Jharkhand Road Accident: पलक झपकते ही बुझ गया दो घरों का चिराग, देवघर सड़क हादसे में पांच लोगों की दर्दनाक मौत
विजया दशमी का उत्सव था। घर के चिराग मुकेश नानी-नाना के घर से लेकर दादा-दादी के घर जाने को व्याकुल था। नाना-नानी का घर देवघर के चितरा का आसनसोल गांव था।एक दिन पहले से घर में खुशियां भी थी और बेटी के जाने की वेदना भी..। खुशी और गम एक साथ घर में विचरण कर रहा था। उधर गिरिडीह के देवरी थानात्रेत्र के बांसडीह गांव में खुशियां ही खुशियां थी...।
By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Tue, 24 Oct 2023 05:50 PM (IST)
आरसी सिन्हा, देवघर। राजदेव राय के घर का एकलौता चिराग मुकेश राय ढाई महीने के दीपक को लेकर विजया दशमी के दिन घर जो आने वाला था। खुशियां अंगड़ाई ले रही थी। सभी लोग सुबह की प्रतीक्षा कर रहे थे कि मुकेश पत्नी लवली, ढ़ाई साल की बिटिया रीवा और ढाई महीने के बेटे के साथ आ रहा है। सभी लोग तरह तरह के पकवान बनाने की तैयारी कर लिए थे।
मंगलवार की सुबह देवघर के चितरा से सटे आसनसोल गांव से मनोज चौधरी ने अपनी बिटिया को विदा किया। गाड़ी पर बेटी-दामाद, दोनों बच्चों के साथ मनोज का एकलौता बेटा रोशन भी अपनी बहन के ससुराल जाने को सवार हुआ। सभी ने खुशी-खुशी यात्रा शुरू की, पर ये क्या...। एक घंटे बाद ही दुख का ऐसा पहाड़ टूटा कि मंगल ने दो परिवार में अमंगल की खबर सुना दी।
(सुबह अजय नदी में पलट गया था वाहन)
सुख आने से पहले लुट गया मेरा संसार ....
देवघर सदर अस्पताल में मुकेश राय के पिता गिरिडीह से पहुंच गए थे। वह दहाड़ मारकर रो रहे थे...। उनके क्रुंदन से अस्पताल का कोना कोना रो रहा था। विपदा का ऐसा दिन कभी आएगा सोचा भी नहीं था।मुकेश के दादा गणेश राय ने बताया कि बहुत मुश्किल से पोता को पाल पोसकर बड़ा किया। बहुत कष्ट से पढ़ाया लिखाया। पढ़ाने के लिए चौकीदार और नाइट गार्ड तक की नौकरी की। उस पर भी नहीं हुआ तो जमीन बेच दिया।इधर दादा फफक रहे थे तो, उधर पिता के माथे पर हाथ रखे दुख के पहाड़ को नहीं सह पाने को बरबरा रहे थे। उनके मुंह से अचानक पीड़ा के शब्द निकले सुख आने से पहले ही दुख का पहाड़ माथे पर टूट गया। अब तो सारा संसार ही लुट गया।
(अजय के चाचा बार बार कफन हटाकर भतीजा को निहारते)
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