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Jharkhand News: बच्चों को पढ़ाने वाला मास्टर साइड से करता था कांड, जब खुलासा हुआ तो पुलिस के भी उड़े होश; जांच शुरू

Deoghar News साइबर ठगों के खिलाफ पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। 10 साइबर ठगी के आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उनके पास से साइबर थाना की पुलिस ने 27 मोबाइल 38 सिम कार्ड एक एटीएम दो पासबुक एक नोटबुक तीन दो पहिया वाहन जब्त किया है। पकड़े गए आरोपितों में एक पेशे से शिक्षक है।

By Kanchan Saurabh Mishra Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sun, 23 Jun 2024 03:16 PM (IST)
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बच्चों को पढ़ाने वाला मास्टर निकला मास्टरमाइंड (जागरण)

जागरण संवाददाता, देवघर। Deoghar News: साइबर ठगों के खिलाफ पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। 10 साइबर ठगी के आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उनके पास से साइबर थाना की पुलिस ने 27 मोबाइल, 38 सिम कार्ड, एक एटीएम, दो पासबुक, एक नोटबुक, तीन दो पहिया वाहन जब्त किया है।

बच्चों को पढ़ाने वाला शिक्षक कर रहा था साइबर ठगी

पकड़े गए आरोपितों में एक पेशे से शिक्षक है। सतीश कुमार मूल रूप से बिहार के नवादा जिला के वारसलीगंज थाना क्षेत्र के सोरहीपुर गांव का रहने वाला है। वह देवघर में कुंडा थाना क्षेत्र के बंधा इलाके में किराए के मकान में रहता है। वह बच्चों को टयूशन पढ़ता था। इलाके में लोग उसे मास्टर जी के नाम से जानते थे।

मोहल्ले वाले को भरोसा नहीं हो रहा था

जब पुलिस ने उसे पकड़ा तो मोहल्लेवालों को एक पल के लिए भरोसा ही नहीं हुआ कि उनके बच्चों को पढ़ाने वाला सीधा साधा व मधुर स्वभाव का सतीश असल में साइबर ठगी का गुरु था। उसके पास से पुलिस ने एक नोटबुक बरामद किया है। उस नोटबुक में बहुत सारे लोगों का डाटा नोट किया हुआ है।

ये डाटा वह बाहर से मंगाता था। उसी आधार पर वह लोगों को फोन करता था। लोगों को लाेन दिलाने, बीमा कराने के नाम पर प्रोसेसिंग फीस व अन्य खर्च के नाम पर ठगने काम करता था। उसके पास से एक पासबुक भी मिला है जिसमें अवैध कमाई का ब्योरा है। छानबीन के क्रम में पता चला कि सतीश शुरू से ऐसा नहीं था। वह नौकरी करता था लेकिन नौकरी छूट गई।

उसकी पहली पत्नी की मौत हो गई। उसके साथ दो छोटे-छोटे बच्चे थे। उसने मजबूरी में दूसरी शादी कर ली। उसने खर्च चलाने के लिए बच्चों को टयूशन पढ़ाने का काम शुरू किया। लेकिन पैसा कम पड़ने लगा तो वह साइबर ठगी के गोरखधंधे से जुड़ गया। कमाई अच्छी होने लगी तो पढ़ाने के आड़ में वह इस धंधे का भी मास्टर बन गया। वह ये धंधा अकेले ही करता था।

9 अन्य साइबर ठगों को किया गया गिरफ्तार

वहीं, उसके अलावा नौ अन्य साइबर ठगों को भी पुलिस ने पकड़ा है। पकड़े गए आरोपितों में जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के चितरपोका गांव निवासी शक्ति कुमार यादव, जामताड़ा जिला के करमाटांड थाना क्षेत्र के फोफनाद गांव निवासी दीपक कुमार मंडल, संतोष कुमार, बबलू कुमार, विकास कुमार, रौशन कुमार, अखिलेश कुमार, करमाटांड थाना के ही डुमरिया गांव निवासी महेन्द्र मंडल व देवघर जिला के मधुपुर थाना क्षेत्र के जयंतीग्राम निवासी संदीप कुमार दास शामिल हैं।

इन आरोपितों को मोहनपुर जिले के चिपरपोका, करौं थाना क्षेत्र केबेलमो गांव निवासी, मधुपुर थाना क्षेत्र के जयंतीग्राम से पकड़ा गया है। उनके पास से प्रतिबिंब एप पर अपलोड किया गया चार फर्जी मोबाइल नंबर बरामद किया गया है।

पूछताछ के क्रम में पता चला कि ये लोग फर्जी बैंक मैनेजर, कस्टमर केयर पदाधिकारी, सरकारी पदाधिकारी बनकर लोगां को फोन का अपने झांसा में लेकर उनके बैंक खाता की जानकारी हासिल कर ठगी का शिकार बनाते थे। पूछताछ करने के बाद सभी आरोपितों को जेल भेज दिया गया है।

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