Deoghar: बाबा की नगरी में शिव के भक्तों ने ली प्रशासन की अग्निपरीक्षा, रात भर बहती रही भक्ति की बयार
Kanwar Yatra एसपी सुभाष चंद्र जाट ने कतार व्यवस्था की कमान खुद संभाल रखी थी। वे लगातार बाइक पर क्षेत्र का प्रमण करते नजर आए। वे लगातार वायरलेस सेट व मोबाइल पर पदाधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे थे। जगह-जगह पर रुककर वे पुलिस पदाधिकारियों को ये निर्देश देते हुए नजर आए कि कतार को कैसे संचालित करना है। उनका मैसेज वायरलेस में लगातार फ्लैश हो रहा था।
कंचन सौरभ मिश्रा, जागरण संवाददाता, देवघर: श्रावणी के दूसरी साेमवारी को बाबा भोले के भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद थी। प्रशासन की अंदेशा पूरी तरह से सही निकला और भीड़ को संभालने में प्रशासन का पसीना उतर गया। प्रशासन के लिए ये स्थिति अग्निपरीक्षा से कम नहीं थी। रात करीब 11:30 मंदिर में जलार्पण का सिलसिला रोक दिया गया। लेकिन कांवड़ियों के आने के रफ्तार में कोई कमी नहीं आई।
(फोटोः व्यवस्था बनाने में जुटी पुलिस)
रात के 11:45 बजे हदहदिया पुल के पास कांवड़ियों का सैलाब रह-रहकर उमड़ रहा था। इसे देखते हुए कांवड़ियों को कतार में बैठाने का सिलसिला शुरू कर दिया। कतार बहुत लंबी न हो इसे ध्यान में रखते हुए पंडित शिवराम झा चौक से बीएड कालेज परिसर तक कावंड़ियों को दो कतार में बैठाने का सिलसिला शुरू कर दिया गया। रात एक बजे तक कतार भर चुकी थी। अब समय था कतार को नंदन पहाड़ की ओर ले जाने का।
एएसआई श्याम कुमार उर्फ छोटू कांवड़ियों को कतार में लेकर बीएड कालेज से रात करीब 1:15 बजे नंदन पहाड़ की ओर बढ़ चले। रात 1:30 बजे ये कतार रेलवे ओवरब्रिज के पास थी तो 1:50 बजे नंदन पहाड़ पहुंच चुकी थी। वहां से कतार को लेकर श्याम आगे बढ़ और करीब 2:10 बजे वापस बीएड के पास पहुंच चुके थे।
भीड़ को देखते हुए रात दो बजे से ही बीएड कालेज को भरने का सिलसिला शुरू कर दिया गया। 2:30 बजे नेहरू पार्क में कांवड़ियों को प्रवेश कराना शुरू कर दिया गया। वहीं तीन बजे क्यू कांम्पेक्स व संस्कार भवन में कांवड़ियों को प्रवेश कराना शुरू कर दिया गया। वहीं कतार में कांवड़ियों का दबाव काफी बढ़ रहा था।
सरकार भवन चौक से परमेश्वर दयाल रोड के बीच रात करीब दो बजे से दबाव काफी बढ़ने लगा। 2:30 बजते-बजते ये दबाव इतना बढ़ चुका था कि एसपी सुभाष चंद्र जाट ने कतार को बेरियर के बाहर निकालने का निर्णय लिया। देखते ही देखते पूरा परमेश्वर दयाल रोड पूरी तरह से कांवड़ियों से भर चुका था। इससे पहले ही इस मार्ग पर हर तरह के वाहन के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दिया गया था।
इसका असर देखते काे मिला और कतार ने रफ्तार पकड़ ली और नंदन पहाड़ के पास कांवड़ियों का दबाव तेजी से बढ़ने लगा। पुलिस वालों को कांवड़ियों को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। लेकिन सुबह चार बजते-बजते स्थिति काफी हद तक प्रशासन के नियंत्रण में आ चुकी थी। वहीं जब तक सरकारी पूजा के बाद बाबा भोले का पट भी कांवड़ियों के लिए खुल चुका था। इसके साथ ही कतार को तेजी से बढ़ाने का काम भी शुरू हो गया। हालांकि कतार में आने वाले कावंड़ियों की संख्या पहले की ही तरह बनी हुई थी। स्थिति व्यवस्थित होने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली।
