Jharkhand Politics: क्या सच में रघुवर दास लौटेंगे झारखंड की राजनीति में? BJP के इस दिग्गज नेता ने दिया फाइनल जवाब
Jharkhand News भाजपा के झारखंड प्रभारी डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार बनना निश्चित है। उन्होंने रघुवर दास के झारखंड की राजनीति में लौटने की अटकलों पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा हमारा शीर्ष नेतृत्व तय करेगा। उन्होंने हेमंत सरकार की विफलताओं को लेकर आरोप पत्र जारी करने की बात कही।
जुलकर नैन, चतरा। Jharkhand Political News Today: भाजपा के झारखंड प्रभारी सह राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के प्रति आश्वस्त हैं। कहते हैं, झारखंड में भाजपा की सरकार बनना निश्चित है। मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, इस पर कहते हैं- कमल निशान भाजपा का चेहरा है। उसी निशान पर पार्टी को पूर्ण बहुत मिलेगा। उसके बाद शीर्ष नेतृत्व चेहरा तय करेगा।
रघुवर दास की झारखंड की राजनीति में आना काल्पनिक बातें: लक्ष्मीकांत वाजपेयी
एक प्रश्न के उत्तर में डा. वाजपेयी ने पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की राज्य की राजनीति में वापसी को काल्पनिक बताया। कहा, काल्पनिक प्रश्नों का उत्तर देना उचित नहीं है। वाजपेयी ने शुक्रवार को दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत करते हुए कहा कि राज्य की जनता ने परिवर्तन का मन बना लिया है। इसीलिए हेमंत सरकार का जाना निश्चित है। भाजपा गठबंधन की सरकार बनेगी।
भाजपा 20 से लेकर 28 सितंबर तक परिवर्तन यात्रा निकाल रही
भाजपा 20 से लेकर 28 सितंबर तक पूरे प्रदेश में परिवर्तन यात्रा निकाल रही है। यात्रा के दौरान शहर से गांव तक जाएंगे और हेमंत सरकार की विफलता से आम लोगों को अवगत कराएंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम, नुकड़ नाटक एवं सभाओं के माध्यम से आम जनों को सरकार की विफलताओं की ओर ध्यान दिलाएंगे।सरकार की विफलताओं का आरोप पत्र भी जारी करेंगे
सरकार की विफलताओं को लेकर आरोप पत्र भी जारी करेंगे। डा. वाजपेयी कहते हैं कि पांच सालों में हेमंत सरकार के कार्यकाल में राज्य की स्थिति बदतर हो गई है। आतंकवाद और घुसपैठिए बढ़े हैं। डेमोग्राफी बदली है। भ्रष्टाचार, दुराचार, अनाचार बढ़े हैं। ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। झारखंड में 1951 में जहां मुस्लिम आबादी 9.44 प्रतिशत थी, वह आज बढ़कर 22.73 प्रतिशत हो गई है।
उन्होंने आदिवासी और मुस्लिम आबादी का डाटा प्रस्तुत किया। कहा कि 1951 में 44.67 प्रतिशत आदिवासी और 9.44 प्रतिशत मुस्लिम आबादी थी। 1961 में 48 प्रतिशत आदिवासी और 13.72 प्रतिशत मुस्लिम हो गए। 1991 में 31.89 प्रतिशत आदिवासी जबकि 18.25 प्रतिशत मुस्लिम आबादी हो गई।
2001 में 29.90 प्रतिशत आदिवासी और 20.59 प्रतिशत मुस्लिम हो गए। 2011 में 28.11 प्रतिशत आदिवासी और 22.73 प्रतिशत मुस्लिम आबादी हो गई। इस प्रकार मुसलमानों की आबादी का प्रतिशत निरंतर बढ़ रहा है और आदिवासी कम होते जा रहे हैं।
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