कौलेश्वरी पर्वत को संवारने में जुटा वन विभाग
वन विभाग ने अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल कौलेश्वरी पर्वत क
By JagranEdited By: Updated: Sat, 13 Nov 2021 06:37 PM (IST)
अमरेंद्र प्रताप सिंह, हंटरगंज (चतरा) : वन विभाग ने अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल कौलेश्वरी पर्वत को सजाने-संवारने का संकल्प लिया है। इसके तहत उसने पर्वत की घाटी और उसकी तलहटी को आकर्षक बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने के लिए विभाग की पहल पर शुक्रवार को राजधानी रांची से यहां पहुंचे विशेषज्ञों के एक दल ने स्थल का मुआयना किया। उसने पर्वत के मध्य में स्थित बेलतरणी और उसके ईर्द-गिर्द के अलावा तलहटी में भी विभिन्न स्थलों का जायजा लिया। दल में आर्किटेक्ट अनिल कुमार, सहायक अभियंता शुभम कुमार और संजय कुमार शामिल थे। स्थानीय वनों के क्षेत्र पदाधिकारी सूर्यभूषण कुमार के अलावा वनकर्मी और समाजसेवी विशेषज्ञों का सहयोग कर रहे थे। इस मौके पर आर्किटेक्ट अनिल कुमार और वनों के क्षेत्र पदाधिकारी सूर्यभूषण कुमार ने बताया कि यहां पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं हैं। पर्वत और तलहटी में ज्यादातर जमीन वन विभाग की है। लिहाजा विभाग ने पर्यटन विकास को ध्यान में रखकर इसे स्वच्छ, सुंदर, पर्यावरण से भरपूर और सैलानियों को आकृष्ट करने वाले स्थल के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है। विशेषज्ञों ने कहा- इस स्थल को आकर्षक बनाने का प्रयास होगा, ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को शांति, सुकुन और आनंद की अनुभूति हो। इसके लिए तलहटी में एक 250 फीट चौड़े, 350 फीट लंबे और 12 फीट गहरे तालाब का निर्माण कराया जाएगा। उसकी सीढि़यों को पक्का और खूबसूरत बनाया जाएगा। तालाब की घेराबंदी की जाएगी। उसके किनारे सैलानियों के लिए बेंच बनाए जाएंगे। तालाब में पहाड़ से गिरने वाले पानी को संग्रहित किया जाएगा। जरूरत से ज्यादा पानी संग्रहित होने पर अथवा तालाब की सफाई के लिए जल निकासी की व्यवस्था होगी। बाद में तालाब को बहूपयोगी बनाने की योजना है। मछली पालन और बोटिग की व्यवस्था कर उसे सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनाया जाएगा। इसके अलावा बुद्धा पार्क का भी कायाकल्प होगा। उसमें बैठने, ध्यान करने और प्रकृति के सौंदर्य को निहारने की व्यवस्था होगी। पार्क को घेराबंदी कर संरक्षित किया जाएगा। तलहटी में करीब पचास एकड़ वनभूमि की घेराबंदी कर जैव विविधता उद्यान का निर्माण कराया जाएगा। उसमें पेड़ों के नीचे सैलानियों के बैठने की खातिर चबूतरा बनाए जाएंगे। पहाड़ से गिरने वाले नालों को खूबसूरत झरने में तब्दील किया जाएगा। उसके किनारे बैठने की व्यवस्था होगी। उसके पानी को जगह-जगह टंकी में संग्रहित कर सैलानियों के इस्तेमाल योग्य बनाया जाएगा। जैव विविधता उद्यान में सैलानियों के सैर करने योग्य खूबसूरत सड़कें होंगी। झरने और अन्य दर्शनीय स्थलों तक सैलानियों के पहुंचने में सहूलियत हो, इसका ख्याल रखा जाएगा। पर्वत और तलहटी में सड़क किनारे पेड़ों की घेराबंदी कर सुंदर ढंग से सजाया जाएगा। सड़क और जगह-जगह आवश्यकता के अनुसार यात्रीशेड और सैलानियों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। डीपीआर तैयार होने के बाद आवंटन और स्वीकृति के लिए जल्द राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
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