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गोड्डा में विकास की बौछार: चमचमाती सड़कों से लेकर एयरपोर्ट तक की है सुविधा, अब इस परियोजना का लोगों को इंतजार

गोड्डा लोकसभा सीट पर पिछले कुछ वर्षों से भाजपा का दबदबा है। यहां भाजपा की जीत का खाता 1989 में खुला। इससे पहले यहां कांग्रेस को जीत हासिल होती थी। आगामी लोकसभा चुनाव में गोड्डा को लेकर चुनावी मुद्दों की भरमार है। सांसद निशिकांत दुबे के पास भी गिनाने के लिए उपलब्धियां कम नहीं है। इस सीट से वह तीन बार जीत चुके हैं।

By Arijita Sen Edited By: Arijita Sen Updated: Wed, 03 Apr 2024 09:57 AM (IST)
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एम्स, एयरपोर्ट मिला, पुनासी का अब भी इंतजार।
आरसी सिन्हा, देवघर। गोड्डा लोकसभा सीट पर पिछले कुछ वर्षों से भाजपा का दबदबा है। निशिकांत दुबे यहां से तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। इस बार भी भाजपा ने उन्हें मैदान में उतारा है। इस क्षेत्र में वन संपदा के साथ खनिज संपदा भी हैं। वहीं धार्मिक-सांस्कृतिक रूप से भी क्षेत्र का गौरवशाली इतिहास व महत्व रहा है।

1989 में खुला भाजपा की जीत का खाता

देवघर स्थित भगवान बैद्यनाथ का मंदिर भी इसी लोकसभा क्षेत्र में आता है। शुरुआती दौर में यहां कांग्रेस जीतती रही है। भाजपा की जीत का खाता यहां 1989 में खुला, तब जनार्दन यादव जीते थे। वहीं, 1991 में यहां झामुमो के प्रत्याशी की जीत हुई थी, जबकि 2004 में कांग्रेस के फुरकान अंसारी जीते थे। 1996, 1998 और 1999 में यहां से भाजपा के जगदंबी यादव जीते थे।

गोड्डा में कई परियोजनाओं का हुआ है विकास

लोकसभा चुनाव में वैसे तो मुद्दों की भरमार है, लेकिन सांसद निशिकांत के पास उपलब्धियां गिनाने के नाम पर कई चीजें हैं, जिसके आधार पर वह जनता के बीच काम करने और कराने का दम भर सकते हैं। देवघर में एम्स, हवाई अड्डा के साथ ही रेलवे और सड़क की कई योजनाएं धरातल पर उतरी हैं, जबकि साॅफ्टवेयर टेक्नोलाॅजी पार्क, नैनो यूरिया प्लांट, अदाणी पावर प्लांट और सीमेंट फैक्ट्री आदि इस क्षेत्र में लाने का श्रेय दुबे को जाता है।

एम्‍स और एयरपोर्ट से हुआ सुविधाओं का विस्‍तार

एम्स से जहां क्षेत्र में इलाज की सुविधा बढ़ी वहीं एयरपोर्ट ने लोगों की सुविधाएं बढ़ाकर बेहतर अर्थव्यवस्था की राह खोली। सड़क और औद्योगिक परियोजनाएं भी यहां उम्मीद जगा रही हैं। हालांकि दशकों से देवघर क्षेत्र की जनता को पुनासी जलाशय योजना के धरातल पर उतरने का इंतजार है। 42 साल में अब तक चार बार इसका डीपीआर बन चुका है। अभी काम थोड़ा आगे बढ़ा है, लेकिन लोगों को इसके अब भी शुरू होने का इंतजार है।

पुनासी जलाशय योजना के होंगे कई लाभ

पुनासी के पूरा होने से देवघर, दुमका और बिहार के बांका जिले के खेत सिंचित होंगे। देवघर जिला के देवघर, मोहनपुर, सारवां और दुमका जिला के सरैयाहाट प्रखंड के खेतों तक पानी पहुंचेगा।

डीपीआर के मुताबिक रबी फसल में 22 हजार एकड़ यानि 8,960 हेक्टेयर और खरीफ में 38 हजार एकड़ यानि 15, 384 हेक्टेयर खेत का पटवन होगा। वहीं, इस जलाशय योजना के पूरा होने से लोगों को घरों में पीने का पानी भी मिलने लगेगा।

जलाशय योजना के संशोधित डीपीआर में देवघर शहर के साथ ही एम्स, एयरपोर्ट और औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित होने वाले जसीडीह क्षेत्र को भी पानी दिया जाना है।

