देवघर:साइबर अपराध के गढ़ में ठगों की गजब की एकता! गिरफ्तार को छुड़ाने के लिए मिशन की तरह काम करता है पूरा गांव
Jharkhand Cyber Crime News देवघर में अब साइबर अपराध तेजी से फल-फूल रहा है। देवघर का कपसा-पिंडारी गांव साइबर ठगों का गढ़ बन चुका है। यहां के साइबर क्रिमिनल इतने शक्तिशाली हो चुके हैं कि इन्होंने गांव में ऐसा सिस्टम बना लिया जिससे गिरफ्तार ठग आसानी से छूट लेते हैं।
By Ravish SinhaEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 26 Apr 2023 07:56 PM (IST)
कंचन सौरभ मिश्रा, देवघर। Jharkhand Cyber Crime News: देवघर के सारठ का कपसा-पिंडारी गांव साइबर ठगों का गढ़ माना जाता है। करीब 400 घर की आबादी वाले इस गांव में आधे ऐसे हैं जो साइबर क्राइम के धंधे से जुड़े हुए हैं। साइबर ठगी की अवैध कमाई से पिछले सात सालों में इस गांव का कायाकल्प हो गया है।
आलीशान जिंदगी जीते हैं साइबर अपराधी
मिट्टी के कई घर अब आलीशान पक्के भवन में बदल गए हैं। अल्पसंख्यक बाहुल्य इस गांव के अधिकतर घरों में एसो आराम की सारी सुविधा मौजूद हैं। साइबर ठगी के अवैध कमाई से कई ने जेबीसी, फोर व्हिलर गाड़ियां और जमीन खरीद ली है। सड़क किनारे की कीमती जमीनों को खरीदकर साइबर अपराधियों ने घर बना लिया है।
अपराध के साथ कारोबार की दुनिया में भी कदम रख रहे साइबर ठग
साइबर अपराध से कमाई गई इस काली कमाई से साइबर अपराधी अब कोयला और इंट भट्टे का कारोबार भी शुरू कर लिया है। पिछले दिनों पुलिस ने गुलजार शेख और सरफुद्दीन अंसारी के इंट भट्टा में छापेमारी की थी। यहां से पुलिस ने 25 क्विंटल अवैध कोयला जब्त किया था। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि इस धंधे में इन लोगों ने साइबर ठगी का अवैध पैसा लगाया है।गिरफ्तार ठगों को छुड़ाने के लिए गांव में बनाया है एक सिस्टम
सूत्रों की मानें तो जब किसी साइबर ठग को दूसरे राज्य या स्थानीय पुलिस गिरफ्तार करके ले जाती है तो उसे छुड़ाने के लिए गांव में एक सिस्टम बना दिया गया है। इसके तहत पकड़े गए युवक को छुड़ाने के लिए ये ठग और उसके स्वजन आपस में एकजुट होकर चंदा इक्ट्ठा करते हैं।
गिरफ्तार ठगों को छुड़ाने के लिए करते है महंगे से महंगा वकील
इसी पैसे लोग उसे छुड़ाने के लिए दूसरे राज्य तक चले जाते हैं। वहां जाने के लिए ये अक्सर हवाई मार्ग और ट्रेन में एससी कोच में सफर करते हैं। साइबर ठग को छुडाने के लिए ये अच्छे से अच्छा वकील करते हैं। जेल से छुटने के बाद वापस लौटकर ये फिर से इसी धंधे में शामिल हो जाते हैं।कम उम्र के युवा भी सीख रहे साइबर ठगी के गुर
इस गांव में ठगी के धंधे से जुड़े कई मास्टरमाइंड हैं, जिनके संरक्षण में कम उम्र के युवा साइबर ठगी के गुर सीख रहे हैं। ठगी के लिए ये सिम कार्ड और पैसा निकालने के लिए बैंक खाता व एटीएम उपलब्ध कराते हैं। देश के विभिन्न राज्यों की पुलिस आए दिन यहां साइबर अपराधियों की तलाश में आती है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।