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Tejashwi Yadav को यहां करना पड़ सकता है समझौता, झारखंड से तय होगी बिहार की रणनीति? सीट शेयरिंग पर बड़ा अपडेट

Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है। सात चरणों में चुनाव होंगे। भाजपा अपने प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी कर चुकी है। हालांकि इंडी गठबंधन में सीट शेयरिंग पर अभी भी मामला फंसा है। झारखंड में तेजस्वी यादव की पार्टी ने दो सीटों पर दावा ठोका है। ऐसा माना जा रहा है कि इंडी गठबंधन के बीच भी जल्द सीट शेयरिंग हो जाएगी।

By Julqar Nayan Edited By: Shashank Shekhar Updated: Sun, 17 Mar 2024 03:17 PM (IST)
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Tejashwi Yadav को यहां करना पड़ सकता है समझौता, झारखंड से तय होगी बिहार की रणनीति? (फाइल फोटो)

जुलकर नैन, चतरा। Lok Sabha Election 2024 इंडी गठबंधन के बीच बहुत जल्द सीट शेयरिंग हो जाएगी। कांग्रेस की भारत जोड़ा न्याय यात्रा को लेकर गठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। न्याय यात्रा का मुंबई के शिवाजी पार्क में रविवार को संपन्न हो गया। ऐसे में यह माना जा रहा है कि दो से चार दिनों के भीतर पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

चतरा और पलामू सीट को लेकर राष्ट्रीय जनता दल दावा कर रहा है। पार्टी ने इन दोनों सीटों के लिए एक प्रकार से उम्मीदवार भी तय कर लिए हैं। यदि घटक दलों में सहमति बन गई तो चतरा से झारखंड सरकार के कौशल विकास सह उद्योग मंत्री सत्यानंद भोगता और पलामू से भुइयां का कोई उम्मीदवार होगा।

वैसे सीट शेयरिंग के लिए जिस प्रकार का फॉर्मूला तैयार किया गया है, उसमें छह-छह सीटें झामुमो और कांग्रेस को तथा एक-एक सीट राजद व वाम पंथी दल के लिए रखा गया है।

सूत्रों का कहना है कि झारखंड के एक सीट अतिरिक्त मिलने पर राजद बिहार में कांग्रेस के लिए एक सीट छोड़ने को तैयार है। राष्ट्रीय जनता दल संगठन के प्रभाव को मजबूत करने के लिए लोकसभा की दो सीटों की मांग कर रही है।

चतरा और पलामू सीट पर राजद की पकड़

चतरा और पलामू दोनों सीटों पर राजद की पकड़ है। चतरा से राजद अथवा जनता दल ने लोकसभा के चार चुनाव जीते हैं। 1989 और 1991 में जनता दल उम्मीदवार उपेंद्रनाथ वर्मा सांसद के रूप में निर्वाचित हुए थे। 1999 में राजद उम्मीदवार नागमणि और वर्ष 2004 में धीरेंद्र अग्रवाल सांसद बने थे।

मंत्री सत्यानंद भोगता सीधे रूप में नहीं, लेकिन यह कहने से बाज नहीं आ रहे हैं कि गंझू जाति के साथ भाजपा ने अन्याय किया है। अनुसूचित जाति से अनुसूचित जनजाति की श्रेणी का दर्जा देकर राजनीतिक रूप से अपंग बना दिया है। ऐसे में सामाजिक न्याय के पुरोधा लालू प्रसाद यादव चतरा की सामान्य सीट से अनुसूचित जन जाति को उम्मीदवार बना सकते हैं।

मंत्री कहते हैं कि चतरा व पलामू में राजद का अपना जनाधार है। संगठन की दृष्टिकोण से कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं रही है। 1984 के बाद कांग्रेस चतरा से लोकसभा का चुनाव नहीं जीती है। जबकि राजद चार बार चुनाव जीता है। पलामू सीट से भी राजद उम्मीदवार चुनाव जीता है।

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