एसपी ने खुद कतार व्यवस्था की संभाल रखी थी कमान
एसपी सुभाष चंद्र जाट ने कतार व्यवस्था की कमान खुद संभाल रखी थी। वे लगातार बाइक पर क्षेत्र का प्रमण करते नजर आए। वे लगातार वायरलेस सेट व मोबाइल पर पदाधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे थे। जगह-जगह पर रुककर वे पुलिस पदाधिकारियों को ये निर्देश देते हुए नजर आए कि कतार को कैसे संचालित करना है। उनका मैसेज वायरलेस में लगातार फ्लैश हो रहा था।
उनके साथ क्यूआरटी टीम भी पूरी तरह से मुस्तैद नजर आई। कतार के बढ़ने से पहले एसपी खुद बाइक से राउंड लगाकर पुलिस वालों को सचेत करते रहे ताकि अचानक भीड़ बढ़ने पर उन्हें नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने परमेश्वर दयाल रोड के पास काफी देर तक भीड़ का मुआयना किया। उसके बाद कतार में बढ़ते दबाव को कम करके के लिए उन्होंने कतार को बैरिकेट के बाहर निकालने का निर्णय लिया। उनके इस निर्णय के कारण करीब एक घंटे में कतार नियंत्रित हो चुकी थी।
पांव जवाब दे रहे थे लेकिन हौसले में नहीं थी कमी
कतार में लगने वाले कांवड़ियों का शरीर 105 किमी की कांवड़ यात्रा करने के बाद मानो जबाव दे रहा हो। लेकिन बोल बम के नारे के साथ ये कांवड़िया कतार में लगातार आगे बढ़ते रहे। उनके पांव भले ही जबाव दे रहे हों लेकिन हौसले में कोई कमी नजर नही आई। महिलाएं खासतौर पर काफी कष्ट में नजर आ रही थी। छोटे-छोटे बच्चे चलते-चलते जब थक गए तो उनके पिता ने उन्हें कंधे पर उठा लिया।
रातभर सड़क पर एंबुलेंस लगाता रही गश्त
भीड़ को देखते हुए एंबुलेंस का काफी इंतजाम किया गया था। सामान्य एंबुलेंस के साथ-साथ बाइक व टोटो एंबुलेंस वाले कतार में लगातार घूमते नजर आए। घायल, बीमार व लाचार लोगों को इन एंबुलेंस की मदद से करीब के स्वास्थ्य केन्द्र में पहुंचाया जा रहा था।
इसके साथ ही लगातार माईक पर घोषणा कर कांवड़ियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की जा रही थी। कांवड़ियों को बताया जा रहा था कि मंदिर में काफी भीड़ है ऐसे में वे धैर्य से काम लेें और कतार व्यवस्था को बनाए रखे। वहीं सफाई कर्मी कतार में जगह-जगह हाथ में झाडू लेकर मुस्तैद नजर आए।
डयूटी के साथ कांवड़ियों की सेवा भी
कई जगहों पर पुलिस कर्मी डयूटी करने के साथ ही कांवड़ियों की सेवा करते भी नजर आए। आरके मिशन चौक के पास बैरिकेट लगाने के लिए पोल लगाने के चक्कर में सड़क टूटकर उसका मलवा सड़क पर बिखर गया था। कांवड़ियों के पांव में कंकर चूभ रहा था। इसे देखकर कुछ पुलिस वालों ने सड़क किनारे गिरे कुछ बोरा को उठाया और सड़क को साफ करने लगे।
वहीं रेलवे ओवरब्रिज के पास कतार को बनाए रखते हुए पुलिस कर्मी लोगों के बीच पानी का पाउच बांटते हुए नजर आए। वहीं जब भी कोई कांवड़िया घायल हो जाता तो डयूटी पर तैनात पुलिस कर्मी तत्काल एंबुलेंस बुलाकर उन्हें अस्पताल भेज रहे थे। वहीं कुछ जगहों पर आम लोगों भी पूरी रात कांवड़ियों की सेवा करते हुए नजर आए। वे कांवड़ियों को नींबू पानी, शर्बत व पानी पिला रहे थे।