसरा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया।

रितिका ने साल 2019 में भारतीय रेलवे में असिस्टेंट लोको पायलट के रूप में नौकरी शुरू की। उनकी पहली पोस्टिंग धनबाद डिवीजन के अंतर्गत चंद्रपुरा, बोकारो में हुई। इसके बाद उनकी शादी बहरगोड़ा, जमशेदपुर में हो गई।

साल 2021 में रितिका का तबादला टाटानगर हो गया। सहायक लोको पायलट से साल 2024 में उन्हें सीनियर असिस्टेंट लोको पायलट के पद पर पदोन्नत कर दिया गया।

रितिका के पति बैंक में कार्यरत थे, फिलहाल वह लोकसेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी कर रहें है। रितिका अपना भविष्य सवांरने के बाद पति को भी आगे बढ़ाने में सहयोग कर रही हैं।

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