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झारखंड में BJP को बड़ा झटका, बागी हुआ ये दिग्गज नेता; इस कदम से बढ़ेगी पार्टी की टेंशन!

Jharkhand Politics झारखंड में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी को झटका लगा है। पूर्व विधायक जयप्रकाश सिंह भोगता ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का भी एलान कर दिया है। बता दें कि झारखंड में लोकसभा चुनाव के लिए चौथे चरण से मतदान शुरू होना है। जयप्रकाश भोगता दो मई को नामांकन दाखिल करेंगे।

By Julqar Nayan Edited By: Shashank Shekhar Updated: Sun, 28 Apr 2024 08:20 PM (IST)
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झारखंड में BJP को बड़ा झटका, बागी हुआ ये दिग्गज नेता; इस कदम से बढ़ेगी पार्टी की टेंशन! (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, चतरा। भाजपा के पूर्व विधायक जयप्रकाश सिंह भोगता ने पार्टी के सारे दायित्वों से त्यागपत्र देकर चतरा संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भाग्य आजमाने की घोषणा की है। चतरा के राजनीतिक इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब सामान्य सीट पर अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। भोगता दो मई को नामांकन दाखिल करेंगे।

रविवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में जनभावनाओं को देखते हुए उन्होंने यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी स्वतंत्र हैं और चुनाव लड़ने की आजादी हर किसी को है। क्षेत्र के लोगों के आग्रह पर संसदीय चुनाव में भाग्य आजमाने का फैसला लिए हैं। उन्होंने दावा किया कि चुनाव की घोषणा के साथ ही हर वर्ग और समाज का समर्थन उन्हें मिल रहा है।

जयप्रकाश भोगता ने चतरा और सिमरिया का प्रतिनिधित्व किया

बता दें कि जयप्रकाश सिंह भोगता ने चतरा और सिमरिया दोनों विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया है। वर्ष 2009 में वह झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर सिमरिया से चुनाव लड़कर जीते थे तब उन्होंने भाजपा के उस वक्त के प्रत्याशी सत्यानंद भोक्ता को शिकस्त दी थी।

बाद में वह झाविमो छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और 2014 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर चतरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े। इस चुनाव में भी उन्हें जीत मिली। वह झाविमो के सत्यानंद भोक्ता को हराकर चतरा के विधायक बने थे। 2019 में पार्टी ने जयप्रकाश सिंह भोगता को टिकट नहीं दिया।

टिकट नहीं मिलने के बाद भी वे पार्टी में सक्रिय रहे। संगठन ने उन्हें भाजपा अनुसूचित जाति राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य और उसके बाद ओडिशा में अनुसूचित जाति मोर्चा का प्रभारी बनाया। इस बीच वर्ष 2022 में केंद्र सरकार ने भोगता जाति को अनुसूचित जाति से अलग कर जनजाति में शामिल कर दिया।

चतरा-सिमरिया सीटें अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित

इसके बाद राजनीतिक परिस्थिति व समीकरण में बदलाव आया। चतरा व सिमरिया विधानसभा की सीटें अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं। ऐसे में अब जयप्रकाश भोक्ता ने नई रणनीति के तहत लोकसभा चुनाव में उतरने का निर्णय लिया है।

जयप्रकाश भोगता भाजपा से चतरा का टिकट चाह रहे थे, लेकिन भाजपा ने यहां कालीचरण सिंह को प्रत्याशी घोषित कर दिया। इसके बाद से ही यह सुगुबुगाहट तेज थी कि जयप्रकाश भोगता निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। जयप्रकाश सिंह भोगता को राजनीति विरासत में मिली है। उनके पिता स्वर्गीय महेंद्र सिंह भोगता ने चतरा विधानसभा क्षेत्र का 1985 से लेकर 1995 तक नेतृत्व किया था।

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