भूख से नहीं कुपोषण और गरीबी से हुई मौत : डीसी
चतरा : इटखोरी के प्रेम नगर मोहल्ला के समीप खानाबदोश की जीवन जीने वाली मीना मुसहर की मौत भ
By JagranEdited By: Updated: Tue, 05 Jun 2018 09:28 PM (IST)
चतरा : इटखोरी के प्रेम नगर मोहल्ला के समीप खानाबदोश की जीवन जीने वाली मीना मुसहर की मौत भूख से नहीं गरीबी और कुपोषण के कारण हुई है। मंगलवार को यह दावा चतरा के उपायुक्त जितेंद्र कुमार ¨सह ने किया। बताया कि मीना पिछले कई वर्षों से कुपोषित थी। कुपोषण के कारण वह कई रोगों से भी ग्रसित हो गई थी। एक वर्ष से वह यक्ष्मा रोग से भी पीड़ित थी। इधर स्थानीय लोगों ने बताया कि कुपोषण के कारण ही दो दिन पूर्व महिला के डेढ़ वर्षीय पुत्र की भी मौत हुई गई थी। बेटे की मौत के बाद से वह सदमें में थी और खाना-पीना एक प्रकार से बंद ही कर दिया था।
उपायुक्त ने बताया कि उसके पास इतना पैसा नहीं था कि वह अपना उपचार करा पाती। इसी बीच सोमवार की रात उसकी मौत हो गई। मां का शव लेकर बेटा कंधा पर उठाए इटखोरी अस्पताल पहुंचा। ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने देखने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। प्रारंभ में यह बात सामने आई थी कि मीना की मौत भूख से हुई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसके जांच का आदेश दिया गया। जांच का दायित्व सदर अनुमंडल पदाधिकारी राजीव कुमार को सौंपते हुए शाम तक रिपोर्ट समर्पित करने का आदेश दिया गया। इतना ही नहीं शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से कराने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया। सिविल सर्जन डॉ. एसपी ¨सह ने डीसी के निर्देश पर सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. श्यामनंदन ¨सह, डा. एनकेपी जायसवाल एवं डॉ. सिद्धार्थ की टीम गठित कर पोस्टमार्टम करवाया। डीसी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी नहीं मिला है लेकिन डॉक्टरों की बात से यह स्पष्ट हो गया है कि महिला की मौत भूख से नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि डाक्टरों ने यह स्पष्ट किया है कि मृतका के पेट में खाद्य पदार्थ का अंश था। डीसी ने यह भी कहा कि जांच पदाधिकारी सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने मृतका के रहने वाले स्थान की जांच पड़ताल की। मृतका की पोटली में चालक और सत्तू मिला है। डीसी ने कहा कि चूंकि मृतका बिहार राज्य के गया जिला के डोभी की रहने वाली है। ऐसे में यहां पर उसका राशन कार्ड बनना संभव नहीं है। वह पिछले कुछ महीनों से यहां रह रही थी। इधर एसडीओ ने कहा कि मौत का कारण पूरी तरह से बीमारी है।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।