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Jharkhand News: सांसद को अस्पताल ले जा रही एंबुलेंस का बीच रास्ते में डीजल खत्म, मच गई अफरा-तफरी; ऐसे बची जान

Jharkhand Health News झारखंड के चतरा सांसद कालीचरण सिंह को दिल का दौरा पड़ने के बाद रांची रिम्स ले जाया जा रहा था। लेकिन रास्ते में एंबुलेंस का डीजल खत्म हो गया। सांसद के बेटे ने अपने पैसे से डीजल भरवाया और फिर उन्हें रांची लाया गया। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जांच के आदेश दिए हैं।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Tue, 15 Oct 2024 04:16 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

जागरण संवाददाता, चतरा। झारखंड के चतरा लोकसभा क्षेत्र के सांसद कालीचरण सिंह को दिल का दौरा पड़ने के बाद बेहतर इलाज के लिए चतरा से रांची स्थित रिम्स भेजने के दौरान स्वास्थ्य विभाग की पोल खुल गई। दरअसल जिस एंबुलेंस से सांसद को रांची ले जाया जा रहा था, उसका डीजल बीच रास्ते में ही खत्म हो गया।

साथ चल रहे सांसद के बेटे नीतीश कुमार ने डीजल भरवाया उसके बाद रांची लाया जा सका। अगर आम मरीज होता तो बीच रास्ते में ही जान चली जाती।

इस मामले को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने गंभीरता से लेते हुए जांच का आदेश दिया है। जानकारी के अनुसार भाजपा सांसद कालीचरण सिंह को रविवार की शाम दिल का दौरा पड़ा था। इलाज के लिए चतरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें रिम्स रेफर कर दिया।

108 एंबुलेंस से उन्हें गिद्धौर तक पहुंचाया गया

सदर अस्पताल से 108 एंबुलेंस से उन्हें गिद्धौर तक पहुंचाया गया। 108 नंबर का एंबुलेंस की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित होने की वजह से जल्द से जल्द रांची पहुंचाने के लिए गिद्धौर में एंबुलेंस बदली गई।

एनटीपीसी द्वारा चतरा सदर अस्पताल को प्रदत एंबुलेंस में शिफ्ट कर सांसद को रांची ले जाया जाने लगा। रास्ते में रामगढ़ और ओरमांझी के बीच एंबुलेंस का डीजल खत्म हो गया। तब सांसद के पुत्र ने अपने पैसे से डीजल भरवाया। उसके बाद सांसद को रिम्स पहुंचाया गया।

सांसद सिंह को चतरा से रांची भेजे जाने के दौरान हुई लापरवाही के लिए भाजपा सिविल सर्जन डा. दिनेश प्रसाद एवं उपाधीक्षक डा. मनीष लाल को दोषी ठहरा रही है। भाजपा जिला अध्यक्ष रामदेव सिंह भोगता ने कहा है कि अव्यवस्था की पराकाष्ठा है। दोषी अधिकारियों कार्रवाई होनी चाहिए। 

फर्जी तरीके से संचालित सत्यम अल्ट्रासाउंड सेंटर की होगी जांच

इसके अलावा, एक अन्य मामले की बात करें तो चतरा में सदर अस्पताल के समीप फर्जी तरीके से संचालित सत्यम अल्ट्रासाउंड सेंटर की जांच होगी। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद उपायुक्त रमेश घोलप ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच करने का निर्देश दिए हैं।

उपायुक्त के निर्देश पर सिविल सर्जन डॉ. दिनेश प्रसाद ने तीन चिकित्सको को जांच का जिम्मा सौंपा है। इनमें सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. मनीष कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अजहर एवं डॉ. प्राची शामिल है। सिविल सर्जन ने तीन दिनो के भीतर जांच रिपोर्ट तैयार कर समर्पित करने का निर्देश दिया है।

जिसके पश्चात आगे की विभागीय कार्रवाई होगी। दरअसल सदर अस्पताल के समीप संचालित सत्यम नामक अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालक आदित्य सिंह पर चिकित्सक को गुमराह कर जांच घर संचालित करने का आरोप है। यह आरोप अल्ट्रासाउंड सेंटर के चिकित्सक डॉ. विजय प्रताप सिंह ने लगाया है।

इस बाबत उन्होंने उपायुक्त रमेश घोलप और सिविल सर्जन को पत्राचार करते हुए संचालक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग किया है। डॉ. विजय फिलहाल गढ़वा सदर अस्पताल में पदस्थापित है। उनका आरोप है कि उनके अनुमति के बगैर उनके नाम से सत्यम अल्ट्रासाउंड का संचालन हो रहा है।

दैनिक जागरण ने पांच अक्टूबर को प्रमुखता के साथ चिकित्सक को जानकारी नही, उनके नाम पर चल रहा अल्ट्रासाउंड क्लिनीक शीर्षक से खबर प्रकाशित किया। खबर प्रकाशित होने के पश्चात स्वास्थ्य अधिकारी हरकत में आए और सेंटर की जांच कराने का निर्देश दिया गया।

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