Lok Sabha Polls 2019: बड़ा मुद्दा : यहां पलायन कभी नहीं बन पाया चुनावी मुद्दा
Lok Sabha Polls 2019. चतरा में किसी भी चुनाव में रोजगार के लिए पलायन आज तक बड़ा मुद्दा नहीं बन पाया है। कोई भी दल चुनावी घोषणा पत्र में इस मुद्दे को शामिल नहीं करता है।
By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Sun, 24 Mar 2019 02:07 PM (IST)
चतरा, [संजय शर्मा]। चतरा लोकसभा क्षेत्र में किसी भी चुनाव में रोजगार के लिए होने वाला पलायन आज तक बड़ा मुद्दा नहीं बन पाया है। कोई भी राजनीतिक दल अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस महत्वपूर्ण मुद्दे को शामिल नहीं करता है। जबकि चतरा से हर साल हजारों की संख्या में बेरोजगार युवक गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली आदि राज्यों के लिए पलायन करते हैं।
दरअसल कृषि प्रधान चतरा लोकसभा क्षेत्र में आज तक रोजगार के संसाधन स्थापित नहीं किए जा सके हैं। सरकारी नौकरी के अलावा निजी व्यवसाय ही यहां के लोगों का मुख्य रोजगार है। सरकारी नौकरियां सीमित रहने के कारण सभी बेरोजगारों को नौकरी मिलना संभव नहीं है। जबकि निजी व्यवसाय के लिए लोगों के पास पर्याप्त पूंजी का भी घोर अभाव है। ऐसे में सरकारी नौकरी तथा निजी व्यवसाय से वंचित यहां के बेरोजगार युवकों के समक्ष औद्योगिक संस्थानों में नौकरी करना ही एकमात्र विकल्प बचता है।लेकिन चतरा में औद्योगिक संस्थानों का भी घोर अभाव है। लिहाजा यहां के बेरोजगार युवकों के समक्ष रोजगार के लिए पलायन ही एकमात्र रास्ता बचता है। आंकड़े बताते हैं कि चतरा जिले से हर वर्ष हजारों की तादाद में बेरोजगार युवक नौकरी के लिए पलायन करते हैं। यहां से बेरोजगार युवक गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान आदि राज्यों में रोजी-रोटी के लिए जाते हैं।
कृषि आधारित उद्योग दे सकता है रोजगारचतरा में कृषि आधारित उद्योग से रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं। दरअसल पूरा चतरा जिला कृषि पर आधारित है। यहां खासकर सब्जियों का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है। टमाटर और मिर्च के मामले में चतरा काफी मशहूर है। लेकिन खेतों से तोड़े जाने के बाद यहां की सब्जियां सीधे बड़े शहरों में चली जाती हैं।
जहां किसानों को उचित दाम नहीं मिल पाता है। कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि चतरा में टमाटो सॉस की फैक्ट्री लगा कर बेरोजगार युवकों को रोजगार दिया जा सकता है। इसके अलावा मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट से भी यहां रोजगार के अवसर निकाले जा सकते हैं।घर में ही अगर रोजगार मिल जाता तो यहां के युवक रोजगार के लिए बाहर नहीं जाते। बाहर काम करने वाले युवक कमाई तो करते हैं लेकिन वहां रहने में खर्च भी काफी होता है। -नेमधारी यादव, ग्रामीण, नगवा
पलायन करना हमारा शौक नहीं है। लेकिन रोजी-रोटी की तलाश में बाहर जाने की मजबूरी है। बाहर जाकर नहीं कमाएंगे तो खाएंगे क्या। -सुबोध दांगी, ग्राम पितीजसरकार को चतरा जिला के बेरोजगार युवकों के लिए घर में रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए। ऐसा होने से युवकों का पलायन रुकेगा। -गंगा पांडेय, इटखोरी
चतरा में रोजगार एक बड़ी समस्या बनी हुई है। फिर भी सरकार व यहां के जनप्रतिनिधि इस मुद्दे पर गंभीर नहीं हैं। - देव कुमार सिंह, ग्राम लोरम
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