देवघर के नारायण आश्रम में हर दिन होती है मां के कन्या स्वरूप की आराधना, 15 साल से जल रही साधना की अखंड ज्योति
मां भगवती कहती हैं कि जिस मंदिर में उनकी पूजा नित्य होती है वहां उनका सन्निधान बना रहता है। उस स्थान को वह कभी नहीं छोड़ती है। देवघर में नारायण सेवा आश्रम है। यहां हर दिन कन्या रूपी देवी की आराधना होती है। यह वह देवियां हैं जिनको उनके माता-पिता ने अपनी मजबूरी से इनको अनाथ कर दिया। वह कन्या यहां भगवती की तरह पूजी जाती हैं।
By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Tue, 24 Oct 2023 09:54 PM (IST)
आरसी सिन्हा, देवघर। कौन बनेगा करोड़पति के सेट पर आश्रम की नौ बेटियां नवदुर्गा का रूप लेकर पहुंची थी। केबीसी के सेट पर नवदुर्गा संग सदी के महानायक ने संवाद किया केबीसी से लौटने के बाद अचानक यह आश्रम अंतरराष्ट्रीय पटल पर आ गया।
मंगलवार को महादशमी के अवसर पर इन नौ दुर्गा की विशेष आराधना की गयी। सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में आश्रम के संस्थापक हरे राम पांडेय ने कन्या पूजन किया।
हर दिन करता हूं देवी के कन्या रूप की पूजा
हरे राम ने कहा कि वह 2008 से नवजात के रूप में अनाथ मिली तापसी की पूजा करना शुरू किया था। दुर्गा पूजा में तो मूर्ति की पूजा करने के बाद लोग कन्या पूजन कर अनुष्ठान को संपन्न करते हैं। वह तो हर दिन भगवती के इस रूप की पूजा करते हैं।कौन बनेगा करोड़पति के सेट से लौटने के बाद दुनियां पुकारने लगी है। बेटियों के हर कष्ट को दूर करने के लिए एक नहीं कई हाथ आगे आ रहे हैं। अब इस अखंड ज्याेति की बाती को घी की कमी नहीं होगी।
हरे राम की तपस्या से जल रहा आश्रम में दीपक
देवघर एक शक्ति स्थल है। सती का हृदय गिरा था, इसलिए यह हृदयपीठ कहलाता है। नारी शक्ति वंदन का विधेयक सदन में आया है। यह आने वाले कल को और मजबूत करेगा। भगवती की शक्ति से तो देवता भी नहीं पार पा सके...। वह आदि और अनंत हैं।नवरात्र का समापन कन्या पूजन से होता है। हर कन्या में मां के स्वरूप का दर्शन होता है। हर दिन उनकी पूजा की जाती है। नवरात्र में कन्या पूजन और भोजन का विशेष महत्व होता है। मानव जीवन में पूजा पाठ के समय यह होता है।
देवघर के नारायण सेवा आश्रम में ऐसी अनाथ बच्चियों को तकरीबन डेढ़ दशक से हर दिन भगवती की तरह पूजा जा रहा है। देवी के साधना और आराधना की अखंड ज्योति 18 साल से जल रही है।
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