डीपीआर के मुताबिक एक करोड़ 40 लाख घन मीटर पानी घरेलू उपयोग और संबंधित संस्थान के लिए रिजर्व रखा गया है। इसके लिए रिजर्व वायर बने हैं।

पुनासी से शहर को पाइप लाइन से पानी देने के लिए 25 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाने का कार्य चल रहा है। एप्रोच पुल और डिगरिया पहाड़ पर फिल्टरेशन औ र स्टोरेज यूनिट का कार्य चल रहा है। पुनासी जलाशय के केंद्र में झिलुआ के पास सरकार की एजेंसी जुडको इंटेक वेल बना चुकी है।

दो साल में शुरू होगा नैनो यूरिया संयंत्र

इससे यूरिया के बोरों का आयात भी कम हो जाएगा। नैदेवघर में नैनो यूरिया संयंत्र 30 एकड़ में जसीडीह औद्योगिक क्षेत्र में बन रहा है। यह दो साल में चालू हो जाएगा। इसके बाद देवघर से बिहार, झारखंड और बंगाल के खेत तक बोतलें पहुंचने लगेंगी। यहां हर साल नैनो यूरिया की छह करोड़ बोतलें तैयार होंगी।

रेल पर होती रही है राजनीति

गोड्डा में ट्रेन की मांग काफी लंबे समय बाद पूरी हुई। पिछले कई चुनावों के दौरान यह गोड्डा में मुद्दा रहा है। अब रेल गोड्डा पहुंच गई है।

भाजपा इसे अपनी और वर्तमान सांसद के कार्यकाल की उपलब्धि बताती है, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि इसकी घोषणा और काम की शुरुआत मनमोहन सिंह सरकार के वक्त हुई थी। कांग्रेस के नेता इसके लिए दशकों तक किए गए अपने संघर्ष का भी हवाला देते हैं।

कांग्रेस नेताओं के अनुसार, मनमोहन सिंह सरकार के आखिरी वर्ष पूरे झारखंड को जो सबसे बड़ी रेल परियोजना मिली थी, वह जसीडीह से गोड्डा होते हुए पीरपैंती रेललाइन की थी। इसकी कुल लंबाई 127 किलोमीटर है।

उस समय इस रेल लाइन का बजट 915.96 करोड़ रुपये का था, जिसमें आधी राशि केंद्र और आधी राज्य सरकार को देनी थी। हालांकि यह भी सच है कि काम ने भाजपा की सरकार व गोड्डा सांसद निशिकांत के कार्यकाल के दौरान ही रफ्तार पकड़ी।

गोड्डा में रेल परियोजनाओं का विकास

शुरुआत में योजना का काम धीमी गति से चला, जिसमें 15 किमी रेल लाइन बिछी व पोड़ैयाहाट स्टेशन बना। फिर पोड़ैयाहाट को हंसडीहा रेलवे स्टेशन जोड़ दिया गया और एक यात्री ट्रेन पोड़ैयाहाट से दुमका वाया हंसडीहा तक चलाई गई। इस बीच गोड्डा में अदाणी का पावर प्लांट भी आ चुका था। इसके बाद 2021 में गोड्डा स्टेशन बना और रेल लाइन बना। ये दूरी पोड़ैयाहाट से 15 किमी की थी।

इस तरह हंसडीहा से गोड्डा तक कुल 30 किलोमीटर रेल लाइन बन गई। इसी वर्ष एक मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देवघर से गोड्डा सीधी रेल लाइन के लिए मोहनपुर से हंसडीहा के बीच 38 किलोमीटर लंबी रेल लाइन जनता के नाम की।

इसके बाद देवघर से गोड्डा की 77 किमी लंबी यात्रा का द्वार खुल गया। मोदी के विकास की पटरी पर छह मार्च को पहली ट्रेन लेकर सांसद निशिकांत दुबे गोड्डा गए। गरीबों, किसानों और युवाओं को इससे लाभ हुआ।

देवघर-डिब्रूगढ़ ट्रेन से अब बाबा बैद्यनाथ मंदिर और मां कामाख्या शक्तिपीठ को जोड़ दिया गया। देवघर स्टेशन से सीधे हावड़ा लाइन पर ट्रेन के जाने के लिए रोहिणी के पास रेल बाइपास भी बन रहा है। हालांकि कांग्रेस, झामुमो व अन्य दलों के लोग यह आरोप लगाते हैं कि चुनाव के ठीक पहले इसकी शुरुआत करने का मकसद इसका चुनावी लाभ उठाना है।

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