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Deoghar AIIMS में जनवरी 2025 से मिलने लगेंगी सारी सुविधा, पूरी क्षमता से संचालित होंगे IPD और OPD

Deoghar AIIMS News संताल परगना की धरती पर देवघर में एम्स की स्थापना के बाद अब इसका निर्माण पूरा होने को है। 237 एकड़ में एम्स का पूरा आकार 21 भवन का है। अब तक 19 भवन हैंडओवर हो गए हैं। एमबीबीएस की पढ़ाई वर्ष 2019 से हो रही है। अगले साल पहला सत्र का 48 छात्र डॉक्टर बनकर देश सेवा में जुट जाएगा।

By Ravish Sinha Edited By: Prateek Jain Updated: Sat, 06 Jul 2024 01:36 PM (IST)
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237 एकड़ में फैले एम्स के 21 भवन होंगे।

आरसी सिन्हा, देवघर। संताल परगना की धरती पर झारखंड में देवघर में एम्स की स्थापना की गयी। स्वास्थ्य के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता के चलते मरीजों को चिकित्सीय परामर्श के लिए 24 अगस्त 2021 से ओपीडी और 12 जुलाई 2022 से आईपीडी की सेवा बहाल हुई।

237 एकड़ में एम्स का पूरा आकार 21 भवन का है। अब तक 19 भवन हैंडओवर हो गए हैं। एमबीबीएस की पढ़ाई वर्ष 2019 से हो रही है। अगले साल पहला सत्र का 48 छात्र डॉक्टर बनकर देश सेवा में जुट जाएगा।

एम्स देवघर की यह पहली उपलब्धि होगी। ट्राइबल हेल्थ पर रिसर्च शुरू कर दिए गए हैं। जनवरी 2025 से ओपीडी में तीन हजार मरीज और अस्पताल में 750 बेड पर मरीज की भर्ती के साथ इमरजेंसी सेवा बहाल हो जाएगी। यानी एम्स आईपीडी-ओपीडी सेवा पूर्ण क्षमता के साथ उपलब्‍ध होंगी। 

कैसे शुरू हुई व्यवस्था

24 अगस्त 2021 से ओपीडी सेवा बहाल है। पहले पांच सौ मरीज देखे जाते थे। संप्रति 1500 मरीज देखे जा रहे। आने वाले समय में तीन हजार मरीज ओपीडी में देखे जाएंगे।

12 जुलाई 2022 को पीएम ने 250 बेड के अस्पताल का शुभारंभ किया था। इसमें 37 आईसीयू के बेड हैं। दिसंबर तक सभी 750 बेड पर मरीज की भर्ती होने लगेगी।

इमरजेंसी सेवा भी तीन महीने बाद बहाल होने की संभावना है। कारण अभी सिटी स्कैन मशीन नहीं लगा है। 20 आपरेशन थियेटर में आठ चालू कर दिए गए हैं। प्रधानमंत्री जन औषधी केंद्र यहां हैं। जिससे मरीजों को लाभ हाे रहा है।

एम्स से डॉक्टर की डिग्री लेगा 48 स्टूडेंट

एम्स में एमबीबीएस का पहला सत्र 2019 में शुरू हुआ। पहला सत्र में 50 सीट की स्वीकृति हुई। इसमें 48 छात्र ने एडमिशन लिया। जिनकी साढ़े चार साल की पढ़ाई पूरी हो गयी है। अभी वह एक साल का इंटर्नशिप कर रहे हैं। जनवरी में उनको डॉक्टर की डिग्री मिल जाएगी।

2021 से नर्सिंग का सत्र शुरू हुआ है। 60 सीट पर स्टूडेंट का नामांकन हुआ है। सत्र चल रहा है। साल 2023 में यहां पीजी की भी पढ़ाई शुरू हुई है। जिसमें 30 सीट है। मरीजों के सेवा विस्तार में राज्य सरकार की ओर से आ रहे अड़चन को दूर कराने के लिए सांसद डा. निशिकांत दुबे हाई कोर्ट में याचिका दायर किए हुए हैं। जिससे कार्य में थोड़ी गति दिखती है।

एम्स के विस्तार में अड़चन

एम्स समय से पूरी सेवा नहीं दे पा रहा है। कई कारण हैं। राज्य सरकार के साथ एमओयू हुआ था। उसके मुताबिक पानी-बिजली देना था। भवन निर्माण के ठेकेदार की देरी। एजेंसी ने इसकी ठीक से मानीटरिंग नहीं की।

एम्स के कार्यकारी निदेशक डा. सौरभ वाष्र्णेय ने समय से सेवा विस्तार के कारण पर बताया कि एमओयू के मुताबिक राज्य सरकार को स्पेशल पाइप लाइन से 1.5 एमएलडी वाटर सप्लाई पावर सब स्टेशन की स्थापना कर 20 एमवीए का डेडिकेटेड लाइन 24 घंटा व्यवस्थित कराना था।

बुढ़ई जलाशय योजना से पानी और डाबर ग्राम से बिजली पहुंचानी थी। अभी ग्रामीण विद्युत व्यवस्था से बिजली और ग्रामीण जलापूर्ति योजना से पानी मिल रहा है जो पर्याप्त नहीं है। बिजली की निबार्धित और समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण मशीनें खराब हो रही है।

सात जेनरेटर से ओपीडी और आईपीडी चलाया जा रहा है, जिसमें प्रतिघंटा 50 हजार रुपया का खर्च आ रहा है। सेवा विस्तार में भवन निर्माण के ठेकेदार की देरी और एजेंसी की मानीटरिंग में कमी भी एक कारण है। बावजूद राज्य सरकार का सहयोग है। उसके मुताबिक जनवरी 2025 से एम्स फूल फलेज हो जाएगा।

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