कौन है जहांगीर आलम जिसके घर से ED को मिले करोड़ों ? MR से शुरू किया करियर; रांची में बन गया धन कुबेर
सोमवार को राज्य सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के पीएस के नौकर के घर से ईडी की रेड़ में करोड़ों रुपये बरामद किए। इसके बाद जहांगीर आलम रातो-रात सुर्खियों में आ गए। वह मूल रूप से चतरा का रहने वाला है। जहांगीर के भाई का कहना है कि उसे बलि का बकरा बनाया है। संजीव से उसकी दोस्ती भी पुरानी है।
जुलकर नैन, चतरा। रातो-रात सुर्खियों में आए धन कुबेर जहांगीर मूल रूप से चतरा का रहने वाला है। राजधानी रांची स्थित जहांगीर के फ्लैट से भले ही 35 करोड़ रुपये से अधिक की बरामदगी हुई है, लेकिन उसके पैतृक घर की स्थिति बदतर है। जहांगीर पांच भाइयों में चौथे स्थान पर है। पांचों भाइयों का भोजन-भात अलग-अलग है। परंतु आवास एक है। उसी आवास में सारे भाई रहते हैं।
लाइन मोहल्ला स्थित जहांगीर का पैतृक आवास।
ऐसे हुई थी जहांगीर और संजीव की दोस्ती
जहांगीर करीब बारह-तेरह वर्षों से वह बाहर रह रहा है। चाईबासा और चक्रधरपुर के बाद कुछ सालों से रांची में रह रहा है। स्थानीय लाइन मोहल्ला निवासी स्वर्गीय इकराम खान का पुत्र जहांगीर शिक्षा-दीक्षा पूरा करने के बाद मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव से अपने करियर की शुरूआत की थी।
2009 में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव रहते हुए उसका परिचय पत्थलगडा के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी और वर्तमान में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव कुमार लाल से हुई। धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती हो गई।
जहांगीर को हर कदम पर मिला संजीव का साथ
संजीव कुमार लाल बीडीओ के रूप में 2011 तक पदस्थापित रहे। स्थानांतरण के बाद उनकी मित्रता और प्रगाढ़ होती गई। वर्ष 2012-13 में जहांगीर चाईबासा चले गए। दो-तीन साल के बाद चक्रधरपुर को अपना ठिकाना बनाया।
चाईबासा और चक्रधरपुर में एमआर के साथ-साथ दूसरे व्यवसाय में हाथ बढ़ाया। हर जगह पर संजीव कुमार लाल का सहयोग मिलता रहा। इसी क्रम में उनकी दोस्ती मंत्री आलमगीर आलम के पुत्र तनवीर आलम से हुई।
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