Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Jharkhand Farmers: सब्जी की खेती से चमकी किसानों की किस्मत! हो गए मालामाल; अब इलाके को बना दिया हब

मौजूदा समय में किसान खेती कार्य से दूर होते जा रहे हैं मगर देवघर के डिंडाकोली पंचायत अंतर्गत सिंहपुर के एक दर्जन से अधिक किसानों ने मेहनत से इलाके की अलग पहचान बना दी है। इससे किसानों को खेती करने में काफी परेशानी होती है लेकिन इस चुनौती के बीच सिंहपुर गांव के किसान अपनी पहचान सब्जी की खेती के लिए बना चुके हैं।

By Manoj Singh Edited By: Shashank Shekhar Updated: Mon, 01 Apr 2024 04:35 PM (IST)
Hero Image
Jharkhand Farmers: सब्जी की खेती से चमकी किसानों की किस्मत, हो गए मालामाल; इलाके को बना दिया हब

संवाद सहयोगी, करौं (देवघर)। वर्तमान में किसान खेती कार्य से विमुख होते जा रहे हैं, मगर प्रखंड के डिंडाकोली पंचायत अंतर्गत सिंहपुर के एक दर्जन से अधिक किसानों ने अपनी मेहनत के भरोसे क्षेत्र की अलग पहचान बना दी है।

इससे किसानों को खेती करने में काफी परेशानी होती है, लेकिन इस चुनौती के बीच सिंहपुर गांव के किसान अपनी पहचान सब्जी की खेती के लिए बना चुके हैं। इस गांव में मात्र सोलह परिवार निवास करते हैं। प्रत्येक परिवार के सदस्य अपने 15 एकड़ खेतों में सब्जी उत्पादन करते हैं।

इससे किसानों को एक साल में लगभग ढाई से तीन लाख रुपये कमाई होती हैं। इस कमाई से किसान अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। इसमें युवा किसानों का योगदान विशेष है। यहां के युवा नौकरी को तरजीह न देकर खेती पर ध्यान दे दिए हैं, जबकि खेती के लिए यहां सिंचाई की सुविधा बहुत कम है।

सब्जी हब के तौर पर चर्चित हो रहा गांव

यह गांव क्षेत्र में सब्जी हब के तौर पर चर्चित हो चुका है। ताजी सब्जी खरीदने के लिए खरीदारों की भीड़ लगी रहती है। करौं- सिरसा मुख्य सड़क के किनारे कई अस्थायी दुकानें खुल चुकी है। जहां दूर दराज एवं सड़क पर विभिन्न वाहनों से गुजरने वाले लोग सब्जियों को खरीदते हैं।

यहां के किसान अपने खेतों में खीरा, ककड़ी, तरबूज एवं विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर रहे हैं। गर्मी के दिनों में यहां के किसान प्रतिदिन 50 क्विंटल तरबूज मधुपुर, जामताड़ा, विद्यासागर एवं करौं में बेच लेते है।

स्थायी बाजार उपलब्ध नहीं रहने के कारण किसानों को बिचौलियों के हाथों सब्जी बेच देना पड़ता है। इससे उन्हें उचित कीमत नहीं मिल पाती है। सरकार को इस दिशा में सोचने की जरूरत है।- बीरवल सिंह, किसान

अगर सरकार द्वारा लिफ्ट योजना दे दी जाती तो यहां के किसानों को काफी सहूलियत होती। बड़े पैमाने पर खेती कर कृषि को बढ़ावा दे सकते हैं। गर्मी के दस्तक देते ही सिंचाई के लिए जूझना पड़ता है।- चुन्ना सिंह, किसान

सब्जी के खेती से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। अगर सरकारी सहायता मिल जाती तो खेती में और बेहतर किया जा सकता है। सरकार को खाद व बीज उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें।- पवन सिंह, किसान

सबसे ज्यादा परेशानी खेतों की रखवाली में आती है। किसानों को खेत में झोपड़ी बनाकर रखवाली करनी होती है। खेत के चारों ओर ट्रेंच कटा देने पर मवेशी से फसल की सुरक्षा हो जाती।- अशोक सिंह, किसान

यहां के मेहनतकश किसानों की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। किसानों ने अपनी मेहनत से सिंहपुर गांव नाम रोशन कर दिया है। खेती कार्य को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव मदद दी जाएगी।- रवि दास, मुखिया, डिंडाकोली पंचायत

ये भी पढ़ें- 

Voter ID Card: 18 वर्ष के हुए? अभी जुड़वाएं वोटर लिस्ट में नाम, यहां जानें क्या है आसान तरीका

सास के 25 साल बाद दुमका के रण में उतरीं बड़ी बहू सीता सोरेन, नारी शक्ति वंदन विधेयक के बाद BJP ने खेला दांव

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर