Jharkhand Accident: देवघर सड़क हादसे ने मातम में बदली दुर्गोत्सव की खुशियां, शव के घर पहुंचते ही दहाड़ मारकर रोने लगे परिजन
देवघर में हुए सड़क हादसे में एक ही परिवार के चार सहित कुल पांच लोगों की मौत हो जाने से देवरी प्रखंड के बांसडीह गांव में कोहराम मच गया है। मृतकों के परिवार भी सदमे में हैं। बांसडीह गांव सहित पूरे देवरी प्रखंड में दुर्गा पूजा विजया दशमी उत्सव मातम में बदल गया। इस घटना में दो परिवारों का एकलौता चिराग हमेशा के लिए बुझ गया।
जागरण टीम, देवरी (गिरिडीह)। देवघर में हुए सड़क हादसे में एक ही परिवार के चार सहित कुल पांच लोगों की मौत हो गई। हादसे की खबर मिलते ही देवरी प्रखंड के बांसडीह गांव में कोहराम मच गया है।
बांसडीह गांव सहित पूरे देवरी प्रखंड में दुर्गा पूजा विजया दशमी उत्सव मातम में बदल गया। मृतकों के परिवार भी सदमे में हैं। हादसे ने दो परिवार के इकलौते चिराग को हमेशा के लिए छीन लिया।
सभी शवों देवघर से पोस्टमार्टम कराकर स्वजनों को सौंप दिया गया। सोमवार लगभग चार बजे शाम दो बच्चे सहित चार लोगों का शव बांसडीह गांव लाया गया।
शवों के पहुंचते ही स्वजन दहाड़ मार कर रोने लगे। शवों को देखने के लिए गांव व आसपास के लोग दौड़ पड़े। वहां उपस्थित सभी लोगों की आंखें भर आईं।
मातम में बदला दुर्गोत्सव
शवों के आते ही पूरे गांव में अफरातफरी के माहौल से गांव में दुर्गा पूजा उत्सव की जगह मातम में बदल गया है पूरा गांव रो रहा था। लोग एक ही बात बोल रहे थे कि भगवान इतना बड़ी सजा नहीं देना चाहिए था। सभी लोग एक ही बात बोल रहे थे कि दो परिवार का चिराग हमेशा के बुझ गया। यह क्षेत्र के लिए एक बड़ी हृदय विदारक घटना है।
बोलेरो सवार पांच लोगों की मौत
बता दें कि एक बोलेरो पर सवार पांच लोग सोमवार सुबह साढ़े चार बजे असनसोल गांव से बांसडीह के लिए निकले थे। साथ में अपने साला को भी ले लिए थे।
लगभग सवा पांच बजे सुबह बोलेरो की गति अधिक होने के कारण संतुलन बिगड़ गया और गाड़ी गहरे पानी में गिर गई। जिससे बोलेरे पर सवार मौके पर पांच लोगों की मौत हो गई।
इन दो परिवार ने खो दिया अपना चिराग
घटना में बांसडीह गांव निवासी राजदेव राय के 30 वर्षीय पुत्र मुकेश राय, मुकेश राय की पत्नी 28 वर्षीय लवली कुमारी, तीन वर्षीय पुत्री जीवा कुमारी व एक वर्षीय पुत्र और चितरा थाना क्षेत्र के आसनसोल गांव निवासी मनोज चौधरी का पुत्र की मौत हुई है।
जानकारी के मुताबिक, मनोज चौधरी की बेटी लवली कुमारी व दो बच्चे दामाद मुकेश राय विजया दशमी के यात्रा को लेकर सूद साधने के लिए आसनसोल गांव से देवरी के बांसडीह आ रहे थे। इसी क्रम में यह हादसा हो गया।
अष्टमी को ही घर आया था मुकेश
मुकेश सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। वह वर्तमान में हैदराबाद में कार्यरत था। अष्टमी के दिन वह गांव आया था। नवमी की शाम को ससुराल चितरा के असनसोल गांव अपनी पत्नी और बच्चे को लाने के लिए गांव के ही एक बोलेरो लेकर गया था, जो सोमवार सुबह अपनी पत्नी बच्चे व साला को साथ में लेकर घर लौट रहे थे।
मुकेश पढ़ने में बहुत मेहनती था। उसके पिता किसान हैं। आर्थिक स्थित कमजोर रहने के कारण बैंक से शिक्षा लोन लेकर पुणे से बीटेक की पढ़ाई कराई। पहली नौकरी पुणे से ही शुरू किया थी। नौकरी मिलने के बाद परिवार के लोगों में काफी खुशी थी। उसकी मौत से परिवार में सदा के लिए अंधेरा छा गया।
परिवार का रो-रो कर हालत खराब
शवों के गांव आते ही पिता राजदेव राय , मां, बहन, फुआ आदि स्वजन दहाड़ मार मार रो रहे थे। लोग रह रह कर बेहोश हो जा रहे थे। एक बार शव को देखने के लिए बार- बार गुहार लगा रहे थे। वहां मौजूद लोगों ने समझा बुझा कर शवों को ज्यों ही दिखाया कि दहाड़ मार मार रोने लगे।
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