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पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि गिरफ्तार, नामांकन दाखिल करते ही BSP उम्मीदवार के खिलाफ लिया एक्शन, ये है मामला

Jharkhand News झारखंड के चतरा में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि के खिलाफ शुक्रवार को चतरा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की। पुलिस ने उन्हें नामांकन दाखिल करने के बाद गिरफ्तार कर लिया। ये गिरफ्तारी 10 साल पुराने मामले में हुई है। वहीं इस संबंध में नागमणि का कहना है कि जिस मामले में यह कार्रवाई की गई उसकी जानकारी उन्हें नहीं है।

By Julqar Nayan Edited By: Yogesh Sahu Updated: Fri, 03 May 2024 08:33 PM (IST)
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पूर्व मंत्री नागमणि गिरफ्तार, आचार संहिता मामले में थे फरार
जागरण संवाददाता, चतरा। आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनकी गिरफ्तारी नामांकन के बाद जिला निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय के समीप से हुई है।

नागमणि ने बसपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है। गुरुवार को बगैर सिंबल के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उनके समर्थक ने नामांकन दाखिल किया था। शुक्रवार को सिंबल के साथ नामांकन दाखिल करने के लिए आए थे।

जेल भेजे गए नागमणि, बोले- मामले के बारे में पता ही नहीं

नामांकन दाखिल करते पुलिस उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया। गिरफ्तारी के पश्चात पूर्व केंद्रीय मंत्री को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

जेल भेजे जाने से पूर्व नागमणि ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पुलिस का यह सरासर जुल्म है। इस मामले की उन्हें कभी कोई जानकारी नहीं थी।

उन्होंने कहा कि विरोधियों के साथ मिलकर पुलिस षड्यंत्र कर रही है। नागमणि की पत्नी बिहार की पूर्व मंत्री सुचित्रा सिन्हा भी मौके पर मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि घोर आश्चर्य है कि दस साल से मामला चल रहा है और इसकी सूचना तक पुलिस ने नहीं दी।

यह है पूरा मामला

उन्होंने कहा कि नागमणि की लोकप्रियता से क्षुब्ध होकर उनकी गिरफ्तारी करवाई गई है। बताते चलें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में नागमणि के खिलाफ इटखोरी थाने में आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था।

उस चुनाव में नागमणि आजसू से चतरा संसदीय क्षेत्र से बतौर प्रत्याशी थे। आरोप है कि उन्होंने अनुमति के बगैर इटखोरी में सभा की थी। मामला दर्ज होने के बाद जमानत भी नहीं ली थी।

नागमणि ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। पुलिस ने उन्हें इस मामले में कभी नोटिस नहीं दिया। दो दिन पूर्व जब उन्हें इसकी जानकारी मिली, तो जमानत के लिए प्रयास किया। लेकिन सफल नहीं हो सके।

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