मोरसेरवा पहाड़ी पर भी नव वर्ष को लेकर विशेष तैयारियां की जा रही है। यहां अभी से ही लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है। मोरसेरवा पहाड़ी नावाडीह का दर्शनीय स्थल है। पहाड़ी की चोटी पर पत्थर की शिला की प्राकृतिक सजावट प्राकृतिक हरियाली लोगों को खूब आनंदित करता है।
By JagranEdited By: Updated: Mon, 24 Dec 2018 06:52 PM (IST)
पत्थलगडा : नया वर्ष 2019 के आगमन की तैयारियां शुरू हो गई है। इसके शानदार स्वागत और जश्न को लेकर जंगल, पहाड़, नदी, झरना, तीर्थ स्थल गुलजार होने लगे हैं। नववर्ष के आगमन की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे लोगों का उमंग और उत्साह हिलोरे मारने लगी है। पिकनिक स्पॉट व पर्यटन स्थल की सौंदर्य आभा लोगों को अभी से ही अपनी ओर आकर्षित करने लगी है। प्राकृतिक सौंदर्य की छटा के बीच पशु पक्षियों का कलरव देखते ही बन रहा है। सभी ओर नववर्ष की स्वागत और जश्न की तैयारियां जोरों पर हैं। युवा वर्ग जहां वन भोज की तैयारियों में जुटी है वही बुजुर्गों की टोली विभिन्न तीर्थस्थल व मंदिरों की यात्रा और पूजा - अर्चना कर नववर्ष की शुरुआत करना चाहते हैं। नव वर्ष की आगम की आहट के साथ ही खाश कर पिकनिक स्पॉट अभी से गुलजार ही दिखने लगे हैं। बच्चे, महिला व पुरूष सभी नव वर्ष के स्वागत और वन भोज की तैयारी में जुट गए हैं। पत्थलगडा में भी कई पिकनिक स्पॉट और दर्शनीय स्थल हैं जहां नये वर्ष पर शैलानियों की अपार भीड़ उमड़ती है। लोग गाजे बाजे के साथ पुरे परिवार पहुंचते हैं और नये साल का जश्न मनाते हैं।
आस्था और आकर्षण का केंद्र होता है लेम्बोईया पहाड़ी
प्रखंड का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल लेम्बोईया पहाड़ी नए साल पर लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है। वैसे तो यहां सालों भर श्रद्धालुओं और दर्शनीय लोगों आना लगा रहता है परंतु नए वर्ष पर यहां नव वर्ष का जश्न मनाने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं। पहाड़ी पर मां दक्षिणेश्वरी देवी चामुंडा की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है। पहाड़ी पर हरे-भरे पेड़ पौधों की प्राकृतिक सुंदरता और पक्षियों का कलरव दूर से ही लोगों को आकर्षित करती है। यहां पहुंचने पर असीम शांति की अनुभूति होती है। लोग पूरे परिवार के साथ यहां पहुंचते हैं और माता रानी की पूजा पाठ कर नए वर्ष की शुरुआत करते हैं एवं नववर्ष की मंगलमय जीवन यापन की कामना करते हैं। कोरांबे और पूर्णिया पहाड़ पर भी जुटती है भीड़
पत्थलगडा : प्रखंड मुख्यालय से उत्तर दिशा की बसा प्राचीन पुरानी पहाड़ और पूरब दिशा में स्थित कोरांबे पहाड़ पर भी नए साल में जश्न मनाने के लिए लोग पहुंचते हैं। अधिकांश लोग यहां पिकनिक करने के लिए पहुंचते हैं। यहां पहाड़ी के सिखर से कल कल बहती झरने लोगों को मंत्रमुग्ध करती है। इन दोनों स्थानों पर लोग बाजे गाजे के साथ पहुंचते हैं और वन भोज का आनंद उठाते हैं। ने वर्ष की जश्न का उत्साह और उल्लास यहां देखते ही बनता है। उत्तर वाहिनी बुद्ध नदी में लगती है आस्था की डुबकी पत्थलगडा : प्रखंड के नावाडीह डमौल के सिमाने पर स्थित उत्तर वाहिनी बुद्ध नदी में नए वर्ष पर लोग आस्था की डुबकी लगाते हैं। नए वर्ष पर यहां स्नान और दान के लिए दूरदराज से काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं। कई लोग यहां वन भोज भी मनाने आते हैं। नदी के पश्चिमी छोर पर स्थित बासुदेव मठ में लोग मत्था टेककर पूजा-अर्चना करते हैं।
नावाडीह का मोरसेरवा पहाड़ी भी होगा आर्कषण का केंद्र इस वर्ष नावाडीह का मोरसेरवा पहाड़ी पर भी नव वर्ष को लेकर विशेष तैयारियां की जा रही है। यहां अभी से ही लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है। मोरसेरवा पहाड़ी नावाडीह का दर्शनीय स्थल है। पहाड़ी की चोटी पर पत्थर की शिला की प्राकृतिक सजावट प्राकृतिक हरियाली लोगों को खूब आनंदित करता है।
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