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Jharkhand News: सरकारी स्कूलों में कुव्यवस्था की खुली पोल! परीक्षा के नाम पर हो रही खानापूर्ति; JCERT के आदेश को दिखाया गया ठेंगा

सरकारी स्कूलों में पहली से लेकर आठवीं तक हो रही अर्द्धवार्षिक परीक्षा कागजी खानापूर्ति तक सीमित है बल्कि यूं कहें कि परीक्षा ने व्यवस्था का पोल खोलकर रख दिया है। झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा जारी दिशा निर्देशों का खुलेआम मजाक उड़ाया जा रहा है। परीक्षा बुधवार से शुरू हुई है। परीक्षा के पहले ही दिन अव्यवस्था देखने को मिली।

By Julqar NayanEdited By: Shashank ShekharUpdated: Wed, 20 Dec 2023 04:27 PM (IST)
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Jharkhand News: सरकारी स्कूलों में कुव्यवस्था की खुली पोल! परीक्षा के नाम पर हो रही खानापूर्ति

जागरण संवाददाता, चतरा। सरकारी स्कूलों में पहली से लेकर आठवीं तक हो रही अर्द्धवार्षिक परीक्षा कागजी खानापूर्ति तक सीमित है, बल्कि यूं कहें कि परीक्षा ने व्यवस्था का पोल खोलकर रख दिया है। झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा जारी दिशा निर्देशों का खुलेआम मजाक उड़ाया जा रहा है।

परीक्षा बुधवार से शुरू हुई है। परीक्षा के पहले ही दिन अव्यवस्था देखने को मिली। स्कूलों में समय पर प्रश्न सह उत्तर पुस्तिका उपलब्ध नहीं कराई गई। परीक्षा प्रारंभ होने से कुछ समय पहले प्रश्न सह उत्तर पुस्तिका पहुंचाई गई। आश्चर्य की बात यह कि छात्रों की संख्या में प्रश्न पत्र उपलब्ध नहीं कराए गए। कई ऐसे स्कूल हैं, जहां पर पहली कक्षा में तीस छात्र हैं तो वहां पर उन परीक्षार्थियों के लिए पांच प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए गए।

JCERT के उपनिदेशक के निर्देश के बाद दिखा कुव्यवस्था 

जहां पर चालीस बच्चे हैं, वहां पर बारह प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए गए। सदर प्रखंड के लेम्ह गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय, भोज्या गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय, शहर के गीता आश्राम, लाइन उर्दू, बिंड एवं कई अन्य स्कूलों में प्रश्न पत्र कम संख्या में मिले थे। उर्दू विषय के परीक्षार्थियों के लिए और बदतर व्यवस्था थी।

वहीं, झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (जेसीईआरटी) के उप निदेशक महीप कुमार सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिया कि परीक्षार्थियों की समय पर और संख्या के अनुकूल प्रश्न सह उत्तर पुस्तिका उपलब्ध कराएं। उन्होंने परीक्षा से पहले प्रश्न सह उत्तर पुस्तिका एवं प्रगति पत्रक का संधारण और वितरण करें।

प्रश्न सह उत्तर पुस्तिका स्टेट से आया है। प्रश्न पत्र वहीं से कम आया, जिसके कारण कुछ स्कूलों में यह समस्या उत्पन्न हुई थी। लेकिन समय रहते उनका विकल्प ढूंढ लिया गया और सभी स्कूलों में शांतिपूर्ण ढंग से पहले दिन की परीक्षा संपन्न हुई।- दिनेश मिश्रा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, चतरा।

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