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जापानी इंसेफेलाइटिस है बहुत खतरनाक, मच्‍छरों के काटने से फैलती है बीमारी, चतरा में इसे लेकर लोगों को किया गया जागरूक

जापानी इंसेफेलाइटिस के बारे में लोगों को जागरूक करने और इसके रोकथाम के लिए चतरा के सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में गुरुवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यह बीमारी मच्‍छरों के काटने से फैलती है। हालांकि यह संक्रामक नहीं है यह एक इंसान से दूसरे में नहीं फैलता है। बीमारी का पता मच्छर के काटने के 5 से 15 दिनों में दिखाई देता है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 19 Oct 2023 04:24 PM (IST)
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जापानी इंसेफेलाइटिस मच्‍छरों के काटने से फैलती है।

संवाद सहयोगी, चतरा। सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में गुरुवार को जापानी इंसेफेलाइटिस के रोकथाम को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता सिविल सर्जन डा. जगदीश प्रसाद ने की।

बरसात में फैलती हैं कई बीमारियां

प्रशिक्षक की भूमिका भीबीडी कंसल्टेंट अभिमन्यू कुमार निभा रहे थे। प्रशिक्षण में स्वास्थ्य कर्मियों को बताया गया कि बरसात के दिनों में मच्छरों के काटने से हाेने वाली बीमारियां तेजी से फैलती हैं। इनमें डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि हैं। जबकि इसी मौसम में जापानी इंसेफेलाइटिस भी दस्तक देता है।

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मच्‍छरों के काटने से फैलती है जापानी इंसेफेलाइटिस

जापानी इंसेफेलाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जो मच्छरों के काटने से फैलती है। ये मच्छर फ्लेविवायरस संक्रमित होते हैं। यह संक्रामक बुखार नहीं है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है।

इस बुखार का पता मच्छर के काटने के 5 से 15 दिनों में दिखाई देता है। इस रोग से ग्रसित मरीजों में तेज बुखार, गर्दन में अकड़न, सिरदर्द, बुखार आने पर घबराहट, ठंड के साथ-साथ कंपकंपी आदि प्रमुख लक्षण दिखते हैं।

बुखार से बचने के लिए अपनाए ये उपाय

प्रशिक्षण में उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों को इसके रोकथाम व उपचार के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। बताया गया कि जापानी बुख़ार से पीड़ित मरीजों को तुरंत अस्पताल में भर्ती होना चाहिए।

इस बुखार से बचने के लिए बरसात के दिनों में पूरे शरीर को ढककर रखें। जबकि रात में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। प्रशिक्षण में रंजीत कुमार, एमपीडब्ल्यू जीएस राजू समेत अन्य उपस्थित थे।

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