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श्रावणी मेला में देवघर रेलवे स्टेशन को रहता है श्रद्धालुओं का इंतजार

अमित सोनी देवघर पूरे एक माह तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला को लेकर सभी विभागों क

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 06:29 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 06:29 PM (IST)
श्रावणी मेला में देवघर रेलवे स्टेशन को रहता है श्रद्धालुओं का इंतजार

अमित सोनी, देवघर : पूरे एक माह तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला को लेकर सभी विभागों की ओर से दो-तीन पूर्व से तैयारियां शुरु कर दी जाती है। श्रद्धालुओं को विशेष सुविधा मुहैया कराने को लेकर रेल प्रशासन की ओर से स्पेशल ट्रेन मुहैया कराया जाता है ताकि श्रद्धालुओं को बाबा आने और यहां से जाने में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं को ध्यान में रखकर बेहतर इंतजाम किया जाता है। वहीं देवघर स्टेशन को आज भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने का इंतजार रहता है। यहां से बासुकीनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षाकृत काफी कम ही रहती है। इसी वजह से यहां उस तरह की सुविधा को लेकर कोई विशेष व्यवस्था नहीं की जाती है। जबकि यहां से रांची, दुमका, बासुकीनाथ, बांका, रामपुरहाट के लिए ट्रेन का परिचालन होता है। अलबत्ता श्रद्धालुओं को सुविधापूर्वक संबंधित स्थान के लिए रेल टिकट उपलब्ध हो सके। इसको लेकर यहां अतिरिक्त टिकट काउंटर बनाया जाता है। श्रद्धालुओं के लिए पानी का बेहतर इंतजाम किया गया है। इसके अलावा स्थायी रुप से लगभग 15 की संख्या में शौचालय है। जिसमें पुरुष व महिला दोनों शामिल है। इसके अलावा यहां यात्रियों के ठहरने के लिए बना वेटिग हॉल भी उपलब्ध है। वर्तमान में देवघर रेलवे स्टेशन को सुरक्षा के नाम पर केवल दो पुलिस जवान ही मुहैया कराया गया है। हालांकि श्रावणी मेला के दौरान यह संख्या बढ़कर सौ के करीब पहुंच जाती है। परिवहन की समुचित व्यवस्था नहीं होने की वजह से नहीं पहुंच रहे है यात्री स्टेशन तक आने और यहां से संबंधित स्थान तक जाने में श्रद्धालुओं के साथ-साथ आम यात्रियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। वजह बताया जाता है कि यहां से ऑटो से टावर आने-जाने के लिए रिर्जव करने पर लगभग सौ रुपये तक खर्च करना पड़ता है। यात्रियों की संख्या कम होने की वजह से ऑटो बिना रिर्जव के जाना नहीं चाहता है। वहीं टावर से जसीडीह जाने के लिए एक यात्री को 10-15 रुपये ही खर्च करना पड़ता है। इस वजह से भी यात्री देवघर रेलवे स्टेशन आने की बजाय सीधे जसीडीह की ओर जाना ज्यादा पसंद करते है। वहीं बासुकीनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को दूसरे वाहन से पहुंचाने का काम किया जाता है। केवल श्रावणी मेला में रेलवे को 20 लाख रुपये राजस्व की हुई थी प्राप्ति वर्ष 2018 में श्रावणी मेला के दौरान देवघर रेलवे स्टेशन को टिकट मद से 20 लाख रुपये की राजस्व की प्राप्ति हुई थी। रेलवे प्रबंधन इस वर्ष राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद व्यक्त की जा रही है। रेल प्रबंधक का मानना है कि इस वर्ष श्रद्धालुओं के यहां आने की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद जता रही है। बहरहाल श्रावणी मेला शुरु होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए है। देखना होगा कि देवघर रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं पहुंचते भी है या फिर आगे भी इसी तरह श्रद्धालुओं के आने के इंतजार में राह ताकता रहना पड़ेगा। जनसंपर्क विभाग का सूचना केन्द्र पूरे मेला के दौरान जिला जनसंपर्क विभाग की ओर से यहां पर सूचना केन्द्र बनाया जाता है। जहां श्रद्धालुओं को मेला से संबंधित तमाम जानकारी उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा यहां भूले-भटके श्रद्धालुओं को भी एक दूसरे से मिलाने का काम किया जाता है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की ओर से यहां स्वास्थ्य शिविर भी लगाया जाता है। जहां प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाती है। इसके साथ-साथ पोलियो वैक्सीन भी सुविधा मुहैया कराया जाता है।

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श्रावणी मेला में श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षाकृत कम होने की वजह से रेलवे की ओर से यहां विशेष इंतजाम नहीं किया जाता है। हालांकि काउंटर की संख्या एक से दो कर दी जाती है। यहां सुरक्षा व शौचालय की बेहतर इंतजाम रहता है। साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखा जाता है। इस स्टेशन से अबतक कोई भी स्पेशल ट्रेन देने की भी घोषणा नहीं हुई है। परिवहन की सुविधा का सस्ता व सुगम नहीं होने की वजह से भी यहां श्रद्धालुओं के साथ आम यात्रियों की संख्या कम रहती है।

एके सिंह, स्टेशन प्रबंधक, देवघर रेलवे स्टेशन

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अमित सोनी


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