ईसाई मिशनरियों के इशारे पर खेल रहे हैं मुख्यमंत्री : रघुवर
जागरण संवाददाता देवघर दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने तो संघर्ष किया है लेकिन हेमंत सोरेन ने कौ
By JagranEdited By: Updated: Sun, 11 Apr 2021 11:41 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देवघर : दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने तो संघर्ष किया है लेकिन हेमंत सोरेन ने कौन सा संघर्ष किया है। वह सोने की चम्मच लेकर पैदा हुए। ऐसे में वो क्या जाने आदिवासी और गरीबी का दर्द। उक्त बातें रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री को चुनौती देता हूं वो स्पष्ट करें कि 14 महीने में कौन सा काम किया। जिसके आधार पर वे लोगों से वोट मांग रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि सीएम ईसाई मिशनरियों के इशारे पर खेल रहे हैं। राष्ट्र विरोधी शक्तियों का समर्थन कर रहे हैं। यह गठबंधन से लोकतंत्र के लिए खतरा है। रघुवर दास ने अपनी उपलब्धि गिनाते हुए कहा कि हमारे शासनकाल में कोई दंगा नहीं हुआ जबकि वर्तमान शासनकाल में दंगा और मॉबलिचिग की 13 घटनाएं हो गई। सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री से सरकार संभल नहीं रही है। राज्य में भ्रष्ट अधिकारियों का बोलबाला है। अच्छे पदाधिकारियों को प्रोजेक्ट भवन में बिठा कर रखा गया है। डीसी-एसपी तक की बोली लग रही है। ऐसे में जनता त्रस्त और सरकार मस्त है। लड़खड़ा कर चलेगी या स्वत: गिर जाएगी सरकार : पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के वरिष्ठ विधायक सदन में अपनी ही सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार की बात करते हैं। लोबिन हेंब्रम, स्टीफन मरांडी, सीता सोरेन ने अवैध उत्खनन और परिवहन पर सवाल उठाया था। मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि पर आरोप लगा था। आज झामुमो के कार्यकर्ता पत्थर व्यवसाय में हर एक ट्रक से दो-दो हजार रुपये वसूल रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में रघुवर ने दास ने कहा कि यह सरकार इसी तरह लड़खड़ा कर अपना शासनकाल पूरा करेगी या स्वत: किसी दिन गिर जाएगी। आज जनता को इस सरकार के कामकाज को देख अफसोस हो रहा है। बिचौलिया, कमीशनखोर लोगों ने नामदार की जगह कामदार की सरकार बनाने में विश्वास किया। नतीजा सबके सामने है। पहली बार सामने आए राज पलिवार :
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास की प्रेस कांफ्रेंस में संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष राज पलिवार भी पहुंचे। जब पत्रकारों ने पूछा कि पार्टी ने ऐसे लोगों को टिकट दे दिया जिन्होंने पिछली बार भाजपा को हरा दिया था। जिसपर उन्होंने कहा कि टिकट देने का काम सामूहिक निर्णय पर पार्टी लेती है। कार्यकर्ताओं की पार्टी है। यहां पहले देश, उसके बाद पार्टी और तब स्वयं होता है। पार्टी का जनाधार बढ़ाना है इसलिए यह हुआ है। चुनाव प्रचार में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सबके सामने हैं जाएंगे।